देहरादून: पहाड़ी नदियां जब बारिश की वजह से उफान पर आती हैं तो सबकुछ तबाह करने की ताकत रखती हैं. बड़े-बड़े पहाड़ भी नदियों की रफ्तार के आगे रास्ता छोड़ देते हैं. पहाड़ी इलाका होने की वजह से भूस्खलन होने का भी खतरा बना रहता है. इसी बीच मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि देहरादून, उत्तरकाशी, नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में 24 घंटे में भारी बारिश के आसार हैं. भारी बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी किया है. मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि पांच जिलों में बारिश को देखते हुए आपदा प्रबंधन के लिहाज से सतर्क रहना होगा.
भारी बारिश को देखते हुए देहरादून के डीएम डॉ आर राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन से जुड़े अफसरों को अलर्ट रहने के आदेश दिए हैं. उन्होंने एसडीएम को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहेंगे, ताकि किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में तत्काल राहत अभियान शुरू किया जा सके. उन्होंने कहा कि यदि आपदा प्रबंधन में किसी भी प्रकार की लापरवाही हुई तो संबंधित विभागों के अधिकारी जिम्मेदार होंगे.
इसके साथ ही आपदा से निपटने के लिए 15वीं वाहिनी एनडीआरएफ की छह टीमों को गढ़वाल, कुमाऊं में तैनात किया गया है. ये टीमें आपदा के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगी. प्रत्येक टीम में 35 सदस्य शामिल रहेंगे. इसके साथ ही उत्तराखंड में तुरंत बचाव और राहत कार्यों के लिए दो हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं.
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उधर, बुधवार सुबह से शुरू हुई भारी बारिश से बदरीनाथ और यमुनोत्री हाईवे अलग-अलग जगह पर बंद हो गए हैं. चंपावत जिले में बादल छाए हुए हैं. जबकि एक ग्रामीण सड़क सिप्टी-अमकड़िया बंद है. वहीं जानकीचट्टी-यमुनोत्री पैदल मार्ग घोड़ा पड़ाव एवं यमुना मंदिर के बीच लोग उफान पर आई नदी के कारण जोखिम भरी आवाजाही कर रहे हैं. बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पुरसाड़ी के पास दीवार टूटने से अवरुद्ध हो गया है. पुलिस प्रशासन ने यात्रा वाहनों की आवाजाही नंदप्रयाग से कोट सड़क से शुरू कराई है.
यमुनोत्री धाम में रात से बिजली सप्लाई बंद है. वहीं धाम के पैदल मार्ग पर जगह-जगह मलबा पानी आने श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. चमोली जिले में भी रातभर से हो रही बारिश बुधवार सुबह थमी, लेकिन बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह बाधित हो गया. जिले में 19 सड़कें मलबा आने से बंद हैं. यमुनोत्री धाम से लगे गीठ ओजरी पट्टी में रातभर भारी बारिश से यमुना नदी के साथ सहायक नदी नाले उफान पर आने से राना गांव में सड़क का पानी और मलबा लोगों के घरों में घुस गया है. घरों में मलबा घुसने से ग्रामीण दहशत में रातभर बाहर रहे.