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बंदरों के आतंक से मिलेगी निजात, पिछले दो सालों में 1126 बंदरों का किया गया बंध्याकरण

हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे निजात पाने के लिए वन विभाग ने बंदर बड़ा खोलने का निर्णय लिया है. सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुमति मिलते ही बंदर बाड़े का निर्माण किया जाएगा.

पीपीपी मोड पर वन विभाग खोलने जा रहा बंदर बाडा.
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Published : Jun 29, 2019, 9:06 PM IST

हल्द्वानी: नगर में बंदरों के आतंक से आम जनता को निजात दिलाने के लिए तराई पूर्वी वन प्रभाग में बंदर बाड़े का निर्माण किया जाएगा. पीपीपी मोड पर सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुमति मिलते ही बंदर बाड़े के निर्माण को अंतिम रूप दिया जाएगा.

बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए वन प्रभाग करेगा बंदर बड़े का निर्माण.

बता दें कि हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे निजात पाने के लिए वन विभाग ने एक और बंदर बाड़ा खोलने का निर्णय लिया है. इससे पहले नैनीताल वन प्रभाग के बंदर बाड़े में पिछले 2 सालों में 1126 बंदरों का बंध्याकरण हुआ है.

ये भी पढ़े: किसान ने बंद कर दी नाली की निकासी, दो पक्षों में हुई झड़प

पश्चिमी वृत्त के प्रमुख वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय जू के अंदर बंदर बाड़े का निर्माण किया जाना है. सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुमति मिलते ही बंदर बाड़े का निर्माण किया जाएगा. जिससे बंदरों का बंध्याकरण कर जनसंख्या पर लगाम लगाई जा सके.

हल्द्वानी: नगर में बंदरों के आतंक से आम जनता को निजात दिलाने के लिए तराई पूर्वी वन प्रभाग में बंदर बाड़े का निर्माण किया जाएगा. पीपीपी मोड पर सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुमति मिलते ही बंदर बाड़े के निर्माण को अंतिम रूप दिया जाएगा.

बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए वन प्रभाग करेगा बंदर बड़े का निर्माण.

बता दें कि हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे निजात पाने के लिए वन विभाग ने एक और बंदर बाड़ा खोलने का निर्णय लिया है. इससे पहले नैनीताल वन प्रभाग के बंदर बाड़े में पिछले 2 सालों में 1126 बंदरों का बंध्याकरण हुआ है.

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पश्चिमी वृत्त के प्रमुख वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय जू के अंदर बंदर बाड़े का निर्माण किया जाना है. सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुमति मिलते ही बंदर बाड़े का निर्माण किया जाएगा. जिससे बंदरों का बंध्याकरण कर जनसंख्या पर लगाम लगाई जा सके.

Intro:sammry- बंदरों की आबादी पर लगेगा लगाम शुरू हुआ बधियाकरण।( विजुअल बाइट मेल से उठाएं)

एंकर- हल्द्वानी और उसके आसपास के सटे इलाकों में बंदरों के आतंक से आम जनता को निजात दिलाने के लिए जल्द ही तराई पूर्वी वन प्रभाग में बंदर बाड़ा का निर्माण किया जाएगा बंदर वाला को पीपीपी मोड पर बनाया जाएगा। सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुमति मिलते बंदर बाड़ा का काम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। यही नहीं नैनीताल वन प्रभाग के रेस्क्यू सेंटर में बने बंदर वाड़ा में पिछले 2 सालों में 1126 बंदरों का बधियाकरण हुआ है ।



Body:हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्र में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ते जा रहा है जिसके लिए वन विभाग एक और बंदर बड़ा खोलने का निर्णय लिया है। प्रमुख वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डकैत पराग मधुकर धक्क ते ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय जू के अंदर बंदर वाड़ा का निर्माण किया जाना है। सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुमति मिलते हैं बंदर बाड़ा के निर्माण किया जाएगा जिसमें बंदरों का बदियाकरण किया जाएगा जिसे की बंदूक के बाहर है जनसंख्या पर लगाम लगाया जा सके।
पराग मधुकर घकाते ने बताया कि नैनीताल वन प्रभाग के रानी बाग स्थित रेस्क्यू सेंटर में बनने बंदर वाड़ा में पिछले 2 सालों में 1126 बंदरों का बधियाकरण हुआ है।
बाइट- पराग मधुकर धक्काते वन संरक्षक पश्चिम विद्युत


Conclusion: बंदरों के जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए वन विभाग द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय पहल है लेकिन पिछले 2 सालों में मात्र 1126 बंदरों का वधिया करण करना वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा होता है क्योंकि बंदरों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और वन विभाग केवल बधिया करण के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है।
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