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मसूरी में समृद्ध हुआ पक्षियों का संसार, 7 प्रजातियां बढ़ीं तो संख्या में हुआ 326 का विस्तार - मसूरी पक्षी गणना समाचार

मसूरी में पक्षियों की गणना की गई. विशेषक्षों ने पक्षियों की जो गिनती बताई है वो खुश करने वाली है. इस बार मसूरी में पक्षियों की 7 प्रजातियां बढ़ी हैं. पक्षियों की संख्या भी बढ़ी है. पिछली बार की गणना में मसूरी में जहां पक्षियों की संख्या 756 थी, वहीं इस बार 326 पक्षी बढ़े हैं.

Mussoorie Bird Count News
मसूरी पक्षी गणना समाचार
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Published : May 10, 2022, 9:06 AM IST

Updated : May 10, 2022, 10:44 AM IST

मसूरी: वन प्रभाग के तत्वाधान में मसूरी वन्य जंतु विहार विनोग हिल में पक्षी गणना की गई. इस दौरान पक्षी विशेषज्ञों को 85 प्रजाति के 1,126 पक्षी दिखाई दिए. इससे पक्षी विशेषज्ञों में खासा उत्साह देखने को मिला. मसूरी डीएफओ कहकशां नसीम ने बताया कि विनोग हिल वन्य जंतु विहार में मसूरी वन प्रभाग के तत्वाधान में आयोजित पक्षी गणना हाथी पांव से विनोग हिल से लेकर कैम्पटी स्थित वन्य जंतु विहार के कार्यालय धोबी घाट तक की गई. इसमें विशेषज्ञों की चार टीमों ने पक्षियों की गणना व प्रजातियों की पहचान की.
बढ़ गई पक्षियों की संख्या: वन विभाग के पीसीसीएफ धनंजय मोहन ने भी पक्षी गणना में भाग लिया. उन्होंने बताया कि पक्षी गणना कार्यक्रम के तहत पक्षियों का श्रवण किया गया. इसमें 85 प्रजातियों के 1,126 पक्षी मिले. उन्होंने बताया कि मई की शुरुआत व दिसंबर की शुरुआत में पक्षी गणना का कार्य किया जाता है. इसके लिए चार रास्ते हैं, जो सात से आठ किमी लंबे हैं. इसमें पक्षी विशेषज्ञ गए व उन पक्षियों की पहचान की गई.

मसूरी में बढ़ गए पक्षी

कोविड काल में नहीं हुई थी गणना: धनंजय नेगी ने बताया कि वर्ष 2015 व 2019 में गणना की गई थी. कोविड काल में गणना नहीं हो पायी. इस बार भी अधिक अंतर नजर नहीं आया. हर वर्ष गणना में कोई न कोई नये चुनिंदा पक्षी मिल जाते हैं. इस बार दो पक्षी ऐसे मिले जो पहले रिकॉर्ड नहीं किए गये थे. ब्लैक एंड येलो ग्रासबीक मिला है. वहीं लिटिल व्हाइट फ्लाई केचर दिखाई दिए.
ब्रौड बिल की संख्या बढ़ी: उन्होंने कहा कि इस बार धोबीघाट वाले क्षेत्र में ब्रौड बिल जो यहां का चर्चित पक्षी है, वह मिले हैं. इनके पांच-छह जोड़े प्रजनन गतिविधियां करते हुए दिखे हैं. यह पक्षी ऐसे स्थानों पर पाये जाते हैं जहां कोई हलचल नहीं होती है. उस जगह पर केवल शांति हो. उन्होंने कहा कि यह अच्छा संकेत है कि उत्तर भारत के लिए यह ब्रौडबिल देखने के लिए अच्छा क्षेत्र होगा.
पक्षियों की 7 प्रजातियां बढ़ीं: डीएफओ कहकशां नसीम ने कहा कि विनोग हिल सेंचुरी पक्षियों के संरक्षण के लिए ही बनाई गई है. उन्होंने कहा कि इस बार अच्छे परिणाम आये हैं. इस बार पक्षियों की संख्या व प्रजाति अधिक मिली हैं. इस बार 85 प्रजातियां मिली हैं. जिसमें क्लेटी हेडेड अधिक मिली. क्योंकि आसपास बाग पनप रहे हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में पक्षी गणना के दौरान 78 प्रजाति के 756 पक्षी मिले थे.

ये भी पढ़ें: बर्फबारी से हिमालयी पशु-पक्षियों की परेशानी बढ़ी, निचले इलाकों का कर रहे रुख

कहकशां नसीम ने कहा कि इस बार 85 प्रजातियों के 1,126 पक्षी मिले हैं. इनमें स्लेटी हेडेड पेराकीटस 134 व ग्रे हेडेड वारब्लेयर के 87 पक्षी हैं. डब्ल्यूआईआई के निदेशक धनंजय मोहन के नेतृत्व में वन विभाग के रवि, रमन, अंचल सोंधी, तोकी आदि ने पक्षियों की गणना की. इस मौके पर पक्षी विशेषज्ञ रमन ने बताया कि पिछली गणना में भी में भी इस पक्षी गणना का हिस्सा रहे हैं. खुशी है कि इस बार स्थिति पहले से बहुत अच्छी है.

मसूरी: वन प्रभाग के तत्वाधान में मसूरी वन्य जंतु विहार विनोग हिल में पक्षी गणना की गई. इस दौरान पक्षी विशेषज्ञों को 85 प्रजाति के 1,126 पक्षी दिखाई दिए. इससे पक्षी विशेषज्ञों में खासा उत्साह देखने को मिला. मसूरी डीएफओ कहकशां नसीम ने बताया कि विनोग हिल वन्य जंतु विहार में मसूरी वन प्रभाग के तत्वाधान में आयोजित पक्षी गणना हाथी पांव से विनोग हिल से लेकर कैम्पटी स्थित वन्य जंतु विहार के कार्यालय धोबी घाट तक की गई. इसमें विशेषज्ञों की चार टीमों ने पक्षियों की गणना व प्रजातियों की पहचान की.
बढ़ गई पक्षियों की संख्या: वन विभाग के पीसीसीएफ धनंजय मोहन ने भी पक्षी गणना में भाग लिया. उन्होंने बताया कि पक्षी गणना कार्यक्रम के तहत पक्षियों का श्रवण किया गया. इसमें 85 प्रजातियों के 1,126 पक्षी मिले. उन्होंने बताया कि मई की शुरुआत व दिसंबर की शुरुआत में पक्षी गणना का कार्य किया जाता है. इसके लिए चार रास्ते हैं, जो सात से आठ किमी लंबे हैं. इसमें पक्षी विशेषज्ञ गए व उन पक्षियों की पहचान की गई.

मसूरी में बढ़ गए पक्षी

कोविड काल में नहीं हुई थी गणना: धनंजय नेगी ने बताया कि वर्ष 2015 व 2019 में गणना की गई थी. कोविड काल में गणना नहीं हो पायी. इस बार भी अधिक अंतर नजर नहीं आया. हर वर्ष गणना में कोई न कोई नये चुनिंदा पक्षी मिल जाते हैं. इस बार दो पक्षी ऐसे मिले जो पहले रिकॉर्ड नहीं किए गये थे. ब्लैक एंड येलो ग्रासबीक मिला है. वहीं लिटिल व्हाइट फ्लाई केचर दिखाई दिए.
ब्रौड बिल की संख्या बढ़ी: उन्होंने कहा कि इस बार धोबीघाट वाले क्षेत्र में ब्रौड बिल जो यहां का चर्चित पक्षी है, वह मिले हैं. इनके पांच-छह जोड़े प्रजनन गतिविधियां करते हुए दिखे हैं. यह पक्षी ऐसे स्थानों पर पाये जाते हैं जहां कोई हलचल नहीं होती है. उस जगह पर केवल शांति हो. उन्होंने कहा कि यह अच्छा संकेत है कि उत्तर भारत के लिए यह ब्रौडबिल देखने के लिए अच्छा क्षेत्र होगा.
पक्षियों की 7 प्रजातियां बढ़ीं: डीएफओ कहकशां नसीम ने कहा कि विनोग हिल सेंचुरी पक्षियों के संरक्षण के लिए ही बनाई गई है. उन्होंने कहा कि इस बार अच्छे परिणाम आये हैं. इस बार पक्षियों की संख्या व प्रजाति अधिक मिली हैं. इस बार 85 प्रजातियां मिली हैं. जिसमें क्लेटी हेडेड अधिक मिली. क्योंकि आसपास बाग पनप रहे हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में पक्षी गणना के दौरान 78 प्रजाति के 756 पक्षी मिले थे.

ये भी पढ़ें: बर्फबारी से हिमालयी पशु-पक्षियों की परेशानी बढ़ी, निचले इलाकों का कर रहे रुख

कहकशां नसीम ने कहा कि इस बार 85 प्रजातियों के 1,126 पक्षी मिले हैं. इनमें स्लेटी हेडेड पेराकीटस 134 व ग्रे हेडेड वारब्लेयर के 87 पक्षी हैं. डब्ल्यूआईआई के निदेशक धनंजय मोहन के नेतृत्व में वन विभाग के रवि, रमन, अंचल सोंधी, तोकी आदि ने पक्षियों की गणना की. इस मौके पर पक्षी विशेषज्ञ रमन ने बताया कि पिछली गणना में भी में भी इस पक्षी गणना का हिस्सा रहे हैं. खुशी है कि इस बार स्थिति पहले से बहुत अच्छी है.

Last Updated : May 10, 2022, 10:44 AM IST
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