हरिद्वार: सत्ता में बैठे बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियां बार-बार दावे करती हैं कि उनकी पार्टी में परिवारवाद के लिए कोई जगह नहीं है. दोनों ही पार्टियां आम कार्यकर्ताओं को पहले तवज्जों देने की बातें करती आई हैं. लेकिन, मगर हरिद्वार में एक परिवार ऐसा है जिस पर बीजेपी की कृपा है. इस परिवार के दो सदस्यों को 10 दिन के भीतर ही अलग-अलग पदों से नवाजा गया है.
हरिद्वार में सहगल परिवार का नाम हर कोई जानता है. सहगल परिवार पेशे से पेट्रोल पंप और होटल व्यवसाय से जुड़ा हुआ है. लेकिन सहगल परिवार व्यापार के साथ-साथ बीजेपी से भी जुड़ा है. इन दिनों सहगल परिवार पर बीजेपी की विशेष दृष्टि बनी हुई है. बीजेपी में लगातार सहगल परिवार के सदस्यों को पदों से नवाजा जा रहा है. इस साल फरवरी में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने दौरे के बीच सहगल परिवार के घर भी गए थे. जिसके बाद सहगल परिवार का रूतबा ही अलग हो गया है.
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वहीं, अब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सहमति से रोहन सहगल को भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है. इससे पहले 13 अगस्त को रोहित सहगल को उत्तराखंड की राज्यपाल द्वारा हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड शिक्षा विद्यालय के कार्य परिषद में सदस्य के रूप में नामित किया गया था.
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बता दें फरवरी दौरे के दौरान हरिद्वार में आए जेपी नड्डा ने सहगल परिवार के घर खाना भी खाया था. ऐसा कहा जाता है कि जेपी नड्डा से सहगल परिवार के परिवारिक संबंध हैं. वहींं, जानकारों के मुताबिक बीजेपी से सहगल परिवार का शुरू से ही जुड़ाव रहा है. सहगल परिवार के मुखिया तिलक राज सहगल का आडवाणी से जुड़ाव था. जिसके बाद सहगल परिवार की विरासत संभालते हुए दोनों भाई पंकज सहगल और संजय सहगल ने बीजेपी का दामन थामे रखा. समय समय भारतीय जनता पार्टी की कृपा इस परिवार पर बनी रही. जब-जब बीजेपी की सरकार बनी तब-तब इन्हें पद दिये गये.
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उत्तराखंड में जब निशंक मुख्यमंत्री थे, तब भी पंकज सहगल को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया. उसके बाद त्रिवेंद्र सरकार में भी संजय सहगल को राज्यमंत्री का दर्जा मिला. अब उनके बेटों को विरासत में मिले पद इस जुड़ाव को साफ-साफ बयां कर रहे हैं.
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इस तरह से पद वितरण पर किए जाने से कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी का आम कार्यकर्ता भी नाराज हैं. भारतीय जनता पार्टी जिस मोमेंटो को लेकर चलती है और जो उनके नियम है. उसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि परिवारवाद की पार्टी में कोई जगह नहीं है, लेकिन फिर भी परिवारवाद और व्यक्ति विशेष पर कृपा भारतीय जनता द्वारा पार्टी द्वारा की जा रही है. जिससे साफ साबित होता है कि भारतीय जनता पार्टी की करनी और कथनी में फर्क है.
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हालांकि बीजेपी में परिवारवाद कोई नया नहीं है. देहरादून के मसूरी विधायक की बेटी नेहा जोशी राष्ट्रीय महिला मोर्चे में महामंत्री हैं. ऐसे कई उदाहरण बीजेपी में और भी देखने को मिलते हैं. इसके साथ ही कांग्रेस भी बीजेपी से दो हाथ आगे है. इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश, हरीश रावत की पत्नी का चुनावी मैदान में उतरना इसका उदाहरण है.