हरिद्वार: टोक्यो ओलंपिक में हैट्रिक लगाने वाली उत्तराखंड की वंदना कटारिया का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. हरिद्वार की वंदना ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करो या मरो के मैच में एक के बाद एक 3 गोल कर टीम को जीत दिलाई. उनके इस प्रदर्शन की बदौलत भारत ने साउथ अफ्रीका की टीम को 4-3 से हराया और टोक्यो 2020 की महिला हॉकी के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को बरकरार रखा, जिसके बाद हरिद्वार में वंदना के परिवार में खुशी का माहौल है.
वंदना कटारिया के भाई पंकज कटारिया ने अपनी बहन के प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि हमारी बहन ओलंपिक में इतना अच्छा प्रदर्शन कर रही है और भारत को जीत दिलाने में अपना अहम योगदान दे रही है. उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि हमारी बहन भारत को हॉकी में गोल्ड मेडल जरूर दिलाएगी.
बता दें, वंदना कटारिया साल 2013 में देश में सबसे अधिक गोल करने में सफल रहीं थीं. यह जूनियर महिला विश्व कप में कांस्य पदक विजेता टीम की सदस्य थीं. यह स्पर्धा जर्मनी में हुई थी. वंदना ने प्रतियोगिता में 5 गोल किये थे. वो गोल करने के मामले में प्रतियोगिता में तीसरे नंबर पर रहीं थीं. वंदना अब तक 130 स्पर्धाओं में 35 गोल कर चुकीं हैं.
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वंदना कटारिया का जन्म 15 अप्रैल 1992 को हरिद्वार जिले के रोशनाबाद गांव में हुआ था. उनके पिता नाहर सिंह भेल (BHEL) में काम करते हैं. मिड फील्डर वंदना को पिछले कुछ वर्षों में भारत की सबसे बेहतर और अग्रिम खिलाड़ियों में माना जाता रहा है.
बता दे, वंदना कटारिया के हरिद्वार में सबसे पहले कोच कृष्णा कुमार थे, जो हरिद्वार के जिला क्रीड़ा अधिकारी थे और हॉकी प्लेयर थे , उन्होंने ही वंदना को एथेलेटिक्स से हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया था. अब तक वंदना कटारिया 242 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं.