हरिद्वार: जिले में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा. गुलदार हो या हाथी हर रोज रिहायशी इलाके में आ रहे हैं, जिस कारण लोग दहशत में हैं. इसी क्रम में 7 हाथियों का एक झुंड लगातार तीन हफ्ते से भेल क्षेत्र के रिहायशी इलाके में आ रहा है. वन प्रभाग को भी इन हाथियों को जंगल की तरफ भेजने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. वहीं, भेल क्षेत्र में एक गुलदार का भी आतंक है, जो अब तक एक व्यक्ति को अपना शिकार बना चुका है.
बता दें कि हरिद्वार का भेल क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है. जिस कारण आए दिन जंगली जानवर भेल के रिहायशी इलाकों में घुस जाते हैं. इसी क्रम में हाथियों का एक झुंड भेल के रिहायशी क्षेत्र में आ रहा है और भेल की सड़कों पर घूम रहा है. जिस कारण वहां रह रहे लोग दहशत में हैं. साथ ही सड़क पर भी लंबा जाम लग जाता है. इसके अलावा एक व्यक्ति को अपना निवाला बना चुके गुलदार का भी आतंक है. क्षेत्र में जगह-जगह पिंजरा लगाने के बावजूद ये गुलदार वन विभाग की पहुंच से बाहर है.
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भेल क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हाथियों के झुंड के आने से डर का माहौल बना रहता है. दिन हो या रात हाथी कभी भी रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं, लेकिन वन प्रभाग इन हाथियों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है. यहां हाथियों का झुंड सड़कों पर आ जाता है और इस वजह से कई घंटों तक जाम की स्थिति बनी रहती है.
वहीं, हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि भेल का क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से लगा हुआ है. क्षेत्र में गुलदार सहित कई जंगली जानवर आते रहते हैं. लेकिन सबसे बड़ी चिंता का विषय हाथियों का आना है. जिस जगह हाथी आते हैं वहां पर हॉस्पिटल, बीएचईएल, पुलिस के सिटी पेट्रोल यूनिट का कार्यालय और कई स्कूल भी हैं. ऐसे में हाथियों का आना एक बड़ा खतरा बन सकता है.
डीएफओ आकाश वर्मा ने कहा कि इन हाथियों के आने से ट्रैफिक बाधित हो जाता है. साथ ही कहा कि हाथी आते हैं तो लोग इनको देखने के लिए पास आ जाते हैं और फोटो खींचने लगते हैं. जोकि काफी खतरनाक हो सकता जाता है. डीएफओ ने कहा कि टीम लगातार हाथी को रोकने की कोशिश कर रही है, लेकिन हाथियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है.