देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरबार से सुर्खियों में आई शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा इन दिनों एक बार फिर से चर्चाओं में हैं. जिसका कारण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक वीडियो है, जिसमें उत्तरा पंत कई किलोमीटर दूर से पानी का घड़ा लेकर आती दिख रहीं हैं. दरअसल ये वीडियो उत्तरकाशी के जेष्टाड़ी राजकीय प्राथमिक विद्यालय का है. जहां की पानी की समस्या को उत्तरा पंत ने सोशल मीडिया के माध्यम से उठाने की कोशिश की है. उत्तरा पंत का ये वीडियो दूर दराज के इलाकों में सरकारी सिस्टम की पोल खोलता दिख रहा है.
फेसबुक पर डाले इस वीडियो के साथ उत्तरा बहुगुणा ने एक कैप्शन भी डाला है. जिसमें उत्तरा पंत ने एक बार फिर से उसी जनता दरबार का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को नेशनल मीडिया तक हिट कर दिया था. उत्तरा पंत बहुगुणा ने इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है की जनता दरबार में मेरी मजबूरी को किसी ने नहीं समझा वरना मेरा काम ही मेरी पूजा है. इसके अलावा उन्होंने लिखा है कि इसी तरह से पहाड़ों पर समस्याओं के साथ-साथ सरकारी सिस्टम की मार झेल रही वह अकेली महिला नहीं हैं न जाने उत्तराखंड के पहाड़ों पर कितनी ऐसी महिलाएं हैं जो ट्रांसफर की खराब नीति के चलते अपने जीवन से जूझ रही हैं.
हाल ही के दिनों में उत्तरा पंत द्वारा फेसबुक पर डाला गया यह वीडियो सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रहा है. इसे लोग सिस्टम की नकारेपन के रूप में भी देख रहे हैं. इस वीडियो को लेकर उत्तरा पंत ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि स्कूल में काम करने वाली भोजन माता के हाथ में चोट लगी थी. जिसके कारण सभी शिक्षक बारी-बारी से पानी लाने में भोजन माता की मदद कर रहे थे. जिसका उन्होंने वीडियो बनाकर फेसबुक पर डाला है. उत्तरा पंत बहुगुणा ने यह भी बताया कि उनके स्कूल में पानी की उचित व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण वहां पढ़ने वाले छात्रों और शिक्षकों को समस्या का सामना करना पड़ता है.
सरकार के नए ट्रांसफर एक्ट पर बोलते हुए उत्तरा पंत बहुगुणा ने कहा कि इससे किसी भी तरह से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि विधवा महिलाओं के ट्रांसफर पर रोक लगाकर पहले ही सरकार ने उनके ट्रांसफर की सारी संभावनाएं खत्म कर दी हैं. मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि ट्रांसफर एक्ट का असर तब पता चलेगा जब सालों से देहरादून में कार्यरत मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी का ट्रांसफर किसी दुर्गम क्षेत्र में होगा.