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सांसद नवनीत राणा की गिरफ्तारी का विरोध, हरिद्वार में BJYM ने किया हनुमान चालीसा का पाठ

महाराष्ट्र से शुरू हुआ हनुमान चालीसा पाठ का विवाद उत्तराखंड स्थित धर्म नगरी हरिद्वार पहुंच गया है. हरिद्वार में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने सांसद नवनीत राणा की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ किया. वहीं संतों ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार की निंदा की है.

BJYum recited Hanuman Chalisa
हरिद्वार में हनुमान चालीसा पाठ
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Published : Apr 27, 2022, 12:36 PM IST

Updated : Apr 27, 2022, 3:26 PM IST

हरिद्वार: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर हुए विवाद के सुर अब धर्मनगरी हरिद्वार तक पहुंच गए हैं. आलम कुछ इस प्रकार है कि जहां एक ओर धर्मनगरी के साधु-संतों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे को कांग्रेस का सपोर्टर बताया, वहीं अपने आप को हिंदू कहना बंद करने को कहा है. दूसरी ओर हरिद्वार में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा ने राठी चौक भूपतवाला पर हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए उद्धव ठाकरे का पुतला भी फूंका है. कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.

भाजयुमो ने पढ़ी हनुमान चालीसा: भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने उद्धव ठाकरे सरकार द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोककर सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा को जेल भेजने के विरोध में राठी चौक भूपतवाला में सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा पाठ किया. इसके बाद उद्धव ठाकरे के पुतला दहन किया. मंडल अध्यक्ष चंद्रकांता पांडेय के नेतृत्व में हुए हनुमान चालीसा पाठ के दौरान भाजयुमो ने महाराष्ट्र सरकार के कृत्य को लोकतंत्र की हत्या करने के समान बताया और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.

सांसद नवनीत राणा की गिरफ्तारी का विरोध

साधु-संतों ने उद्धव सरकार पर साधा निशाना: वहीं इस पर साधु-संतों का कहना है कि जिस तरह का कृत्य महाराष्ट्र में एक हिंदूवादी सरकार कहने वालों ने किया है, इससे साफ तौर पर साबित होता है कि यह सिर्फ और सिर्फ नाम की ही हिंदूवादी सरकार है. जिस राज्य में हनुमान चालीसा पढ़ने पर जेल भेज दिया जाता है, तो आप इससे आकलन लगा सकते हैं कि आप किस के सपोर्टर हैं और किस धर्म को मानते हैं. साधु-संतों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बाला साहब ठाकरे के वास्तविक उत्तराधिकारी उद्धव ठाकरे नहीं बल्कि राज ठाकरे हैं. यह वह दिन प्रतिदिन साबित करते जा रहे हैं. साधु-संतों का कहना है कि कांग्रेस का समर्थन लेकर उद्धव ठाकरे भी अब कांग्रेस की तरह ही कार्य करने लग गए हैं.

ये भी पढ़ें: धार्मिक भावनाओं को आहत करने के केस में सांसद नवनीत राणा और उनके पति गिरफ्तार

महंत लोकेश दास का कहना है कि जैसे मुगलों के शासन में होता था, वैसा ही अब महाराष्ट्र में हो रहा है. मुझे नहीं लगता कि उद्धव ठाकरे बाला साहब के उत्तराधिकारी हैं बल्कि उनके असली उत्तराधिकारी तो राज ठाकरे हैं. नवनीत राणा और रवि राणा ने हनुमान चालीसा पाठ करने की बात ही तो कही थी और उद्धव ठाकरे को उनका स्वागत करना चाहिए था. इससे उनका मान ही बढ़ता. परंतु उद्धव के कृत्य ने उनके कांग्रेस के साथ बनाये गए सेक्युलरिज्म के चेहरे को उजागर किया है. मैं सभी हिंदुओं से नवनीत राणा का समर्थन करने की अपील करता हूं.

महंत अरुण दास का कहना है कि हनुमान जी तो स्वयं संकटमोचक हैं और जो ऐसा कार्य कर रहा है वह हिन्दू तो हो ही नहीं सकता है. जो हिंदू होगा वह सदा ही हनुमान जी के साथ जुड़ा हुआ होगा. जो हनुमान चालीसा पर इस तरह के विवाद खड़े कर रहे हैं यह देशद्रोह हैं. उनके खिलाफ मुकदमे होने चाहिए. बाला साहब ठाकरे हिंदू थे, मगर इनको कैसे हिंदू कहा जाए यह तो सत्ता लोभी हैं कि कैसे सत्ता में बैठे रहें.

भाजयुमो प्रदेश महामंत्री हरजीत सिंह का कहना है कि महाराष्ट्र में एक सांसद और एक विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाता है. मगर देश में एक कानून होने के बाद भी जब एक समुदाय के लोग सड़क पर आकर नमाज पढ़ते हैं तो उनपर कोई कानून लागू नहीं होता है. मगर कोई हनुमान चालीसा पढ़ता है तो उसपर देशद्रोह का मुकदमा लगा दिया जाता है. मैं इसकी घोर निंदा करता हूं. अपने को हिंदूवादी कहलाने वाले यह लोग एक विशेष समुदाय से खासा प्रेम रखते हैं.

ये भी पढ़ें: डाडा जलालपुर महापंचायत: स्वामी आनंद स्वरूप और स्वामी परमानंद अरेस्ट, SC की सख्ती के बाद 33 लोग पाबंद

भाजयुमो जिला महामंत्री विदित शर्मा का कहना है कि महाराष्ट्र में जिस तरीके से एक सांसद और विधायक को हनुमान चालीसा पढ़ने के प्रयास में जेल भेजने का कार्य वहां की सरकार ने किया है वह लोकतंत्र का गला घोंटने का कार्य है. क्या देश में हनुमान चालीसा पढ़ना अपराध है. क्या कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा नहीं पढ़ सकता है. एक महिला उत्पीड़न और एक विधायक के उत्पीड़न का कार्य किया गया है. हम वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हैं और उद्धव ठाकरे की सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हैं.

हरिद्वार: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर हुए विवाद के सुर अब धर्मनगरी हरिद्वार तक पहुंच गए हैं. आलम कुछ इस प्रकार है कि जहां एक ओर धर्मनगरी के साधु-संतों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे को कांग्रेस का सपोर्टर बताया, वहीं अपने आप को हिंदू कहना बंद करने को कहा है. दूसरी ओर हरिद्वार में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा ने राठी चौक भूपतवाला पर हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए उद्धव ठाकरे का पुतला भी फूंका है. कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.

भाजयुमो ने पढ़ी हनुमान चालीसा: भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने उद्धव ठाकरे सरकार द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोककर सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा को जेल भेजने के विरोध में राठी चौक भूपतवाला में सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा पाठ किया. इसके बाद उद्धव ठाकरे के पुतला दहन किया. मंडल अध्यक्ष चंद्रकांता पांडेय के नेतृत्व में हुए हनुमान चालीसा पाठ के दौरान भाजयुमो ने महाराष्ट्र सरकार के कृत्य को लोकतंत्र की हत्या करने के समान बताया और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.

सांसद नवनीत राणा की गिरफ्तारी का विरोध

साधु-संतों ने उद्धव सरकार पर साधा निशाना: वहीं इस पर साधु-संतों का कहना है कि जिस तरह का कृत्य महाराष्ट्र में एक हिंदूवादी सरकार कहने वालों ने किया है, इससे साफ तौर पर साबित होता है कि यह सिर्फ और सिर्फ नाम की ही हिंदूवादी सरकार है. जिस राज्य में हनुमान चालीसा पढ़ने पर जेल भेज दिया जाता है, तो आप इससे आकलन लगा सकते हैं कि आप किस के सपोर्टर हैं और किस धर्म को मानते हैं. साधु-संतों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बाला साहब ठाकरे के वास्तविक उत्तराधिकारी उद्धव ठाकरे नहीं बल्कि राज ठाकरे हैं. यह वह दिन प्रतिदिन साबित करते जा रहे हैं. साधु-संतों का कहना है कि कांग्रेस का समर्थन लेकर उद्धव ठाकरे भी अब कांग्रेस की तरह ही कार्य करने लग गए हैं.

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महंत लोकेश दास का कहना है कि जैसे मुगलों के शासन में होता था, वैसा ही अब महाराष्ट्र में हो रहा है. मुझे नहीं लगता कि उद्धव ठाकरे बाला साहब के उत्तराधिकारी हैं बल्कि उनके असली उत्तराधिकारी तो राज ठाकरे हैं. नवनीत राणा और रवि राणा ने हनुमान चालीसा पाठ करने की बात ही तो कही थी और उद्धव ठाकरे को उनका स्वागत करना चाहिए था. इससे उनका मान ही बढ़ता. परंतु उद्धव के कृत्य ने उनके कांग्रेस के साथ बनाये गए सेक्युलरिज्म के चेहरे को उजागर किया है. मैं सभी हिंदुओं से नवनीत राणा का समर्थन करने की अपील करता हूं.

महंत अरुण दास का कहना है कि हनुमान जी तो स्वयं संकटमोचक हैं और जो ऐसा कार्य कर रहा है वह हिन्दू तो हो ही नहीं सकता है. जो हिंदू होगा वह सदा ही हनुमान जी के साथ जुड़ा हुआ होगा. जो हनुमान चालीसा पर इस तरह के विवाद खड़े कर रहे हैं यह देशद्रोह हैं. उनके खिलाफ मुकदमे होने चाहिए. बाला साहब ठाकरे हिंदू थे, मगर इनको कैसे हिंदू कहा जाए यह तो सत्ता लोभी हैं कि कैसे सत्ता में बैठे रहें.

भाजयुमो प्रदेश महामंत्री हरजीत सिंह का कहना है कि महाराष्ट्र में एक सांसद और एक विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाता है. मगर देश में एक कानून होने के बाद भी जब एक समुदाय के लोग सड़क पर आकर नमाज पढ़ते हैं तो उनपर कोई कानून लागू नहीं होता है. मगर कोई हनुमान चालीसा पढ़ता है तो उसपर देशद्रोह का मुकदमा लगा दिया जाता है. मैं इसकी घोर निंदा करता हूं. अपने को हिंदूवादी कहलाने वाले यह लोग एक विशेष समुदाय से खासा प्रेम रखते हैं.

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भाजयुमो जिला महामंत्री विदित शर्मा का कहना है कि महाराष्ट्र में जिस तरीके से एक सांसद और विधायक को हनुमान चालीसा पढ़ने के प्रयास में जेल भेजने का कार्य वहां की सरकार ने किया है वह लोकतंत्र का गला घोंटने का कार्य है. क्या देश में हनुमान चालीसा पढ़ना अपराध है. क्या कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा नहीं पढ़ सकता है. एक महिला उत्पीड़न और एक विधायक के उत्पीड़न का कार्य किया गया है. हम वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हैं और उद्धव ठाकरे की सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हैं.

Last Updated : Apr 27, 2022, 3:26 PM IST
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