काशीपुर: उत्तराखंड में चाहे विभिन्न विभागों में सरकारी कर्मचारियों की पेंशन सुविधा समाप्त कर दी गई हो. कर्मचारियों को समय से वेतन तक न मिल रहा हो, लेकिन शासन की ओर से उत्तराखंड के 95 पूर्व विधायकों को 52 लाख 73 हजार 900 रुपये मासिक पेंशन समय से मुहैया हो रही है. यानी पूर्व विधायकों को पेंशन से मालामाल किया जा रहा है. इसमें 3 पूर्व विधायक उत्तराखंड गठन से पूर्व पेंशन का लाभ उठा रहे हैं. ये खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ है.
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी से पूर्व विधायकों को मिल रही पेंशन से संबंधित सूचनाएं मांगी थीं. उपलब्ध सूचना में विधानसभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी/उपसचिव (लेखा) हेम चंद्र पंत ने पूर्व विधायकों की पेंशन संबंधी सूची उपलब्ध करायी है.
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95 पूर्व विधायक ले रहे हैं पेंशन: नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड के कुल 95 पूर्व विधायकों को हर माह कुल 52 लाख 73 हजार नौ सौ रुपये की मासिक पेंशन दी जा रही है. इसमें पूर्व विधायकों को 1997 से 2 पूर्व विधायक, 1 पूर्व विधायक को 1998 से पेंशन मिल रही है. 8 पूर्व विधायकों को 2002, 9 को 2004, 6 को 2007, 1 को 2008, 1 को 2009, 31 पूर्व विधायकों को 2012, 5 को 2016, 29 को 2017, 1 को 2018 और 1 पूर्व विधायक को 2019 से पेंशन मिल रही है.
राज्य बनने से पहले के तीन विधायकों को भी पेंशन: सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम को उपलब्ध सूची के अनुसार 1997 से पेंशन लेने वालों में मोहम्मद असलम खान, कुंवर नरेंद्र सिंह, 1998 से राजीव कुमार शामिल हैं. 2002 से राम सिंह सैनी, मोहन सिंह रावत ’गांववासी’, निरुपमा गौड़, लाखी राम जोशी, नारायण सिंह राणा, ज्ञान चन्द्र, सुरेश चन्द्र आर्य, केसी सिंह बाबा पेंशन लेने वालों में शामिल हैं.
काशी सिंह ऐरी और नारायण जंतवाल भी ले रहे हैं पेंशन: 2004 से धनी राम सिंह नेगी, विरेंद्र सिंह, रामयश सिंह, किशन सिंह तड़ागी, नवीन चंद्र तिवारी, पूरन चंद्र शर्मा, कुंवर सिंह नेगी, गोपाल दत्त ओझा, पृथ्वीपाल सिंह चौहान शामिल हैं जिन्हें पेंशन दी जा रही है. 2007 से उम्मेद सिंह मांजिला, कैलाश शर्मा, काशी सिंह ऐरी, सूरवीर सिंह सजवाण, राम प्रसाद टम्टा, डा. नारायण सिंह जंतवाल पेंशन लेने वालों में शामिल हैं.
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किशोर उपाध्याय और शहजाद को भी मिल रही पेंशन: 2008 से इसम सिंह, 2009 से तेजपाल सिंह रावत, 2012 से राजेश जुवांठा, किशोर उपाध्याय, बलवीर सिंह, ओम गोपाल रावत, कुलदीप कुमार, जोत सिंह गुनसोला, सुरेश चंद्र जैन, चौधरी यशवीर सिंह, शहजाद, तसलीम अहमद, शैलेंद्र सिंह रावत, यशपाल बेनाम, आशा नौटियाल, केदार सिंह फोनिया, अनिल नौटियाल, गोविंद लाल, शेर सिंह गडिया, पुष्पेश त्रिपाठी, रणजीत रावत, प्रेमानंद महाजन, तिलक राज बेहड़, नारायण पाल, गोपाल सिंह राना, वीना महाराना, जोगा राम टम्टा, गगन सिंह, कैरन मेयर, दिवाकर भट्ट, मातबर सिंह, गोविंद सिंह बिष्ट, किरन मंडल को पेंशन मिल रही है.
विजय बहुगुणा और हरीश रावत भी उठा रहे पेंशन: 2016 से अमृता रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल, विजय बहुगुणा, भीमलाल आर्य, दान सिंह भंडारी तो 2017 से मालचंद, विजयपाल सिंह सजवाण, जीत राम, विक्रम सिंह नेगी, महावीर सिंह, राजकुमार, हीरा सिंह बिष्ट, चंद्र शेखर, हरिदास, सरवत करीम अंसारी, विजया बड़थ्वाल, गणेश गोदियाल, मयूख सिंह, नारायण राम आर्य, ललित फर्स्वाण, मदन सिंह बिष्ट, मनोज तिवारी, हेमेश खर्कवाल, सरिता आर्य, आरपी गार्डनर, राजेंद्र सिंह भंडारी, शैला रानी रावत, मंत्री प्रसाद नैथानी, दिनेश धनै, नवप्रभात, दिनेश अग्रवाल, सुरेंद्र सिंह नेगी, हरीश रावत, हरीश चंद्र दुर्गापाल, 2018 से महेंद्र सिंह माहरा और 2019 से भुवन चंद्र खंडूरी को पेंशन मिल रही है.
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उपलब्ध सूची के अनुसार पूर्व विधायकों में सबसे कम 14 हजार कैरन मेयर और सर्वाधिक 91 हजार राम सिंह सैनी को पेंशन मिल रही है. इसके अतिरिक्त 40 हजार से 45 हजार प्रतिमाह तक 7 पूर्व विधायकों को, 46 हजार से 48,800 तक 24 विधायक, 50 हजार से 55 हजार तक 18 विधायक, 58 हजार से 60 हजार तक 25 विधायक, 62 हजार से 66 हजार तक 7 विधायक, 67 हजार से 72 हजार तक 7 विधायक, 73 हजार 2 पूर्व विधायक, 76 हजार 1 पूर्व विधायक, 79 हजार 1 विधायक, 85 हजार की मासिक पेंशन 1 पूर्व विधायक को मिल रही है.