काशीपुर: नगर में स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर हैं. वहीं, जर्जर हो चुके इस स्टेडियम के भवन में खिलाड़ी अपनी जान जोखिम में डालकर अभ्यास कर रहे हैं. काशीपुर स्पोर्ट्स स्टेडियम लगभग चालीस वर्ष पुराना है. लेकिन रख रखाव के अभाव में ये आज किसी खंडहर से कम नहीं लगता है. ऐसे में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की प्रतिभा अपने इलाकों तक ही सीमित रह गई है. जबकि, यहां खेल के मैदान से लेकर कोच तक का टोटा है.
बता दें कि काशीपुर के स्पोर्ट्स स्टेडियम की जर्जर हालत के चलते प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को नहीं निखार पा रहे हैं. खेल व्यवस्था को सुधारने के लिए तमाम योजनाएं तो बनी, लेकिन वह यहां धरातल पर नहीं उतर पाई है. जिससे लाभ खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रहा है.
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वहीं, इस स्टेडियम ने कई राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी देश को दिए हैं, जिनमें केसी बाबा, प्रियंका चौधरी, राजीव चौधरी जैसे खिलाड़ी शामिल है. जिन्होंने देश से लेकर विदेश में अपनी प्रतिभा का लौहा मनवाया है. जबकि, ऐसे प्रतिभावन खिलाड़ी देने वाला स्टेडियम आज बदहाली की कगार पर है. अनदेखी के चलते इस स्टेडियम में ट्रैक पर उड़ती धूल, कबूतर खाना बना इंडोर बैडमिंटन हाल, जर्जर बिल्डिंग, यहां की पहचान बन चुकी है.
काशीपुर के इस स्पोर्ट्स स्टेडियम को लेकर राजनीतिक दल चुनाव के वक्त तमाम वादे करते हैं. लेकिन चुनाव खत्म होते ही ये मुद्दा कहीं गौण हो जाता है. पूर्व में काशीपुर स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सूबे के खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने भी स्टेडियम की जर्जर हालत पर दुःख जताते हुए पानी की व्यवस्था के लिए पांच लाख रुपए देने की बात कही थी, लेकिन ये बात भी महज आश्वासन ही साबित हुई.
बहरहाल, सूबे के खेल मंत्री का कहना है कि खिलाड़ियों को निराश होने की जरुरत नहीं है. राज्य सरकार खेल का माहौल तैयार करने में जुटी है. अब आगे यह देखना होगा कि सरकार कब तक खेल का माहौल राज्य में विकसित करती है, और काशीपुर के खिलाड़ी कबतक जर्जर छत के नीचे साइना नेहवाल और पीवी सिंधु बनने की जोर आजमाइश करते है.