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हरिद्वार: जंगली जानवरों के आतंक से परेशान लोग, कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहा विभाग

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Published : Nov 4, 2019, 8:10 PM IST

Updated : Nov 4, 2019, 9:56 PM IST

हरिद्वार डीएफओ ने दावा किया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद विभाग जंगली जानवरों को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है. उन्होंने बताया कि बीएचईएल से सटे इलाकों में गुलदार को रोकने के लिए पांच पिंजरे लगा दिए गये हैं.

जंगली जानवरों के आतंक से परेशान लोग.

हरिद्वार: धर्मनगरी में आये दिन जंगली जानवरों के हमले में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. कभी गुलदार तो कभी जंगली हाथी यहां के रहवासियों पर टूट पड़ते हैं. आये दिन हो रही घटनाओं पर रोक लगाने में वन विभाग भी नाकाम रहा है. सोमवार को हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश कुमार वर्मा ने भी ये बात स्वीकार की है. उनका कहना है कि वन विभाग के पास सीमित संसाधन हैं जिसके कारण वे इन घटनाओं पर रोक लगाने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.

जंगली जानवरों के आतंक से परेशान लोग.

गौरतलब है कि दो दिन पहले हरिद्वार के दो गांवों में हाथियों ने एक बुजुर्ग और एक महिला को पटक कर मौत के घाट उतार दिया था. इससे पहले बीएचईएल से सटे जंगल में गुलदार ने एक व्यक्ति को अपना निवाला बना लिया था. इसके बावजूद भी गुलदार और हाथी लगातार आबादी वाले इलाकों में घुस रहे हैं. वन विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी हो रही इन घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है.

पढ़ें-देहरादून एयरपोर्ट पर दो सेटेलाइट फोन के साथ विदेशी गिरफ्तार, सुरक्षा एजेंसियों के उड़े हाेश

हरिद्वार डीएफओ ने दावा किया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद विभाग जंगली जानवरों को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है. उन्होंने बताया कि बीएचईएल से सटे इलाकों में गुलदार को रोकने के लिए पांच पिंजरे लगा दिए गये हैं. साथ ही बीएचईएल प्रबंधन से भी अनुरोध किया गया है कि गुलदार प्रभावित इलाकों में झाड़ियों को कटवाने, लाइट की व्यवस्था तथा अपशिष्टों को हटवाने का काम जल्द से जल्द करे.

पढ़ें-कोस्टगार्ड के अपर महानिदेशक बने कृपा नौटियाल, उत्तराखंड के हैं निवासी

डीएफओ आकाश कुमार वर्मा ने कहा कि हाथियों को रोकने के लिए भी गश्त बढ़ाने और फेंसिंग की सीमा बढ़ाई गई है. उन्होंने स्वीकार किया है कि हाथियों को रोकने के लिए उनके पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं. हाथियों की निगरानी करने वाले कर्मियों की संख्या 60 प्रतिशत से भी कम है. उन्होंने बताया कि उनके पास 97 के सापेक्ष 61 वनकर्मी हैं. जिनसे वे काम चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कमी को लेकर वे शासन को पत्र भी लिख चुके हैं.

हरिद्वार: धर्मनगरी में आये दिन जंगली जानवरों के हमले में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. कभी गुलदार तो कभी जंगली हाथी यहां के रहवासियों पर टूट पड़ते हैं. आये दिन हो रही घटनाओं पर रोक लगाने में वन विभाग भी नाकाम रहा है. सोमवार को हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश कुमार वर्मा ने भी ये बात स्वीकार की है. उनका कहना है कि वन विभाग के पास सीमित संसाधन हैं जिसके कारण वे इन घटनाओं पर रोक लगाने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.

जंगली जानवरों के आतंक से परेशान लोग.

गौरतलब है कि दो दिन पहले हरिद्वार के दो गांवों में हाथियों ने एक बुजुर्ग और एक महिला को पटक कर मौत के घाट उतार दिया था. इससे पहले बीएचईएल से सटे जंगल में गुलदार ने एक व्यक्ति को अपना निवाला बना लिया था. इसके बावजूद भी गुलदार और हाथी लगातार आबादी वाले इलाकों में घुस रहे हैं. वन विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी हो रही इन घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है.

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हरिद्वार डीएफओ ने दावा किया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद विभाग जंगली जानवरों को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है. उन्होंने बताया कि बीएचईएल से सटे इलाकों में गुलदार को रोकने के लिए पांच पिंजरे लगा दिए गये हैं. साथ ही बीएचईएल प्रबंधन से भी अनुरोध किया गया है कि गुलदार प्रभावित इलाकों में झाड़ियों को कटवाने, लाइट की व्यवस्था तथा अपशिष्टों को हटवाने का काम जल्द से जल्द करे.

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डीएफओ आकाश कुमार वर्मा ने कहा कि हाथियों को रोकने के लिए भी गश्त बढ़ाने और फेंसिंग की सीमा बढ़ाई गई है. उन्होंने स्वीकार किया है कि हाथियों को रोकने के लिए उनके पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं. हाथियों की निगरानी करने वाले कर्मियों की संख्या 60 प्रतिशत से भी कम है. उन्होंने बताया कि उनके पास 97 के सापेक्ष 61 वनकर्मी हैं. जिनसे वे काम चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कमी को लेकर वे शासन को पत्र भी लिख चुके हैं.

Intro:
एंकर:- हरिद्वार में गुलदार और जंगली हाथियों पर लगाम लगाने में नाकाम वन विभाग की नींद टूट गई है। सोमवार को हरिद्वार वन प्रभाग कार्यालय के सभागार में प्रेस वार्ता कर डीएफओ आकाश कुमार वर्मा ने स्वीकार किया है कि वन विभाग के पास सीमित संसाधन और यही कारण है कि वो आबादी क्षेत्र में घुसने वाले गुलदार और हाथियों पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे है।Body:
वीओ:- गौरतलब है कि दो दिन पूर्व हरिद्वार के दो गाँवों में हाथियों ने एक बुजुर्ग और एक महिला को पटककर मौत के घाट उतार दिया था, और अभी इससे पूर्व में बीएचईएल से सटे जंगल मे गुलदार ने एक व्यक्ति को निवाला बना लिया। इसके बावजूद भी गुलदार और हाथी लगातार आबादी वाले इलाकों में घुस रहे है। प्रेस वार्ता हरिद्वार डीएफओ ने दावा किया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद उनके द्वारा जंगली जानवरों को रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है। बीएचईएल से सटे इलाको में गुलदार को रोकने के लिए पांच पंजरे लगा दिए है। बीएचईएल प्रबंधन से भी अनुरोध किया गया है कि गुलदार प्रभावित इलाकों में झाड़ियो को काटने, लाइट की व्यवस्था, पीठ ले फैले अपशिष्टों को हटवाने और लोगो को इन इलाकों में ज जाने का काम जल्द से जल्द किया जाए। वही उन्होंने हाथियों को रोकने के लिए भी गश्त बढ़ाने और फेंसिंग की सीमा बढ़ाने की बात कही। उन्होंने ये भी स्वीकार किया है कि हाथियों को रोकने के लिए उनके पास पर्याप्त कर्मी नही है । हाथियों की निगरानी करने वाले कर्मियोंकी संख्या 60 प्रतिशत से भी कम है। वही उन्होंने ये भी बताया कि उनके पास 97 के सापेक्ष 61 वनकर्मि ही है जिनसे वो काम ले रहे है। इस सम्बंध में उनके द्वारा शासन को पत्र भी लिखा का चुका है।Conclusion:
बाइट:- आकाश कुमार वर्मा, डीएफओ, हरिद्वार
Last Updated : Nov 4, 2019, 9:56 PM IST
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