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7 जनवरी को बुलाया गया उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र, इस अहम विधेयक को किया जाएगा पास

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Published : Dec 26, 2019, 8:33 PM IST

Updated : Dec 26, 2019, 8:43 PM IST

एसटी-एससी आरक्षण एक्ट को विधानसभा में पास करवाने के लिए 7 जनवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है.

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7 जनवरी को बुलाया गया विधानसभा का विशेष सत्र

देहरादून: उत्तराखंड सरकार आगामी 7 जनवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने जा रही है. एसटी-एससी आरक्षण एक्ट को विधानसभा में पास करवाने के लिए ये विशेष सत्र बुलाया जा रहा. केंद्र सरकार पहले ही लोकसभा और राज्यसभा में एसटी-एससी आरक्षण एक्ट को पास करवा चुकी है.

7 जनवरी को बुलाया गया विधानसभा का विशेष सत्र

बता दें कि एसटी-एससी आरक्षण एक्ट में संशोधन करते हुए केंद्र सरकार इसे अगले 10 सालों तक और आगे बढ़ाना चाहती है. जिसे लेकर संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पास हो चुका है. अब राज्य की विधानसभाओं की बारी है, जिसे देखते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है. साल 2010 में अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण अधिनियम को 25 जनवरी 2020 तक प्रभावी किया गया था, लेकिन अब केंद्र सरकार इसे 10 साल और आगे बढ़ाना चाहती है.

यही वजह है कि संशोधित विधेयक को जल्द से जल्द राज्यों की विधानसभा में भी पास करवाना जरूरी है. अगर राज्यों से विधेयक को पास होने में देरी होती है तो 25 जनवरी 2020 के बाद इस एक्ट का कोई अस्तित्व नहीं रहेगा.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार आगामी 7 जनवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने जा रही है. एसटी-एससी आरक्षण एक्ट को विधानसभा में पास करवाने के लिए ये विशेष सत्र बुलाया जा रहा. केंद्र सरकार पहले ही लोकसभा और राज्यसभा में एसटी-एससी आरक्षण एक्ट को पास करवा चुकी है.

7 जनवरी को बुलाया गया विधानसभा का विशेष सत्र

बता दें कि एसटी-एससी आरक्षण एक्ट में संशोधन करते हुए केंद्र सरकार इसे अगले 10 सालों तक और आगे बढ़ाना चाहती है. जिसे लेकर संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पास हो चुका है. अब राज्य की विधानसभाओं की बारी है, जिसे देखते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है. साल 2010 में अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण अधिनियम को 25 जनवरी 2020 तक प्रभावी किया गया था, लेकिन अब केंद्र सरकार इसे 10 साल और आगे बढ़ाना चाहती है.

यही वजह है कि संशोधित विधेयक को जल्द से जल्द राज्यों की विधानसभा में भी पास करवाना जरूरी है. अगर राज्यों से विधेयक को पास होने में देरी होती है तो 25 जनवरी 2020 के बाद इस एक्ट का कोई अस्तित्व नहीं रहेगा.

Intro:
एंकर- उत्तराखंड विधानसभा आगामी 7 जनवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने जा रही है। विधानसभा द्वारा बुलाए जा रहे इस विशेष सत्र के पीछे क्या है वजह आइये आपको बता ते हैं।


Body:
वीओ- 2 सप्ताह पहले ही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित किया गया उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तुरंत बाद अचानक ऐसे विधानसभा के विशेष सत्र की सूचना मिलना थोड़ा आश्चर्यजनक जरूर है लेकिन मिली पुष्ट सूचना के अनुसार उत्तराखंड विधानसभा ने 7 जनवरी को 1 दिन का विशेष सत्र बुलाया है। आनन-फानन में बुलाये जा रहे इस विशेष सत्र के पीछे वजह भी उतनी ही बड़ी है।

दरअसल एसटीएससी आरक्षण एक्ट में संशोधन करते हुए केंद्र सरकार इसे अगले 10 सालों तक और आगे बढ़ाना चाहती है। जिसको लेकर संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पास हो चुका है और अब इसे राज्य की विधानसभाओं में भी पास करवाने के लिए सभी विधानसभा के लिए भेजा गया है।

आपको बता दें कि वर्ष 2010 में अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण अधिनियम को 25 जनवरी 2020 तक प्रभावी किया गया था लेकिन अब केंद्र सरकार इसे 10 साल और आगे बढ़ाना चाहती है जिसको लेकर संसोधन विधेयक केंद्र ने पास किया है लेकिन इस संसोधन को लागू करने के लिए राज्यों की विधानसभाओं से भी संस्तुति मिलनी जरूरी है।

यही वजह है कि संसोधित विधेयक को जल्द से जल्द राज्यों की विधानसभा में भी पास करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर राज्यों से विधेयक को पास होने में देरी हो गई तो 25 जनवरी 2020 के बाद इस एक्ट का कोई अस्तित्व नही रह जायेगा और केंद्र द्वारा इसे संसद से पास करवा कर आनन-फानन में सभी राज्यों को अपनी अपनी विधानसभाओं में जल्द से जल्द पास करवाकर केंद्र को संस्तुति मांगी गई है।



अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण संशोधन एक्ट को लेकर केंद्र सरकार द्वारा आगामी 10 सालों तक बढ़ाए जाने के फैसले को लेकर


Conclusion:
Last Updated : Dec 26, 2019, 8:43 PM IST
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