हल्द्वानी: शनिवार को दोपहर 12 बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन हो गया. जिसके बाद से ही देश की सियासी गलियों में सन्नाटा पसर गया है. हर कोई जेटली को याद करते हुए उनके साथ बिताये पलों में गोते लगा रहा है. बात अगर जेटली के उत्तराखंड से जुड़ाव की करें तो यहां से उनका गहरा नाता रहा है. जेटली के जाने के बाद कुमाऊं क्षेत्र के लोगों के जहन में 9 सितंबर 2016 का दिन घूमने लगा है, जब अरुण जेटली अपने पूरे परिवार के साथ यहां आये थे.
बता दें कि अरुण जेटली 9 सितंबर 2016 को चार दिवसीय कुमाऊं दौरे पर आए थे. जहां तत्कालीन राज्यपाल के के पॉल ने उनका स्वागत किया था. जेटली यहां अपने पूरे परिवार के साथ कुमाऊं दर्शन के लिए पहुंचे थे. जिसके दौरान उन्होंने मुक्तेश्वर और प्रसिद्ध जागेश्वर धाम के दर्शन भी किये. परिवार के साथ घूमने आये जेटली को यहां की शांत वादियां काफी पसंद आई थी.
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कुमाऊं दौरे के दौरान जेटली और उनके परिवार ने यहां की प्राकृतिक वादियों का जमकर आनंद उठाया था. विषम भौगोलिक परिस्थिति व प्राकृतिक सुंदरता वाले उत्तराखंड के लिए उनके मन में असीम प्रेम था, यही वजह थी कि वह परिवार सहित यहां के मंदिरों में देवी-देवताओं के दर्शन के लिए आते रहते थे. इसके अलावा राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव सभी में जेटली सक्रिय भूमिका निभाते थे.
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2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी अरुण जेटली कुमाऊं के दौरे पर आये थे. यहां आकर उन्होंने कार्यकर्ताओं का मन भी टटोला था, साथ ही उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं के साथ चुनावों में जीत के लिए रणनीति पर चर्चा भी की थी.आज पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी कई यादें देवभूमि के लोगों और राजनेताओं के मन में बसी हुई हैं.