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रिहायशी इलाकों में लगातार आ रहे जंगली जानवर, खौफ के साए में लोग

हरिद्वार के भेल क्षेत्र में हाथियों का एक झुंड लगातार तीन हफ्तों से रिहायशी इलाके में घुस रहा है. जिस कारण इलाके में दहशत का माहौल है. वहीं वन प्रभाग को भी इन हाथियों को जंगल की तरफ भेजने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

रिहायशी इलाकों में घुस रहे जंगली जानवर.
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Published : Oct 30, 2019, 8:10 PM IST

हरिद्वार: जिले में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा. गुलदार हो या हाथी हर रोज रिहायशी इलाके में आ रहे हैं, जिस कारण लोग दहशत में हैं. इसी क्रम में 7 हाथियों का एक झुंड लगातार तीन हफ्ते से भेल क्षेत्र के रिहायशी इलाके में आ रहा है. वन प्रभाग को भी इन हाथियों को जंगल की तरफ भेजने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. वहीं, भेल क्षेत्र में एक गुलदार का भी आतंक है, जो अब तक एक व्यक्ति को अपना शिकार बना चुका है.

बता दें कि हरिद्वार का भेल क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है. जिस कारण आए दिन जंगली जानवर भेल के रिहायशी इलाकों में घुस जाते हैं. इसी क्रम में हाथियों का एक झुंड भेल के रिहायशी क्षेत्र में आ रहा है और भेल की सड़कों पर घूम रहा है. जिस कारण वहां रह रहे लोग दहशत में हैं. साथ ही सड़क पर भी लंबा जाम लग जाता है. इसके अलावा एक व्यक्ति को अपना निवाला बना चुके गुलदार का भी आतंक है. क्षेत्र में जगह-जगह पिंजरा लगाने के बावजूद ये गुलदार वन विभाग की पहुंच से बाहर है.

रिहायशी इलाकों में घुस रहे जंगली जानवर.

पढ़ें: स्टिंग मामले को लेकर CBI के खिलाफ मोर्चा खोलेगी कांग्रेस, हरदा के बारे में जानेंगे लोगों की राय

भेल क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हाथियों के झुंड के आने से डर का माहौल बना रहता है. दिन हो या रात हाथी कभी भी रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं, लेकिन वन प्रभाग इन हाथियों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है. यहां हाथियों का झुंड सड़कों पर आ जाता है और इस वजह से कई घंटों तक जाम की स्थिति बनी रहती है.

वहीं, हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि भेल का क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से लगा हुआ है. क्षेत्र में गुलदार सहित कई जंगली जानवर आते रहते हैं. लेकिन सबसे बड़ी चिंता का विषय हाथियों का आना है. जिस जगह हाथी आते हैं वहां पर हॉस्पिटल, बीएचईएल, पुलिस के सिटी पेट्रोल यूनिट का कार्यालय और कई स्कूल भी हैं. ऐसे में हाथियों का आना एक बड़ा खतरा बन सकता है.

डीएफओ आकाश वर्मा ने कहा कि इन हाथियों के आने से ट्रैफिक बाधित हो जाता है. साथ ही कहा कि हाथी आते हैं तो लोग इनको देखने के लिए पास आ जाते हैं और फोटो खींचने लगते हैं. जोकि काफी खतरनाक हो सकता जाता है. डीएफओ ने कहा कि टीम लगातार हाथी को रोकने की कोशिश कर रही है, लेकिन हाथियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है.

हरिद्वार: जिले में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा. गुलदार हो या हाथी हर रोज रिहायशी इलाके में आ रहे हैं, जिस कारण लोग दहशत में हैं. इसी क्रम में 7 हाथियों का एक झुंड लगातार तीन हफ्ते से भेल क्षेत्र के रिहायशी इलाके में आ रहा है. वन प्रभाग को भी इन हाथियों को जंगल की तरफ भेजने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. वहीं, भेल क्षेत्र में एक गुलदार का भी आतंक है, जो अब तक एक व्यक्ति को अपना शिकार बना चुका है.

बता दें कि हरिद्वार का भेल क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है. जिस कारण आए दिन जंगली जानवर भेल के रिहायशी इलाकों में घुस जाते हैं. इसी क्रम में हाथियों का एक झुंड भेल के रिहायशी क्षेत्र में आ रहा है और भेल की सड़कों पर घूम रहा है. जिस कारण वहां रह रहे लोग दहशत में हैं. साथ ही सड़क पर भी लंबा जाम लग जाता है. इसके अलावा एक व्यक्ति को अपना निवाला बना चुके गुलदार का भी आतंक है. क्षेत्र में जगह-जगह पिंजरा लगाने के बावजूद ये गुलदार वन विभाग की पहुंच से बाहर है.

रिहायशी इलाकों में घुस रहे जंगली जानवर.

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भेल क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हाथियों के झुंड के आने से डर का माहौल बना रहता है. दिन हो या रात हाथी कभी भी रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं, लेकिन वन प्रभाग इन हाथियों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है. यहां हाथियों का झुंड सड़कों पर आ जाता है और इस वजह से कई घंटों तक जाम की स्थिति बनी रहती है.

वहीं, हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि भेल का क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से लगा हुआ है. क्षेत्र में गुलदार सहित कई जंगली जानवर आते रहते हैं. लेकिन सबसे बड़ी चिंता का विषय हाथियों का आना है. जिस जगह हाथी आते हैं वहां पर हॉस्पिटल, बीएचईएल, पुलिस के सिटी पेट्रोल यूनिट का कार्यालय और कई स्कूल भी हैं. ऐसे में हाथियों का आना एक बड़ा खतरा बन सकता है.

डीएफओ आकाश वर्मा ने कहा कि इन हाथियों के आने से ट्रैफिक बाधित हो जाता है. साथ ही कहा कि हाथी आते हैं तो लोग इनको देखने के लिए पास आ जाते हैं और फोटो खींचने लगते हैं. जोकि काफी खतरनाक हो सकता जाता है. डीएफओ ने कहा कि टीम लगातार हाथी को रोकने की कोशिश कर रही है, लेकिन हाथियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है.

Intro:हरिद्वार भेल क्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है गुलदार हो या हाथी हर रोज क्षेत्र में आ रहे हैं हाथियों का एक झुंड जिसमें 7 हाथी है हर रोज भेल के रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं जिसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है भेल क्षेत्र में एक गुलदार भी आतंक का पर्याय बना हुआ है यह गुलदार नरभक्षी बन चुका है और एक व्यक्ति को अब तक अपना शिकार बना चुका है वही हाथियों का झुंड तकरीबन तीन हफ्तों से रोजाना दिन हो या शाम भेल की सड़कों पर आ जाता है वन प्रभाग को इन हाथियों के झुंड को जंगल की तरफ भेजने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है आखिर क्या है यह मामला क्यों हाथी के झुंड और गुलदार ने भेल के लोगों को खौफ के साए में जीने को मजबूर कर दिया है देखे हमारी यह खास रिपोर्टBody:हरिद्वार का भेल क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है और आए दिन जंगली जानवर भेल के रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं जानवरों के आने से भेल क्षेत्र में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल बना रहता है वन प्रभाग इन जंगली जानवरों को रिहायशी इलाकों में आने से रोकने के बड़े-बड़े दावे करता हैं मगर वन प्रभाग के दावे सभी हवा हवाई साबित होते हैं कई हफ्तों से भेल क्षेत्र में हाथियों के झुंड के आने से भेल में रहने वाले लोग डर के साए में जीने को मजबूर है यह हाथियों का झुंड बेरोकटोक दिन हो या रात भेल के रिहायशी क्षेत्र में आ रहा है और भेल की सड़कों पर घूम रहा है इस वजह से रोड पर भी लंबा जाम लग जाता है सबसे ज्यादा वन प्रभाव को परेशानी तब होती है जब इन हाथियों को देखकर लोग हाथियों के पास जाकर सेल्फी खींचने लग जाते हैं और इस वजह से कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है इसके उलट क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने गुलदार ने भी अब तक एक व्यक्ति को अपना निवाला बना लिया है पिंजरे लगाने के बाद भी यह गुलदार वन विभाग की पहुच से बाहर है

हरिद्वार वन प्रभाग डीएफओ अकाश वर्मा का कहना है कि भेल का क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से लगा हुआ है इस क्षेत्र में वन जीवो का आवागमन रहता है क्षेत्र में गुलदार सहित कई जंगली जानवर आ जाते है मगर सबसे बड़ी चिंता का विषय है हाथियों का आना है जिस जगह हाथी आते हैं वहां पर हॉस्पिटल बीएचएल फ़ॉन्ड्री पुलिस का सिटी पेट्रोल यूनिट का कार्यालय भी है और कई स्कूल भी है ऐसे में हाथियों का आना एक बड़ा खतरा बन जाता है पिछले तीन हफ्तों से इस क्षेत्र में हाथियों का एक झुंड जिसमें 7 हाथी है वो हर रोज पाक सीमा से शाम को इस क्षेत्र में आ जाते थे जिस क्षेत्र में हाथी आते हैं वहां पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक का आवागमन रहता है मगर पिछले कुछ दिनों से यह हाथियों का झुंड दोपहर में ही पाक से इस क्षेत्र में आ रहा है इन हाथियों के आने से लोगों में भय का माहौल बना हुआ है

बाइट आकाश वर्मा वन प्रभाग डीएफओ

डीएफओ अकाश वर्मा का कहना है कि इन हाथियों के आने से खतरा भी है क्योंकि जिस वक्त यह हाथी सड़क पर आते हैं तो ट्रैफिक भी बाधित हो जाता है और जब यह हाथी आते हैं तो लोग इनको देखने के लिए इनके पास जाते हैं और फोटो भी खींचते हैं यह काफी खतरनाक हो जाता है इससे हाथी भी क्रोधित होता है जिसे कई बार हाथियों को ट्रैफिक के पीछे भी भागता हुआ देखा गया है यह बहुत ही गंभीर स्थिति है हमारी तरफ से दो तीन टीमें हाथियों के आने की सूचना मिलते ही लगाई जाती है वन प्रभाग द्वारा प्रयास किए जाते हैं मगर उसके बावजूद भी हाथी रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं इन हाथियों को रोकने केेेे लिए हमारी टीम लगी रहती है और हाथियों को एक क्षेत्र में रोक लेती है जब ट्रैफिक थोड़ा कम होता है तो हमारे द्वारा कोशिश की जाती है हाथियों को कोई भी नुकसान ना पहुंचे उन्हें वहां से हटाया जा सके हमारी टीम लगातार प्रयास कर रही है कि हाथी इस क्षेत्र में ना आए मगर इन हाथियों के आने का सिलसिला हर रोज हो रहा है ऐसे में हमेशा एक खतरा बना रहता है किसी दिन भी कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है हमारा प्रयास रहता है इन हाथियों के आने की वजह से किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोका जा सके

बाइट आकाश वर्मा वन प्रभाग डीएफओ

भेल क्षेत्र में हाथियों के झुंड के आने से लोग भी काफी डरे हुए हैं लोगों का कहना है कि हाथी के झुंड के आने से डर का माहौल बना रहता है हाथी दिन हो या रात कभी भी रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं मगर वन प्रभाग इन हाथियों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है यह हाथियों का झुंड सड़कों पर आ जाता है और इस वजह से कई घंटों तक जाम की स्थिति बनी रहती है वन प्रभाग को इस हाथियों के झुंड को क्षेत्र में आने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है नहीं तो किसी दिन कोई बड़ी घटना हो सकती है

बाइट स्थानीय निवासीConclusion:हरिद्वार के भेल क्षेत्र में आए दिन जंगली जानवर आतंक मचाए रहते हैं वन प्रभाग इन जंगली जानवरों को आने से रोकने के सिर्फ दावे ही करता रहता है मगर इन जंगली जानवरों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है इन हाथियों के झुंड और गुलदार ने भेल के लोगों को डर के साए में जीने को मजबूर कर दिया है अब देखना होगा वन प्रभाग इन हाथियों के झुंड और गुलदार को भेल के रिहायशी क्षेत्र में आने से कैसे रोकता है जबकि अभी तक वन प्रभाग इन हाथियों के झुंड को रिहायशी इलाकों में रोकने में और नरभक्षी गुलदार को पकड़ने में नाकाम ही साबित हुआ है
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