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फीस बढ़ोत्तरी का फैसला वापस नहीं लेने पर उग्र हुए छात्र, दी आंदोलन की चेतावनी - uttarakhand news

मसूरी के एमपीजी कॉलेज के छात्रों और एनएसयूआई ने बढ़ी हुई परीक्षा फीस वापस नहीं होने से नाराजगी जताई है. गुस्साए छात्रों ने कॉलेज गेट पर धरना प्रदर्शन कर जमा की हुई फीस वापस करने की मांग की है.

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मसूरी एमपीजी कॉलेज में प्रदर्शन.
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Published : Dec 21, 2019, 3:59 PM IST

मसूरी: एमपीजी कॉलेज में बढ़ी हुई परीक्षा फीस वापस नहीं मिलने से नाराज कॉलेज छात्रसंघ और एनएसयूआई ने कॉलेज गेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. छात्रों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कुलपति और उच्च शिक्षा मंत्री से बढ़ी हुई फीस के 12 सौ रुपए वापस करने की मांग की.

मसूरी एमपीजी कॉलेज में प्रदर्शन.

दरअसल, मसूरी के एमपीजी कॉलेज में परीक्षा फीस में 12 सौ रुपए की बढ़ोत्तरी कर दी गई थी. जिसे लेकर छात्रों ने आंदोलन कर फीस नहीं बढ़ाने की मांग की थी. आंदोलन को देखते हुए प्रदेश सरकार और कुलपति ने सभी छात्रों से फीस के तौर पर ली गई अतिरिक्त रकम 10 दिसंबर तक वापस करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक छात्रों को उनके पैसे वापस नहीं किए गए हैं, जिसे लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है.

पढ़ें- प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ कर्मचारियों ने निकाली रैली, सरकार को दी चेतावनी

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार और कुलपति छात्र-छात्राओं को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. जिससे छात्र-छात्राएं परेशान हैं. उनका कहना है कि मसूरी छात्रसंघ द्वारा कॉलेज के प्राचार्य के माध्यम से कुलपति और उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर 31 दिसंबर तक बढ़ी हुई फीस को वापस करने की मांग की गई है. छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो 1 जनवरी से कॉलेज में तालाबंदी की जाएगी.

मसूरी: एमपीजी कॉलेज में बढ़ी हुई परीक्षा फीस वापस नहीं मिलने से नाराज कॉलेज छात्रसंघ और एनएसयूआई ने कॉलेज गेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. छात्रों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कुलपति और उच्च शिक्षा मंत्री से बढ़ी हुई फीस के 12 सौ रुपए वापस करने की मांग की.

मसूरी एमपीजी कॉलेज में प्रदर्शन.

दरअसल, मसूरी के एमपीजी कॉलेज में परीक्षा फीस में 12 सौ रुपए की बढ़ोत्तरी कर दी गई थी. जिसे लेकर छात्रों ने आंदोलन कर फीस नहीं बढ़ाने की मांग की थी. आंदोलन को देखते हुए प्रदेश सरकार और कुलपति ने सभी छात्रों से फीस के तौर पर ली गई अतिरिक्त रकम 10 दिसंबर तक वापस करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक छात्रों को उनके पैसे वापस नहीं किए गए हैं, जिसे लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है.

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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार और कुलपति छात्र-छात्राओं को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. जिससे छात्र-छात्राएं परेशान हैं. उनका कहना है कि मसूरी छात्रसंघ द्वारा कॉलेज के प्राचार्य के माध्यम से कुलपति और उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर 31 दिसंबर तक बढ़ी हुई फीस को वापस करने की मांग की गई है. छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो 1 जनवरी से कॉलेज में तालाबंदी की जाएगी.

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उत्तराखंड गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा फीस बढ़ोतरी की जमा फीस वापस देने का समय खत्म होने पर मसूरी एम पी जी कॉलेज छात्रसंघ और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा कॉलेज गेट पर प्रदर्शन कर राज्य सरकार और उच्च शिक्षा ममंत्री वे कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई वहीं सरकार पर छात्रों को गुमराह करने का आरोप लगाया गया छात्रों द्वारा मसूरी प्राचार्य द्वारा कुलपति और उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर तत्काल बढ़ी हुई फीस को लेकर जमा किए गए 12 सो रुपए को वापस करने की मांग की गई


Body:मसूरी एनएसयूआई शहर अध्यक्ष जगपाल गुसाई , छात्रसंघ अध्यक्ष प्रिंस पवार ,छात्र नेता मेघना और नितिन शाह ने कहा कि पूर्व में छात्रों द्वारा गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा बढ़ाई गई फीस को लेकर पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन किया गया था जिसको लेकर प्रदेश सरकार और कुलपति द्वारा 10 दिसंबर तक सभी छात्रों के द्वारा बढ़ी फीस को लेकर जमा किए गए 12 सौ ₹ को वापस करने का आश्वासन दिया गया था परंतु आज तक इस दिशा में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और कुलपति द्वारा छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ कर उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर की जा रही है वह बड़ी भी फीस के पैसे वापस करने को लेकर झूठे वायदे किए जा रहे हैं जिससे छात्र छात्राएं परेशान हैं उन्होंने कहा कि मसूरी छात्रसंघ द्वारा कॉलेज के प्राचार्य के माध्यम से कुलपति और उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर 31 दिसंबर तक बढ़ी हुई फीस को वापस करने की मांग की गई है और अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती तो 1 जनवरी से सरकार और कुलपति के खिलाफ सड़कों पर उतर कर कॉलेज में तालाबंदी करने के लिए बाध्य होंगे


Conclusion:बाइट एनएसयूआई शहर अध्यक्ष जगपाल गुसाईं दूसरी बाइट छात्र नेता मेघना तीसरी बाइट कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष प्रिंस पवार और चौथी बाइट छात्र नेता नितिन शाह
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