हरिद्वार: धर्मनगरी में आये दिन जंगली जानवरों के हमले में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. कभी गुलदार तो कभी जंगली हाथी यहां के रहवासियों पर टूट पड़ते हैं. आये दिन हो रही घटनाओं पर रोक लगाने में वन विभाग भी नाकाम रहा है. सोमवार को हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश कुमार वर्मा ने भी ये बात स्वीकार की है. उनका कहना है कि वन विभाग के पास सीमित संसाधन हैं जिसके कारण वे इन घटनाओं पर रोक लगाने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.
गौरतलब है कि दो दिन पहले हरिद्वार के दो गांवों में हाथियों ने एक बुजुर्ग और एक महिला को पटक कर मौत के घाट उतार दिया था. इससे पहले बीएचईएल से सटे जंगल में गुलदार ने एक व्यक्ति को अपना निवाला बना लिया था. इसके बावजूद भी गुलदार और हाथी लगातार आबादी वाले इलाकों में घुस रहे हैं. वन विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी हो रही इन घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है.
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हरिद्वार डीएफओ ने दावा किया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद विभाग जंगली जानवरों को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है. उन्होंने बताया कि बीएचईएल से सटे इलाकों में गुलदार को रोकने के लिए पांच पिंजरे लगा दिए गये हैं. साथ ही बीएचईएल प्रबंधन से भी अनुरोध किया गया है कि गुलदार प्रभावित इलाकों में झाड़ियों को कटवाने, लाइट की व्यवस्था तथा अपशिष्टों को हटवाने का काम जल्द से जल्द करे.
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डीएफओ आकाश कुमार वर्मा ने कहा कि हाथियों को रोकने के लिए भी गश्त बढ़ाने और फेंसिंग की सीमा बढ़ाई गई है. उन्होंने स्वीकार किया है कि हाथियों को रोकने के लिए उनके पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं. हाथियों की निगरानी करने वाले कर्मियों की संख्या 60 प्रतिशत से भी कम है. उन्होंने बताया कि उनके पास 97 के सापेक्ष 61 वनकर्मी हैं. जिनसे वे काम चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कमी को लेकर वे शासन को पत्र भी लिख चुके हैं.