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नहीं रुक रहा मौत का सिलसिला, 4 महीने में 222 वन्य जीव सड़क हादसों के शिकार - Wildlife in Rajaji Tiger Reserve Road Accident Death

राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 74 वन्य जीवों की कब्रगाह बनता जा रहा है. बीते 6 महीनों में अब तक यहां सैकड़ों  वन्य जीव बेमौत मारे जा चुके हैं.  हरिद्वार से बरेली तक के इस राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र में पड़ता है. खासकर हरिद्वार से कोटावाली तक का 30 किलोमीटर का क्षेत्रवन्य जीवों के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है.

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हरिद्वार में नहीं रुक रहा जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला
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Published : Jan 24, 2020, 4:57 AM IST

Updated : Jan 24, 2020, 8:36 AM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी में जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला रानीपुर कोतवाली स्थित भेल क्षेत्र का है, जहां अज्ञात वाहन की चपेट में आने से एक सांभर हिरण की मौत हो गई. घटना के बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया. वहीं सांभर हिरण को देखने के लिए मौके पर लोगों की भीड़ लग गई. स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना वन प्रभाग को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची टीम ने सांभर हिरण का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

हरिद्वार में नहीं रुक रहा जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला


हरिद्वार से होकर गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 74 वन्य जीवों की कब्रगाह बनता जा रहा है. बीते 6 महीनों में अब तक यहां सैकड़ों वन्य जीव बेमौत मारे जा चुके हैं. हरिद्वार से बरेली तक के इस राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र में पड़ता है. खासकर हरिद्वार से कोटावाली तक का 30 किलोमीटर का क्षेत्रवन्य जीवों के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. दर्जनों गुलदार, भालू, हाथी और टाइगर यहां सड़क दुर्घटना में मारे जा चुके हैं.

पढ़ें-जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते चंपावत का लाल शहीद, सीएम त्रिवेंद्र ने जताया दुख

वन विभाग के आंकड़ों में ही अब तक राजमार्ग पर 53 गुलदार, एक भालू, 1 टाइगर एक हाथी और 304 से ज्यादा अन्य वन्यजीव असमय काल के गाल में समा गए हैं. पिछले 4 महीने में ही 222 वन्य जीव विभिन्न दुर्घटनाओं में मारे जा चुके हैं. दरअसल, इस राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र से सटा है. जिसके कारण आये दिन यहां पर दुर्घटनाओं में जानवरों को जान गंवानी पड़ती है. पिछले करीब 2 दो तीन साल से राजमार्ग के चौड़ीकरण का काम चल रहा है, जिसके कारण भी वन्यजीव लगातार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं.

पढ़ें-मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के ट्वीट से की गई छेड़छाड़, अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज

बता दें कि भेल क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व से सटा हुआ क्षेत्र है. यहां आए आए दिन जंगली जानवर विचरण करते हुए जंगल से रिहायशी इलाकों की ओर रुख करते हैं. गुरुवार को भी एक सांभर राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर भेल के इस क्षेत्र में आ गया था. जिसकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई.

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हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि उन्हें स्थानीय लोगों से सांभर की सूचना मिली. जिस पर उनकी टीम तुरंत मौके पर पहुंची. जिसके बाद टीम ने सांभर के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. आकाश वर्मा के अनुसार भेल क्षेत्र में कूड़ा और अन्य खाद्य सामग्री का सही से निस्तारण नहीं होता है, जिसके कारण जंगली जानवर इस ओर आकर्षित होते हैं. यही कारण है कि यहां से इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं. डीएफओ ने कहा कि फरार वाहन चालक के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. जानकारी मिलने पर वाहन चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

हरिद्वार: धर्मनगरी में जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला रानीपुर कोतवाली स्थित भेल क्षेत्र का है, जहां अज्ञात वाहन की चपेट में आने से एक सांभर हिरण की मौत हो गई. घटना के बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया. वहीं सांभर हिरण को देखने के लिए मौके पर लोगों की भीड़ लग गई. स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना वन प्रभाग को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची टीम ने सांभर हिरण का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

हरिद्वार में नहीं रुक रहा जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला


हरिद्वार से होकर गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 74 वन्य जीवों की कब्रगाह बनता जा रहा है. बीते 6 महीनों में अब तक यहां सैकड़ों वन्य जीव बेमौत मारे जा चुके हैं. हरिद्वार से बरेली तक के इस राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र में पड़ता है. खासकर हरिद्वार से कोटावाली तक का 30 किलोमीटर का क्षेत्रवन्य जीवों के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. दर्जनों गुलदार, भालू, हाथी और टाइगर यहां सड़क दुर्घटना में मारे जा चुके हैं.

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वन विभाग के आंकड़ों में ही अब तक राजमार्ग पर 53 गुलदार, एक भालू, 1 टाइगर एक हाथी और 304 से ज्यादा अन्य वन्यजीव असमय काल के गाल में समा गए हैं. पिछले 4 महीने में ही 222 वन्य जीव विभिन्न दुर्घटनाओं में मारे जा चुके हैं. दरअसल, इस राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र से सटा है. जिसके कारण आये दिन यहां पर दुर्घटनाओं में जानवरों को जान गंवानी पड़ती है. पिछले करीब 2 दो तीन साल से राजमार्ग के चौड़ीकरण का काम चल रहा है, जिसके कारण भी वन्यजीव लगातार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं.

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बता दें कि भेल क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व से सटा हुआ क्षेत्र है. यहां आए आए दिन जंगली जानवर विचरण करते हुए जंगल से रिहायशी इलाकों की ओर रुख करते हैं. गुरुवार को भी एक सांभर राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर भेल के इस क्षेत्र में आ गया था. जिसकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई.

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हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि उन्हें स्थानीय लोगों से सांभर की सूचना मिली. जिस पर उनकी टीम तुरंत मौके पर पहुंची. जिसके बाद टीम ने सांभर के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. आकाश वर्मा के अनुसार भेल क्षेत्र में कूड़ा और अन्य खाद्य सामग्री का सही से निस्तारण नहीं होता है, जिसके कारण जंगली जानवर इस ओर आकर्षित होते हैं. यही कारण है कि यहां से इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं. डीएफओ ने कहा कि फरार वाहन चालक के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. जानकारी मिलने पर वाहन चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro: धर्मनगरी हरिद्वार में जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है ताजा मामला रानीपुर कोतवाली स्थित भेल क्षेत्र का है जहां अज्ञात वाहन की चपेट में आकर एक सांभर हिरण गंभीर रूप से घायल हो गया और मौके पर ही घायल सांभर हिरण की मौत हो गई वहीं वाहन चालक मौके से अपने वाहन को लेकर फरार हो गया देखते-देखते मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई स्थानीय लोगों ने सांभर के वाहन की चपेट में आने की सूचना वन प्रभाग को दी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची वन प्रभाग की टीम ने मृत सांभर हिरण के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजाBody:आपको बता दें कि भेल क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व से सटा हुआ क्षेत्र है और आए आए दिन जंगली जानवर इस क्षेत्र में विचरण करने जंगल से बाहर रिहायशी इलाकों की तरफ अपना रुख करते हैं आज भी एक सांभर राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर भेल के इस क्षेत्र में आ गया था जिसके बाद यह सांभर अचानक एक वाहन की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया वही भेल के अधिकतर क्षेत्र में खाद्य सामग्री का सही से निस्तारण ना होना भी इन जंगली जानवरों को इस क्षेत्र में आकर्षित करता है और यही कारण रहता है कि लगातार जंगली जानवर जंगल से निकलकर रिहायशी क्षेत्रों का रुख करते हैं

हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि हमे सूचना मिली थी कि एक सांभर अज्ञात वाहन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया है इस सांभर की मौके पर ही मृत्यु हो गई है यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है और लगातार जंगली जानवर राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर इन इलाकों का रुख करते हैं मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम द्वारा साम्भर के शव को कब्जे में ले लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है वहीं आकाश वर्मा के अनुसार भेल क्षेत्र में कूड़ा और अन्य खाद्य सामग्री का सही से निस्तारण नहीं होता है जिस कारण यह जंगली जानवर इस ओर आकर्षित होते हैं और लगातार रिहायशी इलाकों का रुख करते हैं और इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती है डीएफओ आकाश वर्मा का यह भी कहना है कि वाहन चालक के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है और जल्द ही जानकारी प्राप्त करने के बाद वाहन चालक पर कार्रवाई की जाएगी

बाइट--आकाश वर्मा----डीएफओ----हरिद्वार वन प्रभागConclusion:रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों कि दस्तक लगातार परेशानी का सबब बनी हुई है वन प्रभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व के लाभ दावों के बावजूद यह दोनों विभाग जंगली जानवरों को रिहायशी क्षेत्रों में आने से रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं और यही कारण है कि आज भी एक जंगली सांभर को अपनी जान गवानी पड़ी है डीएफओ आकाश वर्मा वाहन चालक के बारे में जानकारी जुटाने के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले में वाहन चालक को कब तक गिरफ्तार किया जाता है और उसके खिलाफ किस तरह की कार्रवाई विभाग द्वारा की जाती है
Last Updated : Jan 24, 2020, 8:36 AM IST
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