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देवभूमि में धूमधाम से मनाई गई चैत्र नवरात्रि, मां के दर पहुंच लोगों ने की मंगल कामना - chaitra navratri celebrated in uttarkhand

चैत्र नवरात्रि इस बार 14 अप्रैल तक मनाई जाएगी. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और नौ दिन के लिए उपवास रखा जाता है.

धूमधाम से मनाई गई चैत्र नवरात्रि.
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Published : Apr 6, 2019, 8:14 PM IST

हल्द्वानी/रामनगर/हरिद्वार/बागेश्वर: चैत्र नवरात्रि इस बार 14 अप्रैल तक मनाई जाएगी. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और नौ दिन के लिए उपवास रखा जाता है. गर्मियों की शुरुआत में आने वाले चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से नववर्ष के पंचांग की गणना भी शुरू हो जाती है. जिसे पूरे देश में हिंदी नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है.

धूमधाम से मनाई गई चैत्र नवरात्रि.

इसी क्रम में हल्द्वानी में राष्ट्र सेविका संगठन की महिलाओं ने नव संवत्सर हिंदू वर्ष की शुरुआत और चैत्र नवरात्रि के पहले दिन शहर में घूमकर लोगों को चंदन टिका लगाया. इस दौरान महिलाओं ने लोगों के हिंदी संवत्सर की बधाई दी और पहाड़ की संस्कृति को बचाने की अपील की.

हिंदी नव वर्ष पर रामनगर के प्रसिद्ध गिरिजा मंदिर में चैत्र नवरात्र की धूम देखने को मिली. चैत्र नवरात्र के पहले दिन गिरिजा मंदिर में मां के दर्शन करने के लिए सुबह चार बजे से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था. इस दौरान भक्तों ने माता को प्रसाद के साथ-साथ श्रृंगार चढ़ा कर प्रार्थना की.

पढ़ें: अष्टभुजा महालक्ष्मी करती है सभी भक्तों की मनोकामना पूरी

धर्मनगरी हरिद्वार में भी मां दुर्गा की पूजा अर्चना के लिए सिद्ध पीठों में भक्तों का तांता लगा रहा. मां चंडी देवी, मां मनसा देवी और शक्तिपीठ माया देवी के मंदिर में नवरात्रों को लेकर भारी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे.

बागेश्वर जिले में हिंदू नववर्ष और चैत्र नवरात्रि धूमधाम से मनाई गई. बागनाथ और चंड़ीका मंदीर में घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान घरों में भी भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया.

हल्द्वानी/रामनगर/हरिद्वार/बागेश्वर: चैत्र नवरात्रि इस बार 14 अप्रैल तक मनाई जाएगी. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और नौ दिन के लिए उपवास रखा जाता है. गर्मियों की शुरुआत में आने वाले चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से नववर्ष के पंचांग की गणना भी शुरू हो जाती है. जिसे पूरे देश में हिंदी नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है.

धूमधाम से मनाई गई चैत्र नवरात्रि.

इसी क्रम में हल्द्वानी में राष्ट्र सेविका संगठन की महिलाओं ने नव संवत्सर हिंदू वर्ष की शुरुआत और चैत्र नवरात्रि के पहले दिन शहर में घूमकर लोगों को चंदन टिका लगाया. इस दौरान महिलाओं ने लोगों के हिंदी संवत्सर की बधाई दी और पहाड़ की संस्कृति को बचाने की अपील की.

हिंदी नव वर्ष पर रामनगर के प्रसिद्ध गिरिजा मंदिर में चैत्र नवरात्र की धूम देखने को मिली. चैत्र नवरात्र के पहले दिन गिरिजा मंदिर में मां के दर्शन करने के लिए सुबह चार बजे से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था. इस दौरान भक्तों ने माता को प्रसाद के साथ-साथ श्रृंगार चढ़ा कर प्रार्थना की.

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धर्मनगरी हरिद्वार में भी मां दुर्गा की पूजा अर्चना के लिए सिद्ध पीठों में भक्तों का तांता लगा रहा. मां चंडी देवी, मां मनसा देवी और शक्तिपीठ माया देवी के मंदिर में नवरात्रों को लेकर भारी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे.

बागेश्वर जिले में हिंदू नववर्ष और चैत्र नवरात्रि धूमधाम से मनाई गई. बागनाथ और चंड़ीका मंदीर में घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान घरों में भी भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया.

Intro:स्लग- नव संवत्सर पर अपनी संस्कृति को बचाने की महिलाओं की पहल
रिपोर्टर -भावनाथ पंडित /हल्द्वानी

एंकर- हिंदू धर्म के अनुसार आज से नव वर्ष आरंभ हो गया है। हल्द्वानी में राष्ट्र सेविका संगठन की महिलाओ द्वारा नव संवत्सर हिंदू वर्ष की शुरुआत और चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन शहर में घूम घूम कर लोगों को चंदन टिका का अभिवादन कर हिंदी संवत्सर की बधाई देकर जागरूक कर रही हैं साथ ही अपनी संस्कृति को बचाने की अपील भी कर रही है।


Body:महिला स्वयं सेवी संगठनों का कहना है कि नव वर्ष की पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा न देकर पहाड़ की और हिंदू धर्म की संस्कृति को अपनाने के लिए राष्ट्रीय सेविका संगठन ने लोगों को चंदन टीका लगा कर उनको नववर्ष की बधाई दे रही हैं साथी लोगों को यह भी जागरूक कर रही है कि अपनी हिंदू धर्म और पहाड़ की संस्कृति को आगे बढ़ाया जाए और अपनी संस्कृति को बचाया जाए।


Conclusion:इस दौरान संगठन की महिलाएं शहर के लोगों ने भी उनका अभिवादन किया और नव संवत्सर और चैत्र की माह की शुरुआत देर रात दीपदान कर नए साल के आगमन का स्वागत भी किया।

बाइट -कार्यकर्ता राष्ट्र सेविका संगठन
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