ETV Bharat / city

आफत की बारिश: खतरे के निशान को गंगा ने किया पार, निचले इलाकों में अलर्ट

प्रदेश में इन दिनों बारिश आफत बनकर बरस रही है. लगातार हो रही बारिश से पहाड़ी और मैदानी इलाकों में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार हो रही बारिश से गंगा नदी भी उफान पर है. हरिद्वार में बीती देर रात गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई.

गंगा नदी के जलस्तर ने बढ़ाई प्रशासन की मुश्किलें
author img

By

Published : Aug 19, 2019, 5:06 PM IST

Updated : Aug 19, 2019, 5:19 PM IST

हरिद्वार: पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश की वजह से अब निचले इलाकों में गंगा अपने रौद्र रूप में बहने लगी है. देर रात हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान(294 मीटर) से ऊपर बहने लगी थी, मगर अब धीरे-धीरे गंगा का लेवल घटने से ये जलस्टर 293 मीटर तक पहुंच गया है. ऊपरी इलाकों में हो रही बारिश के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में गंगा का जलस्तर बढ़ेगा. जिसे देखते हुए प्रशासन मुस्तैद हो गया है.

पढ़ें-उत्तरकाशी आपदा पर आपदा सचिव की प्रेस कांफ्रेंस

प्रदेश में इन दिनों बारिश आफत बनकर बरस रही है. लगातार हो रही बारिश से पहाड़ी और मैदानी इलाकों में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार हो रही बारिश से गंगा नदी भी उफान पर है. हरिद्वार में बीती रात गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई. जिसके बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गये. जानकारी मिलते ही आनन-फानन में प्रशासन के आलाअधिकारी मौके पर पहुंचे. जहां पहुंचकर उन्होंने स्थिति का जायजा लिया. हालांकि सुबह होते ही गंगा के जलस्तर में थोड़ी गिरावट आई. जिसके बाद गंगा खतरे के निशान से कुछ नीचे बहने लगी.

गंगा नदी के जलस्तर ने बढ़ाई प्रशासन की मुश्किलें

पढ़ें-सौंग नदी की तेज बहाव से पलटी जीप, एक महिला की मौत, चार लोगों को किया रेस्क्यू

यूपी सिंचाई विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर दिनेश कुमार ने बताया कि विभाग लगातार गंगा के जलस्तर पर पूरी नजर बनाए हुए है. उन्होंने बताया कि बैराज पर सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी जा रही है. देर रात सिंचाई विभाग के अधिकारी बैराज पर मौजूद थे. उन्होंने बताया कि गंगा के लेवल को लेकर विभाग लगातार हरिद्वार प्रशासन को सूचना दे रहा है. निचले इलाकों में बाढ़ की समस्या न उत्पन्न हो इसके लिए यूपी के उच्च अधिकारियों को भी सूचना दी जा रही है. पहाड़ों पर हो रही बारिश को देखते हुए यहां लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

पढ़ें-उत्तरकाशी: आपदा में घायल लोगों को किया जा रहा एयरलिफ्ट, रोकी गई चारधाम यात्रा

लगातार हो रही बरसात और पहाड़ों पर भारी त्रासदी पर उत्तराखंड सरकार भी अपनी नजर बनाए हुए है. बरसात के कारण पैदा हुए हालातों पर काबू पाने के लिए सरकार ने जगह-जगह एसडीआरएफ की टीमें भेज दी हैं. साथ ही प्रशासन को भी अलर्ट रहने के आदेश दिये गये हैं. निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा न हो इसके लिए टिहरी डैम से पानी कंट्रोल किया जा रहा है. उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि जब से टिहरी डैम बनाया गया है तब से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा कम हो गया है. उन्होंने कहा कि टिहरी डैम का फायदा हमें केदारनाथ आपदा के समय में भी मिला था तब भी यहीं से पानी को कंट्रोल किया गया था.

ऋषिकेश में भी मंडरा रहा खतरा

वहीं अगर तीर्थनगरी ऋषिकेश की बात करें तो यहां भी कमोवेश वही हालात हैं. गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण नदी के किनारे बसी बस्तियों पर खतरा मंडराने लगा है. जिसके कारण ऋषिकेश प्रशासन ने गंगा किनारे बसे सभी क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित किया है. वहीं आपदा राहत की टीमों को भी तैनात किया गया है. तहसीलदार रेखा आर्य ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर रायवाला, गोहरीमाफी, चंद्रेश्वर नगर, साहब नगर सहित उन सभी क्षेत्र में हाई एलर्ट घोषित किया है, जहां पर आपदा जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. रेखा आर्य ने बताया कि इन सभी स्थानों पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गई है. साथ ही आपदा राहत की टीमें भी लगातार क्षेत्रों पर नजर बनाए हुए हैं.

हरिद्वार: पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश की वजह से अब निचले इलाकों में गंगा अपने रौद्र रूप में बहने लगी है. देर रात हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान(294 मीटर) से ऊपर बहने लगी थी, मगर अब धीरे-धीरे गंगा का लेवल घटने से ये जलस्टर 293 मीटर तक पहुंच गया है. ऊपरी इलाकों में हो रही बारिश के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में गंगा का जलस्तर बढ़ेगा. जिसे देखते हुए प्रशासन मुस्तैद हो गया है.

पढ़ें-उत्तरकाशी आपदा पर आपदा सचिव की प्रेस कांफ्रेंस

प्रदेश में इन दिनों बारिश आफत बनकर बरस रही है. लगातार हो रही बारिश से पहाड़ी और मैदानी इलाकों में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार हो रही बारिश से गंगा नदी भी उफान पर है. हरिद्वार में बीती रात गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई. जिसके बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गये. जानकारी मिलते ही आनन-फानन में प्रशासन के आलाअधिकारी मौके पर पहुंचे. जहां पहुंचकर उन्होंने स्थिति का जायजा लिया. हालांकि सुबह होते ही गंगा के जलस्तर में थोड़ी गिरावट आई. जिसके बाद गंगा खतरे के निशान से कुछ नीचे बहने लगी.

गंगा नदी के जलस्तर ने बढ़ाई प्रशासन की मुश्किलें

पढ़ें-सौंग नदी की तेज बहाव से पलटी जीप, एक महिला की मौत, चार लोगों को किया रेस्क्यू

यूपी सिंचाई विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर दिनेश कुमार ने बताया कि विभाग लगातार गंगा के जलस्तर पर पूरी नजर बनाए हुए है. उन्होंने बताया कि बैराज पर सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी जा रही है. देर रात सिंचाई विभाग के अधिकारी बैराज पर मौजूद थे. उन्होंने बताया कि गंगा के लेवल को लेकर विभाग लगातार हरिद्वार प्रशासन को सूचना दे रहा है. निचले इलाकों में बाढ़ की समस्या न उत्पन्न हो इसके लिए यूपी के उच्च अधिकारियों को भी सूचना दी जा रही है. पहाड़ों पर हो रही बारिश को देखते हुए यहां लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

पढ़ें-उत्तरकाशी: आपदा में घायल लोगों को किया जा रहा एयरलिफ्ट, रोकी गई चारधाम यात्रा

लगातार हो रही बरसात और पहाड़ों पर भारी त्रासदी पर उत्तराखंड सरकार भी अपनी नजर बनाए हुए है. बरसात के कारण पैदा हुए हालातों पर काबू पाने के लिए सरकार ने जगह-जगह एसडीआरएफ की टीमें भेज दी हैं. साथ ही प्रशासन को भी अलर्ट रहने के आदेश दिये गये हैं. निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा न हो इसके लिए टिहरी डैम से पानी कंट्रोल किया जा रहा है. उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि जब से टिहरी डैम बनाया गया है तब से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा कम हो गया है. उन्होंने कहा कि टिहरी डैम का फायदा हमें केदारनाथ आपदा के समय में भी मिला था तब भी यहीं से पानी को कंट्रोल किया गया था.

ऋषिकेश में भी मंडरा रहा खतरा

वहीं अगर तीर्थनगरी ऋषिकेश की बात करें तो यहां भी कमोवेश वही हालात हैं. गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण नदी के किनारे बसी बस्तियों पर खतरा मंडराने लगा है. जिसके कारण ऋषिकेश प्रशासन ने गंगा किनारे बसे सभी क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित किया है. वहीं आपदा राहत की टीमों को भी तैनात किया गया है. तहसीलदार रेखा आर्य ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर रायवाला, गोहरीमाफी, चंद्रेश्वर नगर, साहब नगर सहित उन सभी क्षेत्र में हाई एलर्ट घोषित किया है, जहां पर आपदा जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. रेखा आर्य ने बताया कि इन सभी स्थानों पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गई है. साथ ही आपदा राहत की टीमें भी लगातार क्षेत्रों पर नजर बनाए हुए हैं.

Intro:पहाड़ों पर हो रही लगातार भारी बारिश की वजह से अब निचले इलाके में गंगा अपने रौद्र रूप में बहने लगी है हरिद्वार में गंगा देर रात खतरे के निशान 294 मीटर से ऊपर बहने लगी थी मगर धीरे-धीरे गंगा का लेवल घटा अब भी गंगा चेतावनी लेवल 293 से ऊपर बह रही है जिस तरह से लगातार पहाड़ों में बरसात हो रही है उससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता रहेगा गंगा के जलस्तर को बढ़ता देख प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है यूपी सिंचाई विभाग ने देर रात से ही गंगा के जलस्तर पर नजर बनाई हुई है साथ ही सीसीटीवी कैमरे से भी गंगा के जलस्तर बढ़ने की पल-पल की अपडेट ली जा रही हैBody:लगातार हो रही पहाड़ों पर बरसात से निचले इलाकों में भी बाढ़ का संकट मंडराने लगा है हरिद्वार में गंगा देर रात खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी थी मगर धीरे-धीरे गंगा का जलस्तर कुछ घटा है मगर अब भी गंगा चेतावनी लेवल से ऊपर ही बह रही है देर रात को गंगा खतरे के निशान 294 मीटर से ऊपर 295.05 मीटर पर बहने लगी थी जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया आनन-फानन में देर रात ही मौके पर आला अधिकारी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया मगर सुबह होते ही गंगा के जलस्तर में थोड़ी गिरावट आई जिसमें गंगा चेतावनी लेवल 293 मीटर से ऊपर 293.6 मीटर पर बहने लगी इस लेवल पर भी गंगा निचले इलाकों में कहर बनकर टूट सकती है इसी को देखते हुए हरिद्वार प्रशासन और यूपी सिंचाई विभाग गंगा के जलस्तर पर अपनी नजर बनाए हुए हैं और निचले इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया है

यूपी सिंचाई विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर दिनेश कुमार का कहना है कि सिंचाई विभाग द्वारा गंगा के जलस्तर पर पूरी नजर बनाई हुई है बैराज पर सीसीटीवी कैमरे से भी नजर रखी जा रही है देर रात सिंचाई विभाग के अधिकारी बैराज पर मौजूद थे गंगा देर रात को खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी हरिद्वार में खतरे का निशान 294 मीटर है मगर देर रात गंगा 295.5 मीटर पर बहने लगी थी इस वक्त भी गंगा चेतावनी लेवल 293 मीटर से ऊपर 293.6 मीटर पर बह रही है और यह अलर्ट लेवल है हमारे द्वारा हरिद्वार प्रशासन को समय समय पर सूचना दी जा रही है हम हरिद्वार प्रशासन के पूरा संपर्क में है कि निचले इलाकों में बाढ़ की समस्या ना उत्पन्न हो हमारे द्वारा यूपी में उच्च अधिकारियों को भी सूचना दी जा रही है पहाड़ों पर जिस तरह से लगातार बरसात हो रही है उसको देखते हुए लगातार यहां पर मॉनिटरिंग की जा रही है

बाइट--दिनेश कुमार--एग्जीक्यूटिव इंजीनियर यूपी सिंचाई विभाग

लगातार हो रही बरसात और पहाड़ों पर भारी त्रासदी पर उत्तराखंड सरकार ने भी अपनी नजर बनाई हुई है और लगातार वहां के प्रशासन से संपर्क में है साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी सरकार द्वारा जगह-जगह भेजी जा चुकी है मगर पहाड़ों पर बरसात रुकने का नाम नहीं ले रही है इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न ना हो इसको लेकर टिहरी डैम के माध्यम से पानी को कंट्रोल कर रही है उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि पहाड़ों पर हो रही लगातार बरसात पर सरकार अपनी नजर बनाए हुए हैं और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा ना हो इसको देखते हुए टिहरी डैम से पानी को कंट्रोल किया जा रहा है टिहरी डैम बनने से पहले और अब की स्थिति में बहुत अंतर आ चुका है जब से टिहरी डैम बनाया गया तब से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा कम हो गया है टिहरी डैम का फायदा हमें 2013 में भी मिला था जब केदारनाथ आपदा आई थी तब भी यहीं से पानी को कंट्रोल किया गया था नहीं तो उस वक्त बहुत बड़ी घटना हो सकती थी लगातार हो रही बारिश की वजह से अगर पानी ज्यादा आता है तो हम टिहरी डैम से पानी उतना ही छोड़ेंगे जितना संभावित हो सके

बाइट--मदन कौशिक--शहरी विकास मंत्री उत्तराखंडConclusion:पहाड़ों पर बरसात के रुकने का नाम नहीं और गंगा अपने रौद्र रूप में बह रही है इससे पहाड़ों के साथ-साथ निचले इलाकों में भी खौफ का वातावरण पैदा हो गया है लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर पर सरकार और प्रशासन अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं जिस तरह से गंगा हरिद्वार में खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी थी उससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में गंगा निचले इलाकों में तबाही मचा सकती है यही वजह है की यूपी सिंचाई विभाग और हरिद्वार जिला प्रशासन खतरे को देखते हुए पूरी मुस्तैदी से डटा हुआ है और निचले इलाकों में प्रशासन द्वारा चेतावनी दे दी गई है साथ ही एसडीआरएफ जल पुलिस को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं
Last Updated : Aug 19, 2019, 5:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.