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हल्द्वानी:  गेस्ट फैकल्टी को सताने लगा नौकरी जाने का डर, सरकार से की प्रतिनियुक्ति की मांग

प्रदेश के विभिन्न डिग्री कॉलेजों में 250 से ज्यादा गेस्ट फैकल्टी को नौकरी जाने का डर सताने लगा है. क्योंकि पिछले दो महीने से सभी गेस्ट फैकल्टी घरों में बैठे हैं. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है.

Haldwani Guest Faculty
हल्द्वानी गेस्ट फैकल्टी
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Published : Aug 31, 2020, 12:30 PM IST

हल्द्वानी: प्रदेश के अलग-अलग डिग्री कॉलजों में तैनात गेस्ट फैकल्टियों को पिछले दो महीने से घर बैठाये जाने से उनमें खासा रोष है. ऐसे में गेस्ट फैकल्टियों ने सरकार से जल्द प्रतिनियुक्ति की मांग की है.

गेस्ट फैकल्टी नवीन शर्मा का कहना है कि प्रदेश के करीब 250 गेस्ट टीचर अलग-अलग डिग्री कॉलेजों में पिछले 5 सालों से तैनात हैं. हर साल प्रदेश सरकार द्वारा जून माह में उनको ब्रेक देकर दोबारा से एक सप्ताह के भीतर सेवा विस्तार दिया जाता था, लेकिन इस बार दो महीने बीत जाने के बाद भी उनका सेवा विस्तार नहीं किया गया. ऐसे में उनके आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. साथ ही नौकरी जाने का डर भी सताने लगा है.

गेस्ट फैकल्टी को सताने लगा नौकरी जाने का डर.

गेस्ट टीचरों ने सरकार से मांग की है कि एक सितंबर से डिग्री कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होने जा रही है. ऐसे में उनकी नियुक्ति जल्द की जाए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति ठीक हो सके. साथ ही छात्रों की पढ़ाई में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो.

पढ़ें- आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए एएसआई को दी गई अंतिम विदाई

इस पूरे मामले में उच्च शिक्षामंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि कोरोना संकट के चलते कॉलेज बंद हैं. गेस्ट फैकल्टियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए दो सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में उनके सेवा विस्तार पर निर्णय ले लिया जाएगा.

हल्द्वानी: प्रदेश के अलग-अलग डिग्री कॉलजों में तैनात गेस्ट फैकल्टियों को पिछले दो महीने से घर बैठाये जाने से उनमें खासा रोष है. ऐसे में गेस्ट फैकल्टियों ने सरकार से जल्द प्रतिनियुक्ति की मांग की है.

गेस्ट फैकल्टी नवीन शर्मा का कहना है कि प्रदेश के करीब 250 गेस्ट टीचर अलग-अलग डिग्री कॉलेजों में पिछले 5 सालों से तैनात हैं. हर साल प्रदेश सरकार द्वारा जून माह में उनको ब्रेक देकर दोबारा से एक सप्ताह के भीतर सेवा विस्तार दिया जाता था, लेकिन इस बार दो महीने बीत जाने के बाद भी उनका सेवा विस्तार नहीं किया गया. ऐसे में उनके आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. साथ ही नौकरी जाने का डर भी सताने लगा है.

गेस्ट फैकल्टी को सताने लगा नौकरी जाने का डर.

गेस्ट टीचरों ने सरकार से मांग की है कि एक सितंबर से डिग्री कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होने जा रही है. ऐसे में उनकी नियुक्ति जल्द की जाए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति ठीक हो सके. साथ ही छात्रों की पढ़ाई में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो.

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इस पूरे मामले में उच्च शिक्षामंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि कोरोना संकट के चलते कॉलेज बंद हैं. गेस्ट फैकल्टियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए दो सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में उनके सेवा विस्तार पर निर्णय ले लिया जाएगा.

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