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जमरानी बांध परियोजना: प्रसिद्ध हैड़ाखान मंदिर का अस्तित्व खतरे में, विस्थापन का काम शुरू

जमरानी बांध परियोजना के बनने से देश-विदेश में ख्याति प्राप्त हैड़ाखान बाबा मंदिर व आश्रम का अस्तित्व खतरे में आ गया है. जिसके कारण यहां के ग्रामीण इसे शिफ्ट करने की कोशिशों में लगे हैं.

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जमरानी बांध परियोजना के डूब क्षेत्र में आया हैड़ाखान मंदिर
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Published : Feb 5, 2020, 9:15 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 11:19 PM IST

हल्द्वानी: पेयजल, सिंचाई और बिजली उत्पादन को ध्यान में रखते हुए बनाई जाने वाली जमरानी बांध परियोजना का असर हैड़ाखान बाबा मंदिर पर पड़ रहा है. इस परियोजना से ख्याति प्राप्त हैडाखान बाबा मंदिर और आश्रम का अस्तित्व खतरे में आ रहा है. बांध के डूब क्षेत्र में आने के चलते प्रशासन अब मंदिर और आश्रम को विस्थापित करने की कार्रवाई में जुट गया है.

जमरानी बांध परियोजना के डूब क्षेत्र में आया हैड़ाखान मंदिर

10 किलोमीटर लंबी झील की इस परियोजना में विश्व प्रसिद्ध हैड़ाखान बाबा मंदिर और आश्रम का कुछ हिस्सा डूब क्षेत्र में आ रहा है. इसके अलावा इस क्षेत्र में पानी भरने के कारण भी इस विश्वविख्यात और आध्यात्मिक मंदिर पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. वहीं सरकार, ग्रामीण और मंदिर समिति इस मंदिर की महत्ता को समझते हुए इसे विस्थापित करने में जुटे हैं, ताकि मंदिर के अस्तित्व को बचाया जा सके. इसके अलावा इस परियोजना में 6 गांवों के करीब 450 परिवार भी डूब क्षेत्र में आ रहे हैं, जिनके विस्थापन के लिए भी काम किया जा रहा है.

पढ़ें-रुड़की पुलिस पर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के सदस्य को शह देने का आरोप, गोपनीय जांच शुरू

कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला के मुताबिक डूब क्षेत्र में आने वाले सभी मंदिरों का उचित मूल्यांकन किया जाएगा. साथ ही उन्हें री-लोकेट करने पर भी विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा मंदिरों के विस्थापन समेत अन्य मामलों में मुआवजे के प्रावधानों को भी अमल में लाया जा रहा है.

हल्द्वानी: पेयजल, सिंचाई और बिजली उत्पादन को ध्यान में रखते हुए बनाई जाने वाली जमरानी बांध परियोजना का असर हैड़ाखान बाबा मंदिर पर पड़ रहा है. इस परियोजना से ख्याति प्राप्त हैडाखान बाबा मंदिर और आश्रम का अस्तित्व खतरे में आ रहा है. बांध के डूब क्षेत्र में आने के चलते प्रशासन अब मंदिर और आश्रम को विस्थापित करने की कार्रवाई में जुट गया है.

जमरानी बांध परियोजना के डूब क्षेत्र में आया हैड़ाखान मंदिर

10 किलोमीटर लंबी झील की इस परियोजना में विश्व प्रसिद्ध हैड़ाखान बाबा मंदिर और आश्रम का कुछ हिस्सा डूब क्षेत्र में आ रहा है. इसके अलावा इस क्षेत्र में पानी भरने के कारण भी इस विश्वविख्यात और आध्यात्मिक मंदिर पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. वहीं सरकार, ग्रामीण और मंदिर समिति इस मंदिर की महत्ता को समझते हुए इसे विस्थापित करने में जुटे हैं, ताकि मंदिर के अस्तित्व को बचाया जा सके. इसके अलावा इस परियोजना में 6 गांवों के करीब 450 परिवार भी डूब क्षेत्र में आ रहे हैं, जिनके विस्थापन के लिए भी काम किया जा रहा है.

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कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला के मुताबिक डूब क्षेत्र में आने वाले सभी मंदिरों का उचित मूल्यांकन किया जाएगा. साथ ही उन्हें री-लोकेट करने पर भी विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा मंदिरों के विस्थापन समेत अन्य मामलों में मुआवजे के प्रावधानों को भी अमल में लाया जा रहा है.

Intro:sammry- जमरानी बांध के जद में विश्व प्रसिद्ध हैड़ाखान मंदिर जिला प्रशासन मंदिर का करेगा विस्थापन ।( इस खबर में बाइट मोजो से जबकि विजुअल re app से) एंकर- पेयजल ,सिंचाई और बिजली उत्पादन को ध्यान में रखते हुए बनाए जाने वाले जमरानी बांध परियोजना के निर्माण के लिए बड़े बदलाव लाए जाने की आवश्यक हो गए है। इस परियोजना के बनने से देश-विदेश में ख्याति प्राप्त हैडाखान बाबा मंदिर और आश्रम का वर्तमान अस्तित्व खत्म हो जाएगा। बांध के डूब क्षेत्र में आने के चलते प्रशासन अब मंदिर और आश्रम को विस्थापन करने की कार्रवाई में जुट गया है। इस परियोजना में 6 गांव के करीब 450 परिवार भी डूब क्षेत्र में आ रहा है जिनके विस्थापन के लिए जिला प्रशासन कार्रवाई में जुटा है।


Body:10 किलो मीटर लंबी झील किस परियोजना में विश्व प्रसिद्ध हेड़ा खान बाबा मंदिर और आश्रम का कुछ हिस्सा डूब क्षेत्र में आ रहा है डूब क्षेत्र में कुछ हिस्सा आने से अधिक पानी भरने पर पूरा मंदिर और आश्रम भी खतरे में पड़ सकता है इससे बचाने के लिए सरकार और ग्रामीणों और मंदिर समिति से मिलकर मंदिर और आश्रम को विस्थापित करने की तैयारी में है।


Conclusion:कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला के मुताबिक डूब क्षेत्र में आने वाले सभी मंदिरों का उचित मूल्यांकन होगा और उन्हें री लोकेट करने पर विचार किया जा रहा है हालांकि मंदिरों के विस्थापन समेत अन्य मामलों पर मुआवजे के प्रधानों को भी अमल में लाई जा रही है। वाइट राजीव रौतेला कमिश्नर कुमाऊं
Last Updated : Feb 5, 2020, 11:19 PM IST
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