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महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर 'महाराज' का पलटवार, कहा- उत्तराखंड में नहीं है दहशतगर्दी का माहौल, यहां सभी हैं सुरक्षित

प्रदेश में कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा का मामला और उन्हें वापस कश्मीर ले जाने को लेकर राजनीति गरमा गई है. इसमें पहले सतपाल महाराज का बयान और उसके बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के ट्वीट ने इस मामले को नया रंग दे दिया है.

महाराज की 'महबूबा' को दो टूक
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Published : Feb 21, 2019, 6:30 PM IST

Updated : Feb 21, 2019, 10:58 PM IST


हरिद्वार: बीते रोज पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पीडीपी के नेताओं का दून आकर कश्मीरी छात्रों को ले जाने पर नाराजगी जतायी थी. जिसके बाद महबूबा मुफ्ती ने महाराज के बयान पर ट्वीट वॉर किया. महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट पर लिखा कि उत्तराखंड में बीजेपी के मंत्री निर्दोष कश्मीरियों को सजा देना चाहते हैं. जिस पर पलटवार करते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश में दहशतगर्दी का माहौल नहीं है. यहां सभी कश्मीरी छात्र-छात्राएं सुरक्षित हैं. साथ ही सतपाल महाराज ने कहा कि कश्मीरी छात्रों के अभिभावकों का उन्हें इस तरह से ले जाना गलत था.

महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर 'महाराज' का पलटवार


प्रदेश में कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा का मामला और उन्हें वापस कश्मीर ले जाने को लेकर राजनीति गरमा गई है. इसमें पहले सतपाल महाराज का बयान और उसके बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के ट्वीट ने इस मामले को नया रंग दे दिया है. महबूबा मुफ्ती ने सतपाल महाराज के बयान पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि उत्तराखंड में बीजेपी के मंत्री गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय निर्दोष कश्मीरी छात्रों को सजा दे रहे हैं. जिस पर आज महाराज ने पलटवार करते हुए महबूबा मुफ्ती को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश में कोई दहशतगर्दी का माहौल नहीं है. ऐसे में कश्मीरी अभिभावकों का छात्रों को यहां ले जाना गलत है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कश्मीरी छात्र-छात्राएं सुरक्षित हैं.


सतपाल महाराज ने आशंका जताई कि जिस तरह से छात्रों को यहां से ले जाया गया है, उससे डर है कि कहीं छात्र आतंकियों के हाथ में ना पड़ जाएं. इसलिए उन्होंने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का बयान दिया था. महाराज ने महबूबा के बयान पर बोलते हुए कहा कि नियम है कि जब बच्चों को यहां से ले जाया जाता है तो उसे किसी परिजन या जानकार के सुपुर्द किया जाता है. महराज ने कहा कि छात्रों को लेकर जो महबूबा मुफ्ती की चिंता है वह हमारी भी है. उन्होंने कहा कि वे ये ही चाहते हैं कि सभी के बच्चे सुरक्षित रहे.

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हरिद्वार: बीते रोज पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पीडीपी के नेताओं का दून आकर कश्मीरी छात्रों को ले जाने पर नाराजगी जतायी थी. जिसके बाद महबूबा मुफ्ती ने महाराज के बयान पर ट्वीट वॉर किया. महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट पर लिखा कि उत्तराखंड में बीजेपी के मंत्री निर्दोष कश्मीरियों को सजा देना चाहते हैं. जिस पर पलटवार करते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश में दहशतगर्दी का माहौल नहीं है. यहां सभी कश्मीरी छात्र-छात्राएं सुरक्षित हैं. साथ ही सतपाल महाराज ने कहा कि कश्मीरी छात्रों के अभिभावकों का उन्हें इस तरह से ले जाना गलत था.

महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर 'महाराज' का पलटवार


प्रदेश में कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा का मामला और उन्हें वापस कश्मीर ले जाने को लेकर राजनीति गरमा गई है. इसमें पहले सतपाल महाराज का बयान और उसके बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के ट्वीट ने इस मामले को नया रंग दे दिया है. महबूबा मुफ्ती ने सतपाल महाराज के बयान पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि उत्तराखंड में बीजेपी के मंत्री गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय निर्दोष कश्मीरी छात्रों को सजा दे रहे हैं. जिस पर आज महाराज ने पलटवार करते हुए महबूबा मुफ्ती को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश में कोई दहशतगर्दी का माहौल नहीं है. ऐसे में कश्मीरी अभिभावकों का छात्रों को यहां ले जाना गलत है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कश्मीरी छात्र-छात्राएं सुरक्षित हैं.


सतपाल महाराज ने आशंका जताई कि जिस तरह से छात्रों को यहां से ले जाया गया है, उससे डर है कि कहीं छात्र आतंकियों के हाथ में ना पड़ जाएं. इसलिए उन्होंने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का बयान दिया था. महाराज ने महबूबा के बयान पर बोलते हुए कहा कि नियम है कि जब बच्चों को यहां से ले जाया जाता है तो उसे किसी परिजन या जानकार के सुपुर्द किया जाता है. महराज ने कहा कि छात्रों को लेकर जो महबूबा मुफ्ती की चिंता है वह हमारी भी है. उन्होंने कहा कि वे ये ही चाहते हैं कि सभी के बच्चे सुरक्षित रहे.

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Intro:उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने महबूबा मुफ्ती के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उत्तराखंड में दहशत गर्दी का माहौल नहीं है यहां सभी कश्मीरी छात्र छात्राएं पूरी तरह से सुरक्षित है उन्होंने कहा कि छात्रों को इस तरह से यहां से ले जाना गलत है क्योंकि उनके माता-पिता और उस थाने अभिभावकों की अनुमति के बिना छात्रों को ले जाना खतरनाक होता है सतपाल महाराज ने आशंका जताई कि जिस तरह से छात्रों को यहां से ले जाया गया है उससे डर है कि कहीं छात्र आतंकियों के हाथ में ना पड़ जाए इसलिए उन्होंने इस मामले में एफ आई आर दर्ज करने का बयान दिया था


Body:वहीं सतपाल महाराज के बयान के बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्विट किया था कि देहरादून से छात्र-छात्राओं को दहशतगर्दी के माहौल से बचाकर उनको सुरक्षित करने के लिए वापस कश्मीर लेकर आए हैं ट्वीट आने के बाद सतपाल महाराज का कहना है कि हमारे उत्तराखंड में शांति का माहौल है और यहां के नागरिक सभ्य समाज और शांतिपूर्ण माहौल के हैं कश्मीर के इतनी मात्रा में ही हां बच्चे पढ़ रहे हैं और उत्तराखंड का नियम है कि जब बच्चों को ले जाया जाता है तो कोई परिवार या कोई जानकार को उनको सपुत्र किया जाता है मैंने यही चिंता जताई थी कि कहीं यह बच्चे किसी आतंकवादी के हाथ में ना चले जाएं इसलिए मैंने एफआईआर करने की बात कही थी जो महबूबा मुफ्ती की चिंता है वह हमारी भी चिंता है कि यह सब बच्चे सेफ रहे और सुरक्षित रहे यह सारी घटना अचानक घटित हुई है


Conclusion:कश्मीर से आकर उत्तराखंड में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर लगातार विवाद गर्ममाता जा रहा है सतपाल महाराज के बयान के बाद महबूबा मुफ्ती ने जो ट्वीट कर सतपाल महाराज के बयान पर पलटवार किया तो अब सतपाल महाराज ने भी महबूबा मुक्ति के ट्यूब पर बयान देकर महबूबा मुक्ति को साफ-साफ संदेश दे दिया है कि उत्तराखंड का माहौल शांतिप्रिय है यहां पर किसी को भी कोई खतरा नहीं है अब देखना यह होगा कि कश्मीर से उत्तराखंड पढ़ने आने वाले छात्रों को लेकर यह विवाद कितना आगे जाता है
Last Updated : Feb 21, 2019, 10:58 PM IST
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