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विकासनगर: साहिया के किसानों पर पड़ी बारिश की मार, अदरक और अरबी के उत्पादन में आई कमी

बारिश कम होने के कारण किसानों के सामने आर्थिकी का संकट पैदा हो गया है. किसान गुमान सिंह का कहना है कि अगर समय से बारिश हो जाती तो फसल की पूरी तरह लागत के अनुपात में उत्पादन अधिक होता. जिससे उनको बाजार में इसके अच्छे दाम मिलते.

साहिया के किसानों पर पड़ी बारिश की मार.
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Published : Oct 18, 2019, 1:01 PM IST

Updated : Oct 18, 2019, 1:17 PM IST

विकासनगर: जौनसार बावर के साहिया क्षेत्र के किसान लबें समय से सैकड़ों हेक्टेयर भूमि पर अदरक और अरबी का उत्पादन करते आए हैं. जिससे उनकी अच्छी खासी आमदनी होती है. इस बार बारिश न होने के कारण इसके उत्पादन में 50% की कमी देखी गई है. जिसके कारण किसान मायूस और परेशान हैं. कई किसानों ने तो अदरक के बीज के लिए बैंकों से ऋण लिया था. उत्पादन में कमी होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं.

साहिया के किसानों पर पड़ी बारिश की मार.

बारिश कम होने के कारण किसानों के सामने आर्थिकी का संकट पैदा हो गया है. किसान गुमान सिंह का कहना है कि अगर समय से बारिश हो जाती तो फसल की पूरी तरह लागत के अनुपात में उत्पादन अधिक होता. जिससे उनको बाजार में इसके अच्छे दाम मिलते. उन्होंने बताया कि इस बार उत्पादन में 50% की कमी आई है. जिसके कारण किसान काफी परेशान हैं.गुमान सिंह का कहना है कि इस बार मंडी में भी अदरक के दाम अच्छे मिल रहे हैं लेकिन अदरक, अरबी, मिर्च, टमाटर व अन्य नगदी फसलों में उत्पादन 50% कम हुआ है जिस कारण से किसानों को उनका मेहनताना भी पूरा नहीं मिल पा रहा है.

एक और किसान ने कहा कि उनका पूरा परिवार अदरक की खेती करता है. उन्होंने बिजाई के समय अदरक का बीज महंगे दामों में लिया गया था, लेकिन उत्पादन काफी कम हुआ है. जिसके कारण किसानों को आर्थिक हानि झेलनी पड़ रही है.वहीं साहिया मंडी के आढ़ती निखिल अग्रवाल ने बताया कि पिछले वर्ष साहिया मंडी से हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली आदि राज्यों में अदरक और अरबी की डिमांड होती थी. प्रतिदिन 400 कट्टे अरबी व 400 कट्टे अदरक के अनेकों प्रदेशों में भेजे जाते थे. इस साल उत्पादन कम होने से चलते इसमें कमी आई है.

पढ़ें-विजय हजारे ट्रॉफी: उत्तराखंड क्रिकेट टीम टूर्नामेंट से बाहर, चंडीगढ़ टीम ने दी शिकस्त

निखिल अग्रवाल ने कहा कि यहां के किसान रासायनिक उर्वरक का प्रयोग नहीं करते हैं. जिसके कारण यहां की फसल ऑर्गनिक होती है. ऐसे में इन फसलों की डिमांड अन्य राज्यों में लगातार बनी रहती है.

विकासनगर: जौनसार बावर के साहिया क्षेत्र के किसान लबें समय से सैकड़ों हेक्टेयर भूमि पर अदरक और अरबी का उत्पादन करते आए हैं. जिससे उनकी अच्छी खासी आमदनी होती है. इस बार बारिश न होने के कारण इसके उत्पादन में 50% की कमी देखी गई है. जिसके कारण किसान मायूस और परेशान हैं. कई किसानों ने तो अदरक के बीज के लिए बैंकों से ऋण लिया था. उत्पादन में कमी होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं.

साहिया के किसानों पर पड़ी बारिश की मार.

बारिश कम होने के कारण किसानों के सामने आर्थिकी का संकट पैदा हो गया है. किसान गुमान सिंह का कहना है कि अगर समय से बारिश हो जाती तो फसल की पूरी तरह लागत के अनुपात में उत्पादन अधिक होता. जिससे उनको बाजार में इसके अच्छे दाम मिलते. उन्होंने बताया कि इस बार उत्पादन में 50% की कमी आई है. जिसके कारण किसान काफी परेशान हैं.गुमान सिंह का कहना है कि इस बार मंडी में भी अदरक के दाम अच्छे मिल रहे हैं लेकिन अदरक, अरबी, मिर्च, टमाटर व अन्य नगदी फसलों में उत्पादन 50% कम हुआ है जिस कारण से किसानों को उनका मेहनताना भी पूरा नहीं मिल पा रहा है.

एक और किसान ने कहा कि उनका पूरा परिवार अदरक की खेती करता है. उन्होंने बिजाई के समय अदरक का बीज महंगे दामों में लिया गया था, लेकिन उत्पादन काफी कम हुआ है. जिसके कारण किसानों को आर्थिक हानि झेलनी पड़ रही है.वहीं साहिया मंडी के आढ़ती निखिल अग्रवाल ने बताया कि पिछले वर्ष साहिया मंडी से हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली आदि राज्यों में अदरक और अरबी की डिमांड होती थी. प्रतिदिन 400 कट्टे अरबी व 400 कट्टे अदरक के अनेकों प्रदेशों में भेजे जाते थे. इस साल उत्पादन कम होने से चलते इसमें कमी आई है.

पढ़ें-विजय हजारे ट्रॉफी: उत्तराखंड क्रिकेट टीम टूर्नामेंट से बाहर, चंडीगढ़ टीम ने दी शिकस्त

निखिल अग्रवाल ने कहा कि यहां के किसान रासायनिक उर्वरक का प्रयोग नहीं करते हैं. जिसके कारण यहां की फसल ऑर्गनिक होती है. ऐसे में इन फसलों की डिमांड अन्य राज्यों में लगातार बनी रहती है.

Intro:विकासनगर जौनसार बावर साहिया क्षेत्र के किसान सैकड़ों हेक्टेयर भूमि में अदरक अरबी का उत्पादन करते आए हैं लेकिन समय से बारिश ना होने के कारण इस वर्ष उत्पादन में 50% की कमी देखी गई है जिस कारण से किसान मायूस व परेशान हैं कई किसानों ने तो बैंकों से ऋण लेकर अदरक के बीच के लिए ऋण लिया हुआ है उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही है


Body:जौनसार बावर के साहिया क्षेत्र में कई हेक्टेयर कृषि भूमि पर अदरक , अरबी का उत्पादन किसान करते आए हैं लेकिन इस वर्ष समय से बारिश ना होने के कारण किसान मायूस परेशान हैं किसान गुमान सिंह का कहना है कि अगर समय से बारिश हो जाती तो फसल जो है पूरी तरह लागत के अनुपात में उत्पादन अधिक होता लेकिन वर्तमान समय में बारिश समय पर नहीं हुई जिस कारण से लागत के अनुपात में उत्पादन में 50% की कमी आई है जिस कारण से किसान काफी परेशान है जबकि मंडी में अदरक के दाम अच्छे मिल रहे हैं लेकिन अदरक अरबी मिर्च टमाटर व अन्य नगदी फसलों में उत्पादन 50% कम हुआ है जिस कारण से किसानों की मेहनताना भी पूरा नहीं मिल पा रहा है वही एक किसान ने बताया कि पूरा परिवार अदरक की खेती करता है बिजाई के समय अदरक का बीज महंगे दामों में लिया गया था लेकिन उत्पादन काफी कम हुआ है जिस कारण से किसानों को आर्थिक हानि झेलनी पड़ रही है वह समय से बारिश हो जाती तो उत्पादन अच्छा होता


Conclusion:वही साहिया मंडी के आढ़ती निखिल अग्रवाल ने बताया कि पिछले वर्ष साहिया मंडी से हरियाणा ,पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली आदि राज्यों में अदरक ,अरबी की डिमांड होती थी प्रतिदिन 400 कट्टे अरबी व 400 कट्टे अदरक के अनेकों प्रदेशों में भेजे जाते थे लेकिन इस वर्ष बारिश समय से ना होने के कारण मंडी में मात्र 50% ही अदरक और अरबी का उत्पादन किसान लाकर बेच रहे जिससे कि किसानों को भी दाम तो अच्छे मिल रहे हैं लेकिन उत्पादन की कमी के कारण किसानों को मुनाफा कम ही नजर आ रहा है जबकि यह क्षेत्र अदरक की पैदावार के लिए जाना जाता है यहां पर किसान रासायनिक उर्वरक का प्रयोग नहीं करते शुद्ध जैविक गोबर की खाद से फसलों को उगाते हैं जिस वजह से यहां की फसलों की डिमांड अन्य राज्यों में लगातार बनी रहती है बाइट _निखिल अग्रवाल_ आढती सब्जी मंडी साहिया बाइट _किसान बाइट _किसान वॉक थ्रू
Last Updated : Oct 18, 2019, 1:17 PM IST
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