हरिद्वार: गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए साध्वी पद्मावती पिछले 47 दिनों से अनशन पर बैठी थीं. जिन्हें देर रात प्रशासन में जबरन उठाकर दून अस्पताल में भर्ती करवा दिया. जिसके बाद उनके अनशन को आगे बढ़ाने के लिए आत्मबोधानंद अनशन पर बैठ गए हैं. उनका कहना है जब तक केंद्र सरकार गंगा की स्वच्छता के लिए लिखित आश्वासन नहीं देती है तब तक उनका अनशन जारी रहेगा.
वहीं, साध्वी पद्मावती को देर रात जबरन उठाए जाने को लेकर मातृ सदन ने सीजेएम कोर्ट में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, एसडीएम कुसुम सिंह चौहान लक्सर तहसीलदार सुनैना राणा, सीएमओ सरोज नैथानी, कनखल थाना अध्यक्ष विकास भारद्वाज, जगजीतपुर चौकी इंचार्ज लाखन सिंह सहित डेढ़ सौ लोगोंं के खिलाफ वाद दायर किया है.
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साध्वी पद्मावती को जबरन अनशन से उठाए जाने को लेकर मातृ सदन के अध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने शासन-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. स्वामी शिवानंद ने कहा शासन-प्रशासन ने जिस तरह की घटना को अंजाम दिया है, उससे लगता है न उनकी भारतीय संविधान में आस्था है और न ही भारतीय कानून में. उन्होंने कहा जिस तरह से साध्वी पद्मावती को उठाया गया है वह एक तरह से क्रिमिनल एक्ट है. उन्होंने कहा जिस एंबुलेंस में साध्वी को ले जाया जा रहा था उसमें पुरुष भी मौजूद थे.
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गंगा की स्वच्छता को लेकर मातृ सदन लगातार मुखर है. गंगा को लेकर मातृ सदन की मांगें आज तक पूरी नहीं हो सकी हैं. केंद्र सरकार गंगा को स्वच्छ करने के लाख दावे करती है मगर धरातलीय हकीकत कुछ और ही है, जिसके कारण मातृ सदन लगातार आंदोलनरत है.