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मसूरी में स्क्रैप टायरों से बनी इन चीजों को लोग कर रहे काफी पसंद, आकर्षण का बना केंद्र

मसूरी में विभिन्न आकार के स्क्रैप टायरों का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया है, जिन्हें सुंदर रंगों से सजाया गया है. वहीं स्क्रैप टायरों पर की गई बेहतरीन कारीगरी लोगों और सैलानियों को भी भा रही है.

'Outdoor playscape' made from damaged tires in Mussoorie
मसूरी में खराब टायरों से बनाया गया 'आउटडोर प्लेस्केप'
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Published : Jan 20, 2022, 7:57 PM IST

Updated : Jan 20, 2022, 8:40 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में खराब पड़े टायरों से विभिन्न सामानों को तैयार किया गया है. वहीं मनमोहक ढंग से बनाने की वजह से 'आउटडोर प्लेस्केप' लोगों के आर्कषण का केंद्र बना हुआ है. इतना ही नहीं यहां पर विभिन्न आकार के स्क्रैप टायरों का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया है, जिन्हें सुंदर रंगों से सजाया गया है. वहीं स्क्रैप टायरों पर की गई बेहतरीन कारीगरी लोगों और सैलानियों को भी भा रही है.

मसूरी में टायरों से बनाए गए खेल के विभिन्न मॉडल बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. वहीं यहां पर विभिन्न सामानों की जानकारी देने के लिए बोर्ड भी लगाया गया है. इसके जरिए स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटकों को सामानों के निर्माण के बारे में जानकारी मिल प्राप्त हो सके. इस पूरे मिशन में मसूरी हिलदारी संस्था और नेस्ले इंडिया द्वारा एक पहल की गई है. जिसे स्त्री मुक्ति संगठन कार्यान्वयन पार्टनर एवं रेसिटी नेटवर्क के द्वारा तकनीकी रूप से मदद दी जा रही है.

ये भी पढ़ेंः मसूरी में बर्फबारी के बाद लोगों के चेहरे खिले, पर्यटक ले रहे आनंद

इस संबंध में हिलदारी के प्रबंधक अरविंद शुक्ला ने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के क्रम में हिलदारी के पार्टनर एंथिल्स, बेंगलुरु द्वारा काम किया गया. उन्होंने बताया कि दुनिया भर में हर साल 1.5 बिलियन से अधिक बेकार टायर होते हैं और उनमें से केवल 6 फीसदी भारत में होते हैं. यदि वहां भी उत्पन्न होने वाले इस कचरे का इसी तरह उचित ढंग से उपयोग किया जाए तो इससे पैदा होने वाले कचरे को कम किया जा सकता था.

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में खराब पड़े टायरों से विभिन्न सामानों को तैयार किया गया है. वहीं मनमोहक ढंग से बनाने की वजह से 'आउटडोर प्लेस्केप' लोगों के आर्कषण का केंद्र बना हुआ है. इतना ही नहीं यहां पर विभिन्न आकार के स्क्रैप टायरों का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया है, जिन्हें सुंदर रंगों से सजाया गया है. वहीं स्क्रैप टायरों पर की गई बेहतरीन कारीगरी लोगों और सैलानियों को भी भा रही है.

मसूरी में टायरों से बनाए गए खेल के विभिन्न मॉडल बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. वहीं यहां पर विभिन्न सामानों की जानकारी देने के लिए बोर्ड भी लगाया गया है. इसके जरिए स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटकों को सामानों के निर्माण के बारे में जानकारी मिल प्राप्त हो सके. इस पूरे मिशन में मसूरी हिलदारी संस्था और नेस्ले इंडिया द्वारा एक पहल की गई है. जिसे स्त्री मुक्ति संगठन कार्यान्वयन पार्टनर एवं रेसिटी नेटवर्क के द्वारा तकनीकी रूप से मदद दी जा रही है.

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इस संबंध में हिलदारी के प्रबंधक अरविंद शुक्ला ने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के क्रम में हिलदारी के पार्टनर एंथिल्स, बेंगलुरु द्वारा काम किया गया. उन्होंने बताया कि दुनिया भर में हर साल 1.5 बिलियन से अधिक बेकार टायर होते हैं और उनमें से केवल 6 फीसदी भारत में होते हैं. यदि वहां भी उत्पन्न होने वाले इस कचरे का इसी तरह उचित ढंग से उपयोग किया जाए तो इससे पैदा होने वाले कचरे को कम किया जा सकता था.

Last Updated : Jan 20, 2022, 8:40 PM IST
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