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गंगा की सफाई को लेकर 130 दिनों से स्वामी आत्मबोधानंद का अनशन जारी, लगातार खराब हो रहा स्वास्थ्य

गंगा के लिए अनशन कर रहे मातृ सदन के संत स्वामी आत्मबोधानंद का कहना है कि जब तक उनकी  मांगे पूरी नहीं होती तब तक वह अनशन जारी रखेंगे. चाहे इसके लिए उन्हें अपने प्राणों का त्याग क्यों न करना पड़े.

130 दिनों से आत्मबोधानंद का अनशन जारी
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Published : Mar 2, 2019, 8:48 PM IST

हरिद्वार: गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए कानून बनाने के लिए स्वामी आत्मबोधानंद 130 दिनों से अनशन पर बैठे हैं. बावजूद इसके गंगा की सफाई को लेकर कुछ खास सुधार होता नहीं दिख रहा है. गंगा की हालत दिन ब दिन और खराब होती जा रही है. जिसके कारण अब तक कई संत गंगा की स्वच्छता और अविरलता के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर चुके हैं.


बता दें कि 2010 में मातृ सदन के संत स्वामी निगमानंद ने गंगा की स्वच्छता के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे. जिसके बाद बीते 11 अक्टूबर को मातृ सदन में अनशन कर रहे स्वामी सानंद ने भी गंगा के लिए अपने प्राण त्याग दिए. स्वामी सानंद 112 दिन से गंगा की स्वच्छता और जस्टिस मालवीय समिति द्वारा बनाए गए एक्ट को संसद में पारित करने की मांग को लेकर अनशन पर हैं. साथ ही उनकी मांग गंगा पर बने सभी प्रोजेक्टों को निरस्त करने की है.

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130 दिनों से आत्मबोधानंद का अनशन जारी


अनशन कर रहे मातृ सदन के संत स्वामी आत्मबोधानंद का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक वह अनशन जारी रखेंगे. चाहे इसके लिए उन्हें अपने प्राणों का त्याग क्यों न करना पड़े. आत्मबोधानंद ने स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर गंभीर आरोप लगाते कहा कि कि एम्स हॉस्पिटल में इलाज के दौरान स्वामी सानंद की हत्या की गई. उन्होंने कहा कि उनकी भी वहीं मांगे हैं जो स्वामी सानंद की थी. वे भी चाहते हैं कि गंगा में खनन का काम बंद हो.


गंगा को लेकर 130 दिन से अनशन कर रहे मातृ सदन के संत आत्मबोधानंद अब इस ममाले में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. उनका साफ तौर पर कहना है जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी तब तक वे अनशन से नहीं हटेंगे. ऐसे में अब देखना होगा कि सरकार और जिला प्रशासन कब तक उनकी मांगों की ओर ध्यान देते हैं

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हरिद्वार: गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए कानून बनाने के लिए स्वामी आत्मबोधानंद 130 दिनों से अनशन पर बैठे हैं. बावजूद इसके गंगा की सफाई को लेकर कुछ खास सुधार होता नहीं दिख रहा है. गंगा की हालत दिन ब दिन और खराब होती जा रही है. जिसके कारण अब तक कई संत गंगा की स्वच्छता और अविरलता के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर चुके हैं.


बता दें कि 2010 में मातृ सदन के संत स्वामी निगमानंद ने गंगा की स्वच्छता के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे. जिसके बाद बीते 11 अक्टूबर को मातृ सदन में अनशन कर रहे स्वामी सानंद ने भी गंगा के लिए अपने प्राण त्याग दिए. स्वामी सानंद 112 दिन से गंगा की स्वच्छता और जस्टिस मालवीय समिति द्वारा बनाए गए एक्ट को संसद में पारित करने की मांग को लेकर अनशन पर हैं. साथ ही उनकी मांग गंगा पर बने सभी प्रोजेक्टों को निरस्त करने की है.

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अनशन कर रहे मातृ सदन के संत स्वामी आत्मबोधानंद का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक वह अनशन जारी रखेंगे. चाहे इसके लिए उन्हें अपने प्राणों का त्याग क्यों न करना पड़े. आत्मबोधानंद ने स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर गंभीर आरोप लगाते कहा कि कि एम्स हॉस्पिटल में इलाज के दौरान स्वामी सानंद की हत्या की गई. उन्होंने कहा कि उनकी भी वहीं मांगे हैं जो स्वामी सानंद की थी. वे भी चाहते हैं कि गंगा में खनन का काम बंद हो.


गंगा को लेकर 130 दिन से अनशन कर रहे मातृ सदन के संत आत्मबोधानंद अब इस ममाले में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. उनका साफ तौर पर कहना है जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी तब तक वे अनशन से नहीं हटेंगे. ऐसे में अब देखना होगा कि सरकार और जिला प्रशासन कब तक उनकी मांगों की ओर ध्यान देते हैं

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Intro:मां गंगा ने मुझे बुलाया है कुछ इस तरह अपनी चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां गंगा को लेकर संबोधित किया था मगर आज भी वही मां गंगा जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया था अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है और यही वजह है कि आज भी धर्म नगरी हरिद्वार स्थित मातृ सदन में संत स्वामी आत्मबोध आनंद 130 दिन बीत जाने के बाद भी गंगा की स्वच्छता निर्मलता और अविरलता को लेकर अपने आमरण अनशन पर बैठे हैं यही नहीं अब तक मातृ सदन में दो संत अपने प्राणों को मां गंगा के लिए बलिदान कर चुके हैं


Body:आपको बता दें कि सन 2010 में मातृ सदन के संत स्वामी निगमानंद ने मां गंगा की स्वच्छता के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे और बीती 11 अक्टूबर को मातृ सदन में ही अनशन कर रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद और प्रोफेसर जी डी अग्रवाल ने मां गंगा के लिए अपने प्राण त्याग दिए स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद 112 दिन से मां गंगा की स्वच्छता के लिए और जस्टिस मालवीय समिति द्वारा बनाए गए एक्ट को संसद में पारित करने और गंगा पर बन में सभी बांध और बांधों से जुड़े परियोजनाएं तत्काल निरस्त करने की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे थे अब मातृ सदन के संत आत्मबोधानंद स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद की आमरण अनशन की तपस्या को जारी रखे हुए हैं

मातृ सदन के संत स्वामी आत्मबोधानंद का कहना है कि जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक वह आमरण अनशन जारी रखेंगे चाहे इसके लिए उनको अपने शरीर का बलिदान ही क्यों ना देना पड़े वह आत्मबोधानंद स्थानीय प्रशासन एवं प्रबंधक केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते नजर आए उनका कहना है कि एम्स हॉस्पिटल के इलाज के दौरान स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद की हत्या की गई इनकी भी वही मांगे हैं जो स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद की मांगी थी वहीं स्वामी आत्मबोधानंद की यही मांग है कि मां गंगा में खनन पूरी तरह से बंद किया जाए और अगर उनकी तपस्या में मृत्यु हो जाती है तो इसके आगे गुरु भाई आगे तपस्या जारी रखेंगे और यह करम तक तक जारी रहेगा तब तक मांगे पूरी नहीं होती है

बाइट-- आत्मबोधानंद--अनशनकारी संत


Conclusion:गंगा को लेकर 130 दिन से अनशन कर रहे मातृ सदन के संत आत्मबोधानंद अब पीछे हटने को तैयार नहीं है उनका साफ तौर से कहना है जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएगी वह अनशन से नहीं हटेंगे अब देखना होगा सरकार और जिला प्रशासन कब तक इनको अनशन से उठता है या फिर एक और संत मां गंगा के लिए अपना बलिदान दे जाएगा यह देखने वाली बात होगी
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