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गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला लेने का मौका, 20 अप्रैल से 18 मई तक आवेदन होंगे जमा

शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों को कक्षा एक की 25% सीटों पर गरीब बच्चों को एडमिशन देना जरुरी है. जिसके लिए शिक्षा विभाग ने विज्ञप्ति भी जारी कर दी है. वहीं अभिभावकों ने बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है.

निजी विद्यालयों को कक्षा एक की 25% सीटों पर गरीब बच्चों को एडमिशन देना है जरुरी.
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Published : Apr 21, 2019, 12:04 PM IST

Updated : Apr 21, 2019, 1:18 PM IST

हल्द्वानी: शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को 25% दाखिला दिलाने के निर्देश दिए हैं. प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया 20 अप्रैल से 10 मई तक आवेदन किए जाएंगे. जांच के बाद 18 मई तक गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क शुल्क प्रवेश दिया जाएगा. साथ ही आदेशों का पालन न करने वाले निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

जानकारी देते मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता.

बता दें कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों को कक्षा एक की 25% सीटों पर गरीब बच्चों को एडमिशन देना आवश्यक है. जिसके लिए शिक्षा विभाग ने विज्ञप्ति भी जारी कर दी है. वहीं अभिभावकों ने बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है. लेकिन पिछले 3 सालों से प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ने वाले बच्चों का खर्च सरकार द्वारा इन विद्यालयों को नहीं मिला है. जिसके चलते निजी स्कूल आरटीई के तहत बच्चों को एडमिशन देने से कतरा रहे हैं.

गौर हो कि प्रदेश में आरटीई के तहत पढ़ने तीन लाख से अधिक बच्चे हैं. जिनकी फीस करीब 3 सालों से स्कूलों को नहीं मिली है. जानकारी के मुताबिक 2015 से 2018 तक सरकार ने आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों को करीब ढाई करोड़ से अधिक रुपए देने हैं. ऐसे में अब निजी विद्यालय नए एडमिशन से कतरा रहे हैं.

ये भी पढ़े: शर्मनाकः गर्भवती महिला दो दिनों तक '108' के इंतजार में तड़पती रही, तेल न मिलने के कारण कर्मचारियों ने किए हाथ खड़े

वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों को आरटीई के तहत एडमिशन देना अनिवार्य है. क्योंकि मान्यता के दौरान स्कूल द्वारा 25% गरीब बच्चों को पढ़ाने का बॉन्ड दिया जाता है. अगर निजी स्कूल 25% गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं देते हैं तो स्कूल की मान्यता के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

हल्द्वानी: शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को 25% दाखिला दिलाने के निर्देश दिए हैं. प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया 20 अप्रैल से 10 मई तक आवेदन किए जाएंगे. जांच के बाद 18 मई तक गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क शुल्क प्रवेश दिया जाएगा. साथ ही आदेशों का पालन न करने वाले निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

जानकारी देते मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता.

बता दें कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों को कक्षा एक की 25% सीटों पर गरीब बच्चों को एडमिशन देना आवश्यक है. जिसके लिए शिक्षा विभाग ने विज्ञप्ति भी जारी कर दी है. वहीं अभिभावकों ने बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है. लेकिन पिछले 3 सालों से प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ने वाले बच्चों का खर्च सरकार द्वारा इन विद्यालयों को नहीं मिला है. जिसके चलते निजी स्कूल आरटीई के तहत बच्चों को एडमिशन देने से कतरा रहे हैं.

गौर हो कि प्रदेश में आरटीई के तहत पढ़ने तीन लाख से अधिक बच्चे हैं. जिनकी फीस करीब 3 सालों से स्कूलों को नहीं मिली है. जानकारी के मुताबिक 2015 से 2018 तक सरकार ने आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों को करीब ढाई करोड़ से अधिक रुपए देने हैं. ऐसे में अब निजी विद्यालय नए एडमिशन से कतरा रहे हैं.

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वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों को आरटीई के तहत एडमिशन देना अनिवार्य है. क्योंकि मान्यता के दौरान स्कूल द्वारा 25% गरीब बच्चों को पढ़ाने का बॉन्ड दिया जाता है. अगर निजी स्कूल 25% गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं देते हैं तो स्कूल की मान्यता के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

Intro:स्लग- आरटीई के तहत एडमिशन नहीं देने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ होगी कार्रवाई।
रिपोर्टर -भावनाथ पंडित/ हल्द्वानी
एंकर -शिक्षा के अधिकार अधिनियम के (आरटीई ) के तहत प्राइवेट स्कूलों द्वारा गरीब बच्चों को 25% दाखिला नहीं देने पर शिक्षा विभाग कार्यवाही करेगा। शिक्षा विभाग ने इस सत्र के लिए निजी स्कूलों को विज्ञप्ति जारी कर प्रवेश आवेदन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। आवेदन प्रक्रिया 10 मई तक चलेगा और जांच के बाद 18 मई को गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क शुल्क प्रवेश दिलाएगा।


Body:दरअसल शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों को कक्षा एक में 25% सीटों पर ऐडमिशन देना है जिसके लिए शिक्षा विभाग ने विज्ञप्ति भी जारी कर दिया है और अभिभावक एडमिशन लेने के लिए प्राइवेट स्कूलों में पहुंच आवेदन भी कर रहे हैं ।लेकिन कई प्राइवेट स्कूल आरटीई के तहत बच्चों को एडमिशन देने से कतरा रहे हैं । क्योंकि पिछले 3 सालों से प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ने वाले बच्चों के फीस इन विद्यालयों को नहीं मिले हैं जिसके चलते निजी विद्यालय अब आरटीई के तहत बच्चों को एडमिशन देने से कतरा रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश में आरटीई के तहत पढ़ने वाले तीन लाख से अधिक बच्चों का ट्यूशन फीस करीब 3 साल से नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि 2015 से 2018 तक सरकार द्वारा प्राइवेट विद्यालयों को उनके ट्यूशन के रूप में करीब ढाई करोड़ से अधिक रुपए देने हैं। ऐसे में अब निजी विद्यालय नए एडमिशन से कतरा रहे हैं।


Conclusion: मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों को आरटीई के तहत एडमिशन देना अनिवार्य है। क्योंकि मान्यता के दौरान स्कूल द्वारा 25% गरीब बच्चों को पढ़ाने का बॉन्ड दिया जाता है। अगर निजी स्कूल 25% गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं देता है तो उसके स्कूल के मान्यता के विरुद्ध कार्रवाई किया जाएगा।

बाइट- कमलेश कुमार गुप्ता मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल
Last Updated : Apr 21, 2019, 1:18 PM IST
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