हल्द्वानी: प्रदेश के एक आईपीएस बरिंदर जीत सिंह अपने तबादले से नाखुश होकर हाईकोर्ट की शरण में चले गए. वहीं, अब इस मामले में विपक्ष सरकार को नसीहत दे रही है. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि नौकरशाह का इस तरह से कोर्ट में जाना सरकार के हित में नहीं है.
बता दें कि कुछ दिन पहले उत्तराखंड शासन ने आईपीएस और पीसीएस के ट्रांसफर किए थे. जिसे लेकर बीते दिन अपने ट्रांसफर के खिलाफ उत्तराखंड का एक आईपीएस अधिकारी नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया. वहीं आज एक दूसरा मामला हल्द्वानी से सामने आया जहां एक आईपीएस बरिंदर जीत सिंह अपने तबादले से नाखुश होकर हाईकोर्ट चले गए. इसपर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि मुख्य सचिव और विभागीय मंत्री को बातचीत करके मामले का हल निकालना चाहिए. नौकरशाहों के कोर्ट में जाने से सरकार की छवि पर असर पड़ता है.
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इंदिरा हृदयेश ने कहा कि अधिकारी राजकाज के प्रमुख अंग होते हैं. सरकार को भी अधिकारियों को साथ में लेकर चलना चाहिए. ट्रांसफर से अधिकारियों की इस तरह की नाराजगी का असर सरकारी कामकाज पर भी पड़ता है. उन्होंने कहा कि एक अधिकारी के साल में दो बार ट्रांसफर होने से अधिकारी का मनोबल टूटता है. साथ ही नौकरशाहों के कोर्ट में जाने से सरकार की छवि कहीं न कहीं धूमिल होती है. इंदिरा हृदयेश ने कहा है कि प्रदेश के नौकरशाहों को सरकार अपने पक्ष में रखें, नहीं तो आने वाले समय में इसका गलत असर पड़ेगा.