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ओपन यूनिवर्सिटी की भर्तियों पर बार काउंसिल ने उठाए सवाल, न्यायालय की लेंगे शरण

ओपन यूनिवर्सिटी में हुई भर्ती के चयन प्रक्रिया पर बार काउंसिल के सदस्यों ने उठाए सवाल हैं. नियुक्तियों को आरटीआई के दायरे से बाहर रखा गया है. ऑल इंडिया बार काउंसलिंग के सदस्य महेंद्र पाल सिंह ने सरकार को नियुक्तियों को सार्वजनिक न करने पर न्यायालय में याचिका दायर करने की चेतावनी दै है.

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Published : Aug 30, 2019, 11:51 PM IST

ओपन यूनिवर्सिटी भर्ती पर बार काउंसिल के सदस्यों ने उठाए सवाल.

हल्द्वानी: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर के 8 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पर बार काउंसलिंग के सदस्यों ने विरोध जताया है. साथ ही राज्य सरकार और ओपन यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. सदस्यों ने भर्ती में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए भर्ती प्रक्रिया को आरटीआई के दायरे से बाहर किए जाने की बात कही. वहीं सरकार के मंशे पर सवाल खड़े कर मामले में न्यायालय में जाने की बात कही है.

यह भी पढ़ें: सड़क हादसे में बाइक सवार युवक की मौत, एक गंभीर

बता दें कि बार काउंसिल के सदस्यों ने जिले में प्रेस वार्ता कर कहा है कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर के 8 पदों पर सरकार द्वारा विज्ञापन जारी की गया था. इन पदों के लिए 700 से अधिक अभ्यर्थियों ने जुलाई में परीक्षाएं दीं, लेकिन सरकार के प्रभावशाली मंत्री और विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत से अपने ही पक्ष के लोगों की भर्ती हुई.

ओपन यूनिवर्सिटी भर्ती पर बार काउंसिल के सदस्यों ने उठाए सवाल.

उन्होंने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया में पूरी तरह से भ्रष्टाचार किया गया है. भर्ती के आवेदन की अंतिम परीक्षा फल में यह लिखित निर्देश दिया गया है, कि इस प्रकरण में भारत सरकार द्वारा साल 2005 में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत कोई भी आवेदन नहीं कर सकता है.

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इस दौरान ऑल इंडिया बार काउंसलिंग के सदस्य महेंद्र पाल सिंह और हल्द्वानी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट ने प्रेस वार्ता में कहा कि अगर सरकार इस नियुक्तियों को सार्वजनिक नहीं करती है तो इसके खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी.

हल्द्वानी: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर के 8 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पर बार काउंसलिंग के सदस्यों ने विरोध जताया है. साथ ही राज्य सरकार और ओपन यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. सदस्यों ने भर्ती में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए भर्ती प्रक्रिया को आरटीआई के दायरे से बाहर किए जाने की बात कही. वहीं सरकार के मंशे पर सवाल खड़े कर मामले में न्यायालय में जाने की बात कही है.

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बता दें कि बार काउंसिल के सदस्यों ने जिले में प्रेस वार्ता कर कहा है कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर के 8 पदों पर सरकार द्वारा विज्ञापन जारी की गया था. इन पदों के लिए 700 से अधिक अभ्यर्थियों ने जुलाई में परीक्षाएं दीं, लेकिन सरकार के प्रभावशाली मंत्री और विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत से अपने ही पक्ष के लोगों की भर्ती हुई.

ओपन यूनिवर्सिटी भर्ती पर बार काउंसिल के सदस्यों ने उठाए सवाल.

उन्होंने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया में पूरी तरह से भ्रष्टाचार किया गया है. भर्ती के आवेदन की अंतिम परीक्षा फल में यह लिखित निर्देश दिया गया है, कि इस प्रकरण में भारत सरकार द्वारा साल 2005 में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत कोई भी आवेदन नहीं कर सकता है.

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इस दौरान ऑल इंडिया बार काउंसलिंग के सदस्य महेंद्र पाल सिंह और हल्द्वानी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट ने प्रेस वार्ता में कहा कि अगर सरकार इस नियुक्तियों को सार्वजनिक नहीं करती है तो इसके खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी.

Intro:sammry- ओपन यूनिवर्सिटी में हुई भर्ती के चयन प्रक्रिया पर बार काउंसिल के सदस्यों ने उठाए सवाल, नियुक्तियों को आरटीआई के दायरे से रखा गया बाहर। एंकर उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर के 8 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पर बार काउंसलिंग के सदस्यों ने राज्य सरकार और ओपन यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। सदस्यों ने भर्ती में गोलमाल करने का आरोप लगाते हुए भर्ती प्रक्रिया को आरटीआई के दायरे से बाहर किए जाने पर सरकार के मन से पर सवाल खड़ा कर इस मामले में न्यायालय में जाने की बात कही है।


Body:बार काउंसिल के सदस्यों ने हल्द्वानी में प्रेस वार्ता कर कहा है कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर के 8 पदों पर सरकार द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई थी इन पदों के लिए 700 से अधिक अभ्यर्थियों ने जुलाई में परीक्षाएं दी लेकिन सरकार के प्रभावशाली मंत्री और विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत से अपने लोगों तो परीक्षा में उत्तीर्ण कर आ गया है। उन्होंने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया में पूरी तरह से भ्रष्टाचार किया गया है। भर्ती की आवेदन के अंतिम परीक्षा फल में यह लिखित निर्देश दिया गया है कि इस प्रकरण में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत कोई भी आवेदन नहीं कर सकता है।


Conclusion:ऑल इंडिया बार काउंसलिंग के सदस्य महेंद्र पाल सिंह और हल्द्वानी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट ने प्रेस वार्ता कर कहा कि सरकार इस नियुक्तियों की सार्वजनिक नहीं करती है तो उसके खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी। बाइट महेंद्र पाल सिंह सदस्य ऑल इंडिया बार काउंसलिंग
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