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सीवर की गंदगी गौला नदी में डालने की खबर का असर, पेयजल मंत्री चुफाल कराएंगे जांच - गौला नदी में प्रदूषण

ईटीवी भारत ने गौला नदी को सीवर का पानी छोड़कर प्रदूषित करने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने ये खबर पढ़ी. खबर पढ़ते ही उनका रिएक्शन आया है. चुफाल ने कहा कि वो इसकी जांच कराएंगे. पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल खुद उस जगह जाएंगे, जहां से हल्द्वानी के सीवर की गंदगी गौला नदी में डाली जा रही है.

sewer water in Gaula river
गौला में सीवर डालने का समाचार
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Published : Jan 7, 2022, 10:46 AM IST

Updated : Jan 7, 2022, 10:58 AM IST

हल्द्वानी: जीवनदायिनी गौला नदी को सीवर के पानी से जहरीला बना दिया गया है. ईटीवी भारत ने प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित किया था. पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने इस खबर का संज्ञान लिया है. मंत्री चुफाल ने गौला नदी को जहरीला बनाए जाने के मामले की जांच की बात कही है.

सीवर का पानी छोड़कर हल्द्वानी की जीवनदायिनी गौला नदी के पानी को जहरीला बनाए जाने का काम किया जा रहा है. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रकाशित और प्रसारित किया था. इसके बाद पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच की बात कही है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वह खुद मौके का निरीक्षण करेंगे. मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा है कि किसी भी कीमत पर नदी को दूषित नहीं होने दिया जाएगा. ईटीवी भारत के माध्यम से मामला उनके संज्ञान में आया है. जल्द इस पर कार्रवाई होगी.

गौला नदी में गंदगी की होगी जांच
पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा है कि हल्द्वानी शहर को सीवर से मुक्ति दिलाने के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जा रही है. पुराने शहर के लिए बनाए जा रहे एसटीपी का 75% निर्माण हो चुका है. हल्द्वानी शहर के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी गयी है.

बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि बजट मिलते ही एसटीपी प्लांट तैयार किया जाएगा. गौरतलब है कि हल्द्वानी की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी में शहर के सीवर का पानी छोड़ा जा रहा है. इससे नदी पूरी तरह से दूषित हो रही है. यही नहीं नदी के दूषित होने से जहां संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है, तो वहीं पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है.
ये भी पढ़ें: हल्द्वानी में जीवनदायिनी गौला नदी को बना दिया जहरीला, छोड़ा जा रहा है सीवर का पानी


गौरतलब है कि हल्द्वानी शहर के लिए सीवर ट्रीटमेंट व्यवस्था नहीं होने के चलते नगर निगम, जल संस्थान द्वारा सीवर का पानी इधर-उधर छोड़ा जा रहा था. इसका ग्रामीणों ने विरोध किया. जिसके बाद अब सीवर के गंदे पानी को सीधे गौला नदी में छोड़ा जा रहा है. इससे नदी का जल दूषित हो रहा है. यहां तक कि दूषित पानी को खनन कार्य में लगे मजदूर भी पीने को मजबूर हैं. वहीं पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है.

हल्द्वानी: जीवनदायिनी गौला नदी को सीवर के पानी से जहरीला बना दिया गया है. ईटीवी भारत ने प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित किया था. पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने इस खबर का संज्ञान लिया है. मंत्री चुफाल ने गौला नदी को जहरीला बनाए जाने के मामले की जांच की बात कही है.

सीवर का पानी छोड़कर हल्द्वानी की जीवनदायिनी गौला नदी के पानी को जहरीला बनाए जाने का काम किया जा रहा है. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रकाशित और प्रसारित किया था. इसके बाद पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच की बात कही है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वह खुद मौके का निरीक्षण करेंगे. मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा है कि किसी भी कीमत पर नदी को दूषित नहीं होने दिया जाएगा. ईटीवी भारत के माध्यम से मामला उनके संज्ञान में आया है. जल्द इस पर कार्रवाई होगी.

गौला नदी में गंदगी की होगी जांच
पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा है कि हल्द्वानी शहर को सीवर से मुक्ति दिलाने के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जा रही है. पुराने शहर के लिए बनाए जा रहे एसटीपी का 75% निर्माण हो चुका है. हल्द्वानी शहर के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी गयी है.

बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि बजट मिलते ही एसटीपी प्लांट तैयार किया जाएगा. गौरतलब है कि हल्द्वानी की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी में शहर के सीवर का पानी छोड़ा जा रहा है. इससे नदी पूरी तरह से दूषित हो रही है. यही नहीं नदी के दूषित होने से जहां संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है, तो वहीं पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है.
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गौरतलब है कि हल्द्वानी शहर के लिए सीवर ट्रीटमेंट व्यवस्था नहीं होने के चलते नगर निगम, जल संस्थान द्वारा सीवर का पानी इधर-उधर छोड़ा जा रहा था. इसका ग्रामीणों ने विरोध किया. जिसके बाद अब सीवर के गंदे पानी को सीधे गौला नदी में छोड़ा जा रहा है. इससे नदी का जल दूषित हो रहा है. यहां तक कि दूषित पानी को खनन कार्य में लगे मजदूर भी पीने को मजबूर हैं. वहीं पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है.

Last Updated : Jan 7, 2022, 10:58 AM IST
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