पौड़ी: शहर में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें विभाग की ओर से घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था कि समाज में महिलाओं के साथ हो रही घरेलू हिंसा को रोकने और जिन महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की घटनाएं हो रही हैं उन्हें अधिनियम के तहत अधिकारों की जानकारी दी जाए, ताकि वह समाज में अपने अधिकारों के दम पर डटकर मुकाबला कर सकें.
सरकारी अधिवक्ता की ओर से जानकारी दी गई कि महिलाओं को विभाग की ओर से निःशुल्क परामर्श दिया जाता है ताकि उनके साथ किसी प्रकार का उत्पीड़न न हो. सरकारी अधिवक्ता लक्ष्मी रावत ने बताया कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 में महिलाओं के अधिकारों की जानकारी दी गई.
उन्होंने बताया कि समाज में महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं. इसको देखते हुए प्रत्येक विकासखंड से आयी महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई ताकि उनके आसपास महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा को रोका जा सके.
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वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि घरेलू हिंसा को रोकने के लिए अधिनियम के तहत महिलाओं के लिए अधिकार बनाए गए हैं और इन अधिकारों की जानकारी देना बहुत जरूरी है. इस अधिनियम का उद्देश्य है कि महिलाओं के साथ हो रही घरेलू हिंसा को रोका जा सके.