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काशीपुर का चैती मेला: मंदी के बाद भी अनीस भाई की दुकान में है भीड़, इनकी क्रॉकरी का है जलवा

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Published : Apr 29, 2022, 10:42 AM IST

Updated : Apr 29, 2022, 2:46 PM IST

बीती 2 अप्रैल से शुरू हुए ऐतिहासिक और सुप्रसिद्ध काशीपुर के चैती मेले में महंगाई के चलते दुकानदारों की आमद कम हुई है. वहीं महंगाई की वजह से ग्राहक भी मेले से कम खरीदारी कर रहे हैं. इन सबके बीच मेले में एक दुकान ऐसी भी है जहां ग्राहकों की भीड़ जमकर खरीदारी कर रही है. क्या है इसका कारण पढ़िए ये खबर.

Kashipur Chaiti mela
काशीपुर का चैती मेला

काशीपुर: उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मेलों में शुमार काशीपुर के चैती मेले में काफी भीड़ है. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से अनेक व्यापारी आए हैं. इन्हीं में जिला बिजनौर से क्रॉकरी की दुकान लेकर आने वाले अनीस भाई की दुकान पर भारी भीड़ लगती है. शाम होने से लेकर देर रात तक भीड़ जमी रहती है. कारण है इनकी दुकान पर 5 रुपये से लेकर 100 रुपये की कीमत में अच्छी डिजाइनदार क्रॉकरी उपलब्ध हैं.

देहरादून के हैं अनीस भाई: मूल रूप से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में विधानसभा के पास के रहने वाले अनीस भाई बताते हैं कि उनकी दुकान में क्रॉकरी से संबंधित चम्मच, छोटी बड़ी कटोरियां, प्लेटें, चमचे, ट्रे, भोजन थाल आदि अनेक वैरायटी के प्रोडक्ट हैं. उनकी दुकान में गरीबों, मध्यम वर्ग से लेकर उच्च वर्ग तक के ग्राहकों के लिए प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. उनके मुताबिक जो उत्पाद 50 रुपये का बाजार में मिलता है, वही उनके यहां 20 रुपये में मिल जाता है. इसकी वजह उक्त माल का मामूली रूप से डिफेक्टेट होना होता है. यह माल कटपीस का होता है. जोकि उन्हें भी सस्ता मिलता है. अनीस इस माल को यहां सेल के रूप में सस्ते में बेच देते हैं.

काशीपुर के चैती मेला में क्रॉकरी का है जलवा.

अनीस भाई की क्रॉकरी का जलवा: अनीस ने बताया कि समाज के निम्न वर्ग के व्यक्ति का कम पैसों में मिलने वाले सामान से शौक भी पूरा हो जाता है. वह पिछले 8 वर्षों से लगातार चैती मेले में दुकान लेकर आ रहे हैं. उनके साथ 25 लोगों की टीम आती है. उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना संकट के चलते चैती मेला नहीं लगने से वह यहां नहीं आ पाए थे. दुकान पर सामान खरीदने आने वाले ग्राहक बताते हैं कि दुकान में ₹5 से लेकर ₹100 तक के प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. इनको आम आदमी भी खरीद सकता है. यहां गरीब तबके के लोगों की भी जेब स्वीकृति देती है. चाहे वह ₹5 का सामान ले या 100 रुपये का ले.

ये भी पढ़ें: पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा दे रहीं देवकी जोशी, खूब पसंद की जा रही मंडुए की नमकीन

निम्न और मध्यम वर्ग का बजट बैठता है फिट: महिला ग्राहक अर्चना लोहनी के मुताबिक इस दुकान में छोटे तबके से लेकर बड़े तबके तक का हर व्यक्ति खरीदारी कर सकता है. बाकी पूरा मेला कीमती और महंगे सामानों वाला है. आम व्यक्ति की जेब की पहुंच से बाहर है. क्योंकि दुकानें काफी ऊंचे दामों पर दी गयी हैं.

काशीपुर: उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मेलों में शुमार काशीपुर के चैती मेले में काफी भीड़ है. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से अनेक व्यापारी आए हैं. इन्हीं में जिला बिजनौर से क्रॉकरी की दुकान लेकर आने वाले अनीस भाई की दुकान पर भारी भीड़ लगती है. शाम होने से लेकर देर रात तक भीड़ जमी रहती है. कारण है इनकी दुकान पर 5 रुपये से लेकर 100 रुपये की कीमत में अच्छी डिजाइनदार क्रॉकरी उपलब्ध हैं.

देहरादून के हैं अनीस भाई: मूल रूप से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में विधानसभा के पास के रहने वाले अनीस भाई बताते हैं कि उनकी दुकान में क्रॉकरी से संबंधित चम्मच, छोटी बड़ी कटोरियां, प्लेटें, चमचे, ट्रे, भोजन थाल आदि अनेक वैरायटी के प्रोडक्ट हैं. उनकी दुकान में गरीबों, मध्यम वर्ग से लेकर उच्च वर्ग तक के ग्राहकों के लिए प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. उनके मुताबिक जो उत्पाद 50 रुपये का बाजार में मिलता है, वही उनके यहां 20 रुपये में मिल जाता है. इसकी वजह उक्त माल का मामूली रूप से डिफेक्टेट होना होता है. यह माल कटपीस का होता है. जोकि उन्हें भी सस्ता मिलता है. अनीस इस माल को यहां सेल के रूप में सस्ते में बेच देते हैं.

काशीपुर के चैती मेला में क्रॉकरी का है जलवा.

अनीस भाई की क्रॉकरी का जलवा: अनीस ने बताया कि समाज के निम्न वर्ग के व्यक्ति का कम पैसों में मिलने वाले सामान से शौक भी पूरा हो जाता है. वह पिछले 8 वर्षों से लगातार चैती मेले में दुकान लेकर आ रहे हैं. उनके साथ 25 लोगों की टीम आती है. उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना संकट के चलते चैती मेला नहीं लगने से वह यहां नहीं आ पाए थे. दुकान पर सामान खरीदने आने वाले ग्राहक बताते हैं कि दुकान में ₹5 से लेकर ₹100 तक के प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. इनको आम आदमी भी खरीद सकता है. यहां गरीब तबके के लोगों की भी जेब स्वीकृति देती है. चाहे वह ₹5 का सामान ले या 100 रुपये का ले.

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निम्न और मध्यम वर्ग का बजट बैठता है फिट: महिला ग्राहक अर्चना लोहनी के मुताबिक इस दुकान में छोटे तबके से लेकर बड़े तबके तक का हर व्यक्ति खरीदारी कर सकता है. बाकी पूरा मेला कीमती और महंगे सामानों वाला है. आम व्यक्ति की जेब की पहुंच से बाहर है. क्योंकि दुकानें काफी ऊंचे दामों पर दी गयी हैं.

Last Updated : Apr 29, 2022, 2:46 PM IST
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