मसूरी: पर्यटन सीजन में पर्यटकों से गुलजार रहने वाला मसूरी इन दिनों खाली-खाली नजर आ रही है. ईद के दौरान नगर में पर्यटकों का हुजूम उमड़ा था. जिसके चलते कुछ अव्यवस्थाएं और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी थी. जिसे लेकर अब पर्यटकों ने मसूरी से मुंह फेर लिया है. इससे स्थानीय व्यापारियों के चेहरे मुरझा गए हैं.
पहाड़ों की रानी मसूरी अपने पर्यटक स्थलों को लेकर दुनिया भर में जानी जाती है. पर्यटन ही यहां के लोगों के लिए रोजगार का प्रमुख स्रोत है. लेकिन, पर्यटकों से गुलजार रहने वाली मसूरी में इन दिनों सन्नाटा छाया हुआ है. जिसके चलते होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस और स्थानीय व्यापारियों के व्यापार पर खासा असर पड़ने लगा है. ईद के दौरान नगर में कुछ अव्यवस्थाएं और जाम की स्थिति बनी, नतीजन पर्यटक यहां आने से कतराने लगे हैं. इससे लोगों के सामने आजीविका का संकट गहराने लगा है.
स्थानीय व्यापारी सतीश ढौंडियाल, हरविंदर सिंह और उमेश कुमार बताते हैं कि मसूरी में ईद के बाद उमड़े जनसैलाब के बाद कुछ अव्यवस्थाएं जरूर पैदा हुई थी. जो अक्सर जून के पीक सीजन में देखी जाती है. लेकिन मसूरी में लग रहे जाम और अव्यवस्थाओं के बाद लोग मसूरी आने से डर रहे हैं. उनका कहना है कि लोग उनको फोन करके पूछ रहे हैं कि क्या मसूरी में लंबा जाम लग रहा है? क्या वह मसूरी आएं?
स्थानीय व्यापारियों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि वे मसूरी में भारी पर्यटक सीजन के समय हो रही अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाएं, जिससे देश-विदेश से मसूरी आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो. साथ ही मसूरी में पार्किंग निर्माण के साथ वैकल्पिक मार्गों के निर्माण की मांग की, जिससे मसूरी से आने-जाने वाले लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो और पर्यटक मसूरी में अपनी छुट्टियों का आनंद ले सकें.
मसूरी स्थित होटल ब्रिजवुड के सहायक प्रबंधक रोहित पाठक ने बताया कि उनकी 40 से 50 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हो गई है. होटल पिकनिक के प्रबंधक खेमानंद भट्ट कहते हैं कि मसूरी में पर्यटकों का जो फ्लो इस समय होना चाहिए था, वह नहीं है. बहुत कम संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. जिसके चलते काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.