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covid-19 से एसटीएच में 8 मरीजों की मौत, डीएम ने मांगी रिपोर्ट - मौतों के डेथ ऑडिट का रिव्यू करने के आदेश

हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में कोविड-19 से 8 मरीजों की मौत हो गई. जिसका जिलाधिकारी सविन बंसल ने अस्पताल पहुंचकर संज्ञान लिया.

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डीएम ने लिया एसटीएच का संज्ञान.
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Published : Jul 28, 2020, 5:04 PM IST

हल्द्वानी: कोरोना महामारी से प्रदेश में अब तक 66 लोगों की जान जा चुकी है. सोमवार को जिले के सुशीला तिवारी अस्पताल में कोविड-19 से 8 मरीजों की मौत हो गई. जिसका जिलाधिकारी ने अस्पताल पहुंचकर संज्ञान लिया. डीएम सविन बंसल ने अस्पताल में हुई मरीजों की मौत को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. भागीरथी जोशी को मौतों के डेथ ऑडिट का रिव्यू करते हुए स्पष्ट आख्या एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

डीएम सविन बंसल ने मंगलवार को सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचकर मरीजों की मौत को लेकर जांच पड़ताल की. उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारी डॉ. सुशीला तिवारी चिकित्सालय रोहित मीणा ने एसटीएच की कार्यप्रणाली और अनियमित्ताओं के संबंध में अपनी आख्या एवं चिकित्सालय में सुधार हेतु सुझाव दिए हैं. उन्होने बताया कि नोडल अधिकारी एसटीएच द्वारा दी गई आख्या में टियर थ्री आईसीयू में कोरोना मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते यह उल्लेखित किया गया कि किसी भी कोरोना मरीज को हाई इन्टेसिव आईसीयू की आवश्यकता न होने के कारण मरीज को उसमें भर्ती नहीं किया गया.

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वहीं, वर्तमान समय में 8 मरीजों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है. ये मरीज कोरोना संक्रमण की दृष्टि से गंभीर मरीजों की श्रेणी में आते थे. डीएम ने कहा कि इन मरीजों को हाई इन्टेसिव आईसीयू में भर्ती किए जाने की आवश्यकता थी. जिलाधिकारी ने आम जन-मानस के स्वास्थ्य हितों और चिकित्सालय प्रबंधन की व्यवस्थाओं में व्याप्त लापरवाही और अनियमित्ताओं को देखते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को कोरोना से हुई 8 मरीजों की मृत्यु का डेथ ऑडिट रिव्यू करते हुए हाई इंटेंसिव आईसीयू में नहीं रखने का उल्लेख किया है. डीएम का कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीजों को हाई इंटेसिव आईसीयू में रखना आवश्यक था. अगर इन मरीजों को समय रहते हाई इंटेंसिव आईसीयू में भर्ती करा दिया जाता, तो उनकी जान बचने की संभावना थी. डीएम ने इस मामले पर स्पष्ट रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

हल्द्वानी: कोरोना महामारी से प्रदेश में अब तक 66 लोगों की जान जा चुकी है. सोमवार को जिले के सुशीला तिवारी अस्पताल में कोविड-19 से 8 मरीजों की मौत हो गई. जिसका जिलाधिकारी ने अस्पताल पहुंचकर संज्ञान लिया. डीएम सविन बंसल ने अस्पताल में हुई मरीजों की मौत को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. भागीरथी जोशी को मौतों के डेथ ऑडिट का रिव्यू करते हुए स्पष्ट आख्या एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

डीएम सविन बंसल ने मंगलवार को सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचकर मरीजों की मौत को लेकर जांच पड़ताल की. उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारी डॉ. सुशीला तिवारी चिकित्सालय रोहित मीणा ने एसटीएच की कार्यप्रणाली और अनियमित्ताओं के संबंध में अपनी आख्या एवं चिकित्सालय में सुधार हेतु सुझाव दिए हैं. उन्होने बताया कि नोडल अधिकारी एसटीएच द्वारा दी गई आख्या में टियर थ्री आईसीयू में कोरोना मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते यह उल्लेखित किया गया कि किसी भी कोरोना मरीज को हाई इन्टेसिव आईसीयू की आवश्यकता न होने के कारण मरीज को उसमें भर्ती नहीं किया गया.

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वहीं, वर्तमान समय में 8 मरीजों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है. ये मरीज कोरोना संक्रमण की दृष्टि से गंभीर मरीजों की श्रेणी में आते थे. डीएम ने कहा कि इन मरीजों को हाई इन्टेसिव आईसीयू में भर्ती किए जाने की आवश्यकता थी. जिलाधिकारी ने आम जन-मानस के स्वास्थ्य हितों और चिकित्सालय प्रबंधन की व्यवस्थाओं में व्याप्त लापरवाही और अनियमित्ताओं को देखते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को कोरोना से हुई 8 मरीजों की मृत्यु का डेथ ऑडिट रिव्यू करते हुए हाई इंटेंसिव आईसीयू में नहीं रखने का उल्लेख किया है. डीएम का कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीजों को हाई इंटेसिव आईसीयू में रखना आवश्यक था. अगर इन मरीजों को समय रहते हाई इंटेंसिव आईसीयू में भर्ती करा दिया जाता, तो उनकी जान बचने की संभावना थी. डीएम ने इस मामले पर स्पष्ट रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

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