हल्द्वानी: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर के 8 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पर बार काउंसलिंग के सदस्यों ने विरोध जताया है. साथ ही राज्य सरकार और ओपन यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. सदस्यों ने भर्ती में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए भर्ती प्रक्रिया को आरटीआई के दायरे से बाहर किए जाने की बात कही. वहीं सरकार के मंशे पर सवाल खड़े कर मामले में न्यायालय में जाने की बात कही है.
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बता दें कि बार काउंसिल के सदस्यों ने जिले में प्रेस वार्ता कर कहा है कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर के 8 पदों पर सरकार द्वारा विज्ञापन जारी की गया था. इन पदों के लिए 700 से अधिक अभ्यर्थियों ने जुलाई में परीक्षाएं दीं, लेकिन सरकार के प्रभावशाली मंत्री और विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत से अपने ही पक्ष के लोगों की भर्ती हुई.
उन्होंने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया में पूरी तरह से भ्रष्टाचार किया गया है. भर्ती के आवेदन की अंतिम परीक्षा फल में यह लिखित निर्देश दिया गया है, कि इस प्रकरण में भारत सरकार द्वारा साल 2005 में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत कोई भी आवेदन नहीं कर सकता है.
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इस दौरान ऑल इंडिया बार काउंसलिंग के सदस्य महेंद्र पाल सिंह और हल्द्वानी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट ने प्रेस वार्ता में कहा कि अगर सरकार इस नियुक्तियों को सार्वजनिक नहीं करती है तो इसके खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी.