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चिंताजनक बनती जा रही महिला हिंसा की घटनाएं, सेमिनार में किया जागरूक

समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ रही घरेलू हिंसा को रोकने के लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.

कार्यशाला
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Published : Dec 28, 2019, 7:57 AM IST

Updated : Dec 28, 2019, 9:35 AM IST

पौड़ी: शहर में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें विभाग की ओर से घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था कि समाज में महिलाओं के साथ हो रही घरेलू हिंसा को रोकने और जिन महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की घटनाएं हो रही हैं उन्हें अधिनियम के तहत अधिकारों की जानकारी दी जाए, ताकि वह समाज में अपने अधिकारों के दम पर डटकर मुकाबला कर सकें.

घरेलू हिंसा पर जागरूकता

सरकारी अधिवक्ता की ओर से जानकारी दी गई कि महिलाओं को विभाग की ओर से निःशुल्क परामर्श दिया जाता है ताकि उनके साथ किसी प्रकार का उत्पीड़न न हो. सरकारी अधिवक्ता लक्ष्मी रावत ने बताया कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 में महिलाओं के अधिकारों की जानकारी दी गई.

उन्होंने बताया कि समाज में महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं. इसको देखते हुए प्रत्येक विकासखंड से आयी महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई ताकि उनके आसपास महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा को रोका जा सके.

यह भी पढ़ेंः नए साल पर पुलिस अधिकारियों को तोहफा, देहरादून SSP समेत 7 अफसरों का प्रमोशन

वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि घरेलू हिंसा को रोकने के लिए अधिनियम के तहत महिलाओं के लिए अधिकार बनाए गए हैं और इन अधिकारों की जानकारी देना बहुत जरूरी है. इस अधिनियम का उद्देश्य है कि महिलाओं के साथ हो रही घरेलू हिंसा को रोका जा सके.

पौड़ी: शहर में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें विभाग की ओर से घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था कि समाज में महिलाओं के साथ हो रही घरेलू हिंसा को रोकने और जिन महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की घटनाएं हो रही हैं उन्हें अधिनियम के तहत अधिकारों की जानकारी दी जाए, ताकि वह समाज में अपने अधिकारों के दम पर डटकर मुकाबला कर सकें.

घरेलू हिंसा पर जागरूकता

सरकारी अधिवक्ता की ओर से जानकारी दी गई कि महिलाओं को विभाग की ओर से निःशुल्क परामर्श दिया जाता है ताकि उनके साथ किसी प्रकार का उत्पीड़न न हो. सरकारी अधिवक्ता लक्ष्मी रावत ने बताया कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 में महिलाओं के अधिकारों की जानकारी दी गई.

उन्होंने बताया कि समाज में महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं. इसको देखते हुए प्रत्येक विकासखंड से आयी महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई ताकि उनके आसपास महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा को रोका जा सके.

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वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि घरेलू हिंसा को रोकने के लिए अधिनियम के तहत महिलाओं के लिए अधिकार बनाए गए हैं और इन अधिकारों की जानकारी देना बहुत जरूरी है. इस अधिनियम का उद्देश्य है कि महिलाओं के साथ हो रही घरेलू हिंसा को रोका जा सके.

Intro:महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया विभाग की ओर से घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था कि हमारे समाज में महिलाओं के साथ हो रही घरेलू हिंसा को रोकने और जिन महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की घटनाएं हो रही हैं उन्हें अधिनियम के तहत दिए गए उनके अधिकारों की जानकारी दी जाए ताकि वह समाज में अपने अधिकारों के दम पर डट कर मुकाबला कर सके और उनका समाज में किसी भी प्रकार से शोषण ना हो सके। सरकारी अधिवक्ता की ओर से जानकारी दी गई की महिलाओं को विभाग की ओर से निशुल्क परामर्श दिया जाता है ताकि उनके साथ किसी प्रकार का उत्पीड़न ना हो।


Body:सरकारी अधिवक्ता लक्ष्मी रावत ने बताया कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया इसमें महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 में महिलाओं के अधिकारों की जानकारी दी गई उन्होंने बताया कि आज हमारे समाज में महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है इसको देखते हुए प्रत्येक विकासखंड से आयी महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई ताकि उनके आसपास महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा को रोका जा सके वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि आज समाज में घरेलू हिंसा को रोकने के लिए अधिनियम के तहत महिलाओं के लिए अधिकार बनाए गए और इन अधिकारों की जानकारी देना बहुत जरूरी है साथ ही आज घरेलू हिंसा में महिलाओं को मानसिक शारीरिक रूप से उनका उत्पीड़न किया जाता है जिससे वह काफी परेशान रहती है उन्होंने बताया कि इस अधिनियम का उद्देश्य है कि महिलाओं के साथ हो रहे घरेलू हिंसा को रोका जा सके।
बाईट-लष्मी रावत(सरकारी अधिवक्ता)
बाईट-जितेंद्र कुमार(जिला कार्यक्रम अधिकारी)


Conclusion:
Last Updated : Dec 28, 2019, 9:35 AM IST
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