ETV Bharat / city

रियलिटी चेक: धर्मनगरी में क्या है PM के ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत, जानिए कितनी साफ हुई गंगा

नमामि गंगे का रियलिटी चेक करते हुए सबसे पहले हमने यहां के साधु-संतों से बात की जिनका जीना-मरना ही गंगा से जुड़ा है. हरिद्वार के साधु-संतों ने बातचीत में बताया कि गंगा को साफ करने के लिए सरकार केवल कानून बना सकती है, स्वच्छ करने के लिए पैसा दे सकती है. लेकिन योजना का क्रियान्वयन बिना जनता के संभव नहीं है.

namami-gange-project-reality-check-in-haridwar
धर्मनगरी में क्या है पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत
author img

By

Published : Dec 17, 2019, 8:24 PM IST

Updated : Dec 17, 2019, 9:32 PM IST

हरिद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे को शुरू हुए 5 साल हो गए हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने हरिद्वार में इस प्रोजेक्ट की धरातलीय हकीकत जानने की कोशिश की. ईटीवी भारत ने गंगा की वास्तविक स्थिति और इसकी तस्वीर बदलने के लिए किये गये प्रयासों को लेकर धर्मनगरी के साधु-संतों, समाजसेवियों और स्थानीय लोगों से बात की. आईये आपको बताते हैं कि इस बातचीत में क्या कुछ निकलकर सामने आया.

धर्मनगरी में क्या है पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे का रियलिटी चेक करते हुए सबसे पहले हमने यहां के साधु-संतों से बात की जिनका जीना-मरना ही गंगा से जुड़ा है. हरिद्वार के साधु-संतों ने बातचीत में बताया कि गंगा को साफ करने के लिए सरकार केवल कानून बना सकती है, स्वच्छ करने के लिए पैसा दे सकती है. लेकिन योजना का क्रियान्वयन बिना जनता के संभव नहीं है.उनका कहना था कि आम जनमानस को गंगा के प्रति जागरुक होना होगा. जिसके बाद गंगा को वाकई में साफ किया जा सकता है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए साधु-संत इस योजना के पक्ष में नजर आये. इन लोगों का कहना था कि बिना लोगों के सहयोग के सरकार कुछ नहीं कर सकती है. साधु-संतों ने कहा कि गंगा को स्वच्छ रखने के लिए सभी को प्रयास करने होंगे.

पढ़ें-विजय दिवस: कैप्टन गुरुंग ने बयां की आंखों देखी दास्तां, सुनकर रोंगटे हो जाएंगे खड़े

वहीं समाजसेवी जेपी बडोनी की इस बारे में अलग राय है. उन्होंने कहा कि सरकार का विजन गंगा को साफ करना नहीं है. सरकार के अधिकांश कर्मचारी व अधिकारी गंगा के नाम पर आ रहे बजट की बंदरबांट करने में लगे हुए हैं. जिससे गंगा की तस्वीर और धुंधली होती जा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक बंदरबांट की ये सोच नहीं बदलेगी तब तक गंगा साफ नहीं हो सकती है.

पढ़ें-देहरादून पुलिस को मिली बड़ी सफलता, करोड़ों की कीमत के सांप के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

गंगा के लिए काम करने वाले प्रेमी शिखर पालीवाल का कहना है कि पीएम मोदी का ये धीरे-धीरे सफलता की ओर बढ़ रहा है. शिखर पालीवाल के अनुसार 2020 तक गंगा का जल पीने योग्य हो जाएगा. पालीवाल मानते हैं कि जिस तरीके से गंगा के जल का ट्रीटमेंट नमामि गंगे प्रोजेक्ट के माध्यम से चल रहा है उससे आने वाले सालों में हरिद्वार में भी गंगा का जल आचमन योग्य हो जायेगा.

पढ़ें-ऋषिकेशः NH-58 पर अनियंत्रित होकर खाई में गिरा ट्रक, एक की मौत, दो घायल

वहीं नमामि गंगे के डिप्टी डायरेक्टर रोजी अग्रवाल ने कहा गंगा की सफाई को लेकर ये सवाल उनसे बार-बार पूछा जाता है कि गंगा कब तक साफ हो जाएगी.उन्होंने बताया की इसका जवाब यह है कि गंगा की सफाई उसी तरह से है जिस तरह हम अपने घर की सफाई करते है. उन्होंने कहा कि अगर हम गंगा को स्वच्छ और निर्मल देखना चाहते हैं तो हम सभी को मिलकर काम करना होगा. रोजी अग्रवाल ने कहा कि गंगा सफाई को लेकर केंद्र सरकार लगातर प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार गंगा किनारे घाट, मोक्ष धाम, जल संरक्षण, पेड़ लगाने जैसे कार्यक्रम चला रही है. जिससे गंगा को साथ ही उसके घाटों का भी सौंदर्यीकरण किया जा सके.

सभी लोगों से बातचीत करने के बाद ईटीवी भारत संवाददाता ने खुद इस योजना की हकीकत को जानने के लिए गंगा घाटों का दौरा किया. जिसमें पाया गया कि केंद्र सरकार की ओर से लगातार गंगा की स्वच्छता के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. घाटों की स्वच्छता से लेकर उनके सौंदर्यीकरण के लिए हर तरह के कदम उठाये जा रहे हैं. हालांकि कई जगहों पर अभी भी गंगा की स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.

हरिद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे को शुरू हुए 5 साल हो गए हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने हरिद्वार में इस प्रोजेक्ट की धरातलीय हकीकत जानने की कोशिश की. ईटीवी भारत ने गंगा की वास्तविक स्थिति और इसकी तस्वीर बदलने के लिए किये गये प्रयासों को लेकर धर्मनगरी के साधु-संतों, समाजसेवियों और स्थानीय लोगों से बात की. आईये आपको बताते हैं कि इस बातचीत में क्या कुछ निकलकर सामने आया.

धर्मनगरी में क्या है पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे का रियलिटी चेक करते हुए सबसे पहले हमने यहां के साधु-संतों से बात की जिनका जीना-मरना ही गंगा से जुड़ा है. हरिद्वार के साधु-संतों ने बातचीत में बताया कि गंगा को साफ करने के लिए सरकार केवल कानून बना सकती है, स्वच्छ करने के लिए पैसा दे सकती है. लेकिन योजना का क्रियान्वयन बिना जनता के संभव नहीं है.उनका कहना था कि आम जनमानस को गंगा के प्रति जागरुक होना होगा. जिसके बाद गंगा को वाकई में साफ किया जा सकता है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए साधु-संत इस योजना के पक्ष में नजर आये. इन लोगों का कहना था कि बिना लोगों के सहयोग के सरकार कुछ नहीं कर सकती है. साधु-संतों ने कहा कि गंगा को स्वच्छ रखने के लिए सभी को प्रयास करने होंगे.

पढ़ें-विजय दिवस: कैप्टन गुरुंग ने बयां की आंखों देखी दास्तां, सुनकर रोंगटे हो जाएंगे खड़े

वहीं समाजसेवी जेपी बडोनी की इस बारे में अलग राय है. उन्होंने कहा कि सरकार का विजन गंगा को साफ करना नहीं है. सरकार के अधिकांश कर्मचारी व अधिकारी गंगा के नाम पर आ रहे बजट की बंदरबांट करने में लगे हुए हैं. जिससे गंगा की तस्वीर और धुंधली होती जा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक बंदरबांट की ये सोच नहीं बदलेगी तब तक गंगा साफ नहीं हो सकती है.

पढ़ें-देहरादून पुलिस को मिली बड़ी सफलता, करोड़ों की कीमत के सांप के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

गंगा के लिए काम करने वाले प्रेमी शिखर पालीवाल का कहना है कि पीएम मोदी का ये धीरे-धीरे सफलता की ओर बढ़ रहा है. शिखर पालीवाल के अनुसार 2020 तक गंगा का जल पीने योग्य हो जाएगा. पालीवाल मानते हैं कि जिस तरीके से गंगा के जल का ट्रीटमेंट नमामि गंगे प्रोजेक्ट के माध्यम से चल रहा है उससे आने वाले सालों में हरिद्वार में भी गंगा का जल आचमन योग्य हो जायेगा.

पढ़ें-ऋषिकेशः NH-58 पर अनियंत्रित होकर खाई में गिरा ट्रक, एक की मौत, दो घायल

वहीं नमामि गंगे के डिप्टी डायरेक्टर रोजी अग्रवाल ने कहा गंगा की सफाई को लेकर ये सवाल उनसे बार-बार पूछा जाता है कि गंगा कब तक साफ हो जाएगी.उन्होंने बताया की इसका जवाब यह है कि गंगा की सफाई उसी तरह से है जिस तरह हम अपने घर की सफाई करते है. उन्होंने कहा कि अगर हम गंगा को स्वच्छ और निर्मल देखना चाहते हैं तो हम सभी को मिलकर काम करना होगा. रोजी अग्रवाल ने कहा कि गंगा सफाई को लेकर केंद्र सरकार लगातर प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार गंगा किनारे घाट, मोक्ष धाम, जल संरक्षण, पेड़ लगाने जैसे कार्यक्रम चला रही है. जिससे गंगा को साथ ही उसके घाटों का भी सौंदर्यीकरण किया जा सके.

सभी लोगों से बातचीत करने के बाद ईटीवी भारत संवाददाता ने खुद इस योजना की हकीकत को जानने के लिए गंगा घाटों का दौरा किया. जिसमें पाया गया कि केंद्र सरकार की ओर से लगातार गंगा की स्वच्छता के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. घाटों की स्वच्छता से लेकर उनके सौंदर्यीकरण के लिए हर तरह के कदम उठाये जा रहे हैं. हालांकि कई जगहों पर अभी भी गंगा की स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.

Intro:एंकर:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे को शुरू हुए 5 साल हो गए हैं लेकिन गंगा की हरिद्वार में क्या वास्तविक स्थिति है  यह जानने के लिए आज etv भारत की टीम ने  साधु-संतो व् गंगा प्रेमियों के साथ ही  आम नागरिको से बात कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे का रियल्टी चेक किया। रियल्टी चेक में नरेंद्र मोदी के  ड्रीम प्रोजेक्ट  नमामि गंगे की क्या स्तिथि है देखिये इस खास रिपोर्ट में :----Body:vo -1 हरिद्वार के  साधु संतों के अनुशार  गंगा को साफ करने के लिए सरकार केवल कानून बना सकती हैं साथ ही गंगा को स्वच्छ करने के लिए पैसा दे सकती है। लेकिन योजना को क्रियान्वित कराने में जनता का  सहयोग करना होगा और आम जनमानस को गंगा के प्रति जागरूक होना होगा जिस तरीके से आम जनमानस गंगा को मां कहता है उसे उसी तरह  अपनी मां को स्वच्छ रखने के लिए अपने आप भी कार्य करने होंगे। समाजसेवी जे पी  बडोनी   का  कहना है कि सरकार का विजन गंगा को साफ करना नहीं है सरकार के अधिकांश कर्मचारी व अधिकारी गंगा के नाम पर आ रहे बजट की  बंदरबांट करने में लगे हुए हैं और यह बंदरबांट कि जब तक सोच नहीं बदलेगी तब तक गंगा साफ नहीं हो सकती है।  साथ ही गंगा प्रेमी शिखर पालीवाल  जो की  गंगा के लिए काम कर रहे हैं उनका कहना यह है कि प्रधानमंत्री का यह महत्वपूर्ण ड्रीम प्रोजेक्ट है और यह  2014 से शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट  सफलता की ओर बढ़ रहा है शिखर पालीवाल के अनुशार  2020 तक गंगा का जल पीने योग्य हो जाएगा।जिस  तरीके से गंगा के जल का ट्रीटमेंट नमामि गंगे प्रोजेक्ट के माध्यम से चल रहा है।  आने वाले साल 2020 में हरिद्वार में भी गंगा का जल आचमन योग्य हो जायेगा। 

vo 1 वही नमामि गंगे के डिप्टी डायरेक्टर रोजी अग्रवाल के अनुशार उनसे  यह सवाल बार-बार  पूछा जाता है कि गंगा कब तक साफ हो जाएगी उन्होंने बताया की इसका जवाब यह है कि गंगा की सफाई उसी तरह से हैं जिस तरह हम अपने घर की सफाई करते है जो कि हम निरंतर करते हैं क्योंकि एक बार   करने से घर की सफाई नहीं होती घर की सफाई बार-बार करनी होती है इसीलिए अगर हम गंगा को स्वच्छ और निर्मल देखना चाहते हैं तो हम सबको मिलकर गंगा की सफाई में हाथ बढ़ाना होगा और मिलकर गंगा की सफाई करनी होगी। केंद्र सरकार द्वारा गंगा की सफाई को  लेकर कई प्रयास किए जा रहे हैं जैसे घाट  बनाना मोक्ष धाम बनाना साथ ही घाटों के पास जल संरक्षण के लिए पेड़ लगाना आदि।  गंगा के जल को  सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए साफ करने का कार्य भी केंद्र सरकार की योजनाओ द्वारा किया जा रहा है। Conclusion:बाइट;-रोजी अग्रवाल  (डिप्टी डायरेक्टनमामि गंगे)
बाइट :-बाबा हठ योगी
 बाइट शिखर पालीवाल (गंगा प्रेमी )
बाइट :-जे पी.बडोनी(समाज सेवी)
बाइट:-अधीर कौशिक(आम नागरिक )
Last Updated : Dec 17, 2019, 9:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.