हरिद्वार: सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने आज हरिद्वार में इंडस्ट्रियल समिट का शुभारंभ किया. कार्यक्रम में भाग लेने के लिए महाराष्ट्र, दिल्ली, एनसीआर, कर्नाटक, हरियाणा, ओडिशा और चंडीगढ़ के 45 से अधिक एक्जीबिटर्स पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उद्यमियों को उत्तराखंड में उद्योग लगाने के फायदे गिनाए और साथ ही निवेशकों से राज्य में निवेश करने की अपील की.
हरिद्वार भेल के कन्वेंशन हॉल में सीआईआई के सहयोग से दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य में स्थापित उद्योगों और उनकी समस्या के निवारण पर चर्चा की. साथ ही निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया.
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इस दौरान मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पिछले साल देहरादून में आयोजित औद्योगिक समिट के बेहतर परिणाम सामने आए हैं. जिसमें 17000 करोड़ से ज्यादा का निवेश उत्तराखंड में हुआ है. पर्वतीय क्षेत्रों में 58 रूलर ग्रोथ सेंटर के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट का कार्य कर रहे हैं. साथ ही कहा कि उत्तराखंड का वातावरण उद्योगों के लिहाज से अनुकूल है. सरकार 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' कार्यक्रम के तहत उद्योगों को स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
वहीं, इंडस्ट्रियल सम्मिट में पहुंचे सीआईआई अध्यक्ष मुकेश गोयल ने कहा कि समिट में 45 एक्जीबिटर पांच राज्यों से आए हुए हैं. इस कार्यक्रम में तीन कॉन्फ्रेंस की जा रही है. फीचर ऑफ मेन्युफैक्चरिंग जिसमें इंडस्ट्री 4.0 एक सेशन है, दूसरा ग्रीन मेन्युफैक्चरिंग और तीसरा सस्टेनेबल पैकेजिंग वेस्ट मैनेजमेंट. मुकेश गोयल ने कहा कि उत्तराखंड की जीडीपी में 50% मेन्युफैक्चरिंग है. इस समिट में बड़े उद्योगपति आए हैं. इस वक्त इंडस्ट्री में इंसेंटिव खत्म हो गया है. अब हम कैसे उस इंडस्ट्री को दोबारा खड़ा कर सकते हैं इसी को लेकर आज यह समिट किया जा रहा है.
समिट में पहुंचे औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने कहा कि देश में इस वक्त मंदी का कुछ सेक्टरों पर प्रभाव है. सरकार इस पर कदम उठा रही है. हमें उम्मीद है कि सरकार जो भी इंटरसिटी की डिमांड है उसको आगे जल्द पूरा करेगी.