मसूरी: कोरोना के चलते लॉकडाउन ने सभी वर्गों की कमर तोड़ दी है. ऐसे में अभिभावकों के सामने स्कूल की फीस भरना मुश्किल साबित हो रहा है. इसे लेकर शिक्षा सचिव मीनाक्षी आर सुंदरम और मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पेन्यूली ने लॉकडाउन के दौरान स्कूल की ओर से मात्र ट्यूशन फीस ही लेने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद नगर पालिका सभासद गीता कुमाई ने पत्रकार वार्ता के दौरान उनका आभार व्यक्त किया है. वहीं अभिभावक संघ मसूरी ने भी शिक्षा सचिव का आभार व्यक्त किया है.
मसूरी नगर पालिका सभासद गीता कुमाई ने पत्रकार वार्ता में कहा कि उन्होंने मसूरी में प्राइवेट स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मनमानी फीस लेने के लिए दबाव बनाने की शिकायत शिक्षा सचिव से की थी. जिसका संज्ञान लेते हुए शिक्षा सचिव द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. उन्होंने बताया कि मुख्य शिक्षा अधिकारी ने जारी पत्र में बताया कि उत्तराखंड में लॉकडाउन के दौरान सभी स्कूल अभिभावकों से मात्र ट्यूशन फीस ही ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि अगर कोई भी स्कूल शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं करेगा, तो उसकी मान्यता रद्द की जाएगी.
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सभासद ने कहा कि मुख्य शिक्षा अधिकारी ने मात्र ऑनलाइन या अन्य संचार माध्यम से शिक्षण करवाने वाले निजी विद्यालयों को लॉकडाउन अवधि में मात्र ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी है. साथ ही अन्य किसी भी प्रकार का शुल्क अभिभावक से नहीं लेने के निर्देश दिए हैं. जिसका उन्होंने धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि स्कूल ऑनलाइन शिक्षा देने वाले शिक्षकों को कम मानदेय दे रहे हैं, जो न्याय संगत नहीं है. ऐसे में उन्होंने स्कूल प्रशासन से सभी शिक्षकों को पूरा मानदेय देने का आग्रह किया है. उन्होंने बताया कि मुख्य शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी सहसपुर, देहरादून को निर्देश दिए गए हैं कि वह समस्त विद्यालयों में शासन आदेश का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी मान्यता रद्द की जाएगी.