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महिला अपराधों पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने कसी कमर, जारी किये निर्देश - Police Headquarters

महिला अपराधों पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने सभी थाना-चौकियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किये हैं. डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने इस तरह के मामलों में कोई कोताही न बरतने के सख्त निर्देश भी अधिकारियों को दिये हैं. आदेशों की अवेलहना करने पर विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी अधिकारियों को दी गई है.

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महिला अपराधों पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने कसी कमर
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Published : Dec 13, 2019, 9:00 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में महिला अपराध और उत्पीड़न जैसी घटनाओं पर रोकथाम लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने कमर कस ली है. शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय की ओर से संबंधित आला अधिकारियों और प्रदेश भर के सभी जिला पुलिस प्रभारियों को महिला हेल्पलाइन डेस्क(112 ) व महिला सहायता(1090) सैल को बेहतर और तत्काल रिस्पांस करने की दिशा में सख्त दिशा निर्देश दिए गये. डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने इस तरह के मामलों में कोई कोताही न बरतने के सख्त निर्देश भी अधिकारियों को दिये हैं. आदेशों की अवेलहना करने पर विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी अधिकारियों को दी गई है.

उत्तराखंड पुलिस ने कसी कमर.

महिला अपराध पर पुलिस की लापरवाही बर्दाश्त नहीं :पुलिस मुख्यालय
महिला अपराध पर अंकुश लगाने के साथ ही छेड़छाड़, दुष्कर्म ,घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न जैसे अन्य मामलों को लेकर भी सभी अधिकारियों को प्रभावी ढंग से धरातल पर कार्य करने के लिए कहा गया. डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा है कि महिला अपराधों के मामले में किसी भी तरह की कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. डीजी लॉ एंड ऑर्डर के मुताबिक, राज्य में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध में तत्काल सुनवाई के बाद अग्रिम कार्रवाई और न्याय की दिशा में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए.

पढ़ें-उत्तराखंड के आर्थिक हालात खराब नहीं, कैग रिपोर्ट पर मुख्य सचिव ने दी सफाई

घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में पुलिस काउंसलिंग की सीमा तय
प्रदेशभर के थानों और चौकियों में दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा जैसे अन्य मामलों में शिकायत के आधार पर पुलिस हेल्पलाइन काउंसलिंग का समय दो माह किया गया.इसमें जल्द से जल्द काउंसलिंग कर मुकदमा दर्ज करते हुए न्याय दिलाने के प्रयास की बात कही गई. हालांकि, इससे पहले पुलिस हेल्पलाइन काउंसलिंग में लंबे समय तक दोनों पक्षों की काउंसलिंग प्रक्रिया चलती थी. जिसके चलते मामले के निस्तारण और न्याय में भी देरी होती थी. पुलिस महानिदेशक के मुताबिक, अब शिकायत का रिस्पांस टाइम सीमित कर दिया गया है ताकि समय से महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों को न्याय मिल सके.

पढ़ें-प्रवासियों के दिलों में देवभूमि की याद ताजा कर रहे ये युवा, लोगों के भर आये आंसू

इन बिंदुओं पर दिए गए पुलिस मुख्यालय के 10 सख्त दिशा निर्देश

  • जनपदों में महिलाओं, बच्चों व वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए एक ही राजपत्रित नोडल अधिकारी को नियुक्त किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.
  • महिला सहायता से 90 को महिला सुरक्षा हेल्पलाइन का नाम दिया गया है.
  • महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 की कॉल केवल महिला कर्मियों द्वारा ही रिसीव की जाएगी.
  • सभी जनपद प्रभारियों द्वारा मासिक अपराध गोष्ठी में महिला हेल्पलाइन और महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 के कार्यों की समीक्षा जिले और पुलिस मुख्यालय स्तर पर प्रति माह की जाएगी.
  • राज्य की प्रत्येक थाना-चौकी, पुलिस कार्यालयों में पोस्टर व पंपलेट के माध्यम से महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 और इमरजेंसी सेवा 112 का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा. साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी इसका प्रचार किया जाएगा.
  • महिला व छात्राओं के प्रति हो रहे अपराधों के बारे में उन्हें जागरूक करने के लिए प्रदेश के सभी जनपद प्रभारियों द्वारा प्रत्येक माह स्कूल कॉलेजों में महिला सुरक्षा के संबंध में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे.
  • महिला हेल्पलाइन में काउंसलिंग प्रक्रिया को अनावश्यक रूप में न बढ़ाया जाए. किसी भी प्रकरण में अधिकतम 3 काउंसलिंग या दो माह तक काउंसलिंग कर निस्तारण किया जाए.
  • महिला हेल्पलाइन से काउंसलिंग के पश्चात तत्काल मुकदमा दर्ज करने के लिए संबंधित थाने को रिपोर्ट भेजी जाएगी. साथ ही त्वरित शिकायत पर थाना मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगा.
  • वरिष्ठ नागरिकों की समस्या के निस्तारण व उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने के लिए प्रदेश के सभी जनपद के अलग-अलग वरिष्ठ नागरिकों के लिए संगठित किया जाएगा. इमरजेंसी सेवा 112 और 1090 हेल्पलाइन को प्रभावी ढंग से सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने पर जोर दिया जाएगा.
  • पुलिस मुख्यालय स्तर पर महिला हेल्पलाइन, महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 और वरिष्ठ नागरिक सैल की मासिक समीक्षा रिपोर्ट ली जाएगी. साथ ही लापरवाही और कोताही बरतने वाले संबंधित पुलिस अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने और शिकायतों के तुरंत निपटारे को लेकर जानकारी देते हुए महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि महिलाओं से संबंधित 1090 व 112 सैल के अलावा महिला पुलिस हेल्पलाइन और महिला सुरक्षा सैल जैसी व्यवस्थाओं में एकरूपता लाकर रिस्पांस टाइम बढ़ाने की जरूरत है. डीजी के अनुसार पुलिस मुख्यालय स्तर पर मॉनिटरिंग करने के साथ ही हर महीने समीक्षा बैठक में यह तय किया जाएगा कि प्रदेश भर में थाना-चौकी संबंधित सेल में कितनी महिला अपराध को लेकर शिकायतें आयी और उन पर किस तरह की कार्रवाई की गई.

देहरादून: उत्तराखंड में महिला अपराध और उत्पीड़न जैसी घटनाओं पर रोकथाम लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने कमर कस ली है. शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय की ओर से संबंधित आला अधिकारियों और प्रदेश भर के सभी जिला पुलिस प्रभारियों को महिला हेल्पलाइन डेस्क(112 ) व महिला सहायता(1090) सैल को बेहतर और तत्काल रिस्पांस करने की दिशा में सख्त दिशा निर्देश दिए गये. डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने इस तरह के मामलों में कोई कोताही न बरतने के सख्त निर्देश भी अधिकारियों को दिये हैं. आदेशों की अवेलहना करने पर विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी अधिकारियों को दी गई है.

उत्तराखंड पुलिस ने कसी कमर.

महिला अपराध पर पुलिस की लापरवाही बर्दाश्त नहीं :पुलिस मुख्यालय
महिला अपराध पर अंकुश लगाने के साथ ही छेड़छाड़, दुष्कर्म ,घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न जैसे अन्य मामलों को लेकर भी सभी अधिकारियों को प्रभावी ढंग से धरातल पर कार्य करने के लिए कहा गया. डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा है कि महिला अपराधों के मामले में किसी भी तरह की कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. डीजी लॉ एंड ऑर्डर के मुताबिक, राज्य में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध में तत्काल सुनवाई के बाद अग्रिम कार्रवाई और न्याय की दिशा में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए.

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घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में पुलिस काउंसलिंग की सीमा तय
प्रदेशभर के थानों और चौकियों में दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा जैसे अन्य मामलों में शिकायत के आधार पर पुलिस हेल्पलाइन काउंसलिंग का समय दो माह किया गया.इसमें जल्द से जल्द काउंसलिंग कर मुकदमा दर्ज करते हुए न्याय दिलाने के प्रयास की बात कही गई. हालांकि, इससे पहले पुलिस हेल्पलाइन काउंसलिंग में लंबे समय तक दोनों पक्षों की काउंसलिंग प्रक्रिया चलती थी. जिसके चलते मामले के निस्तारण और न्याय में भी देरी होती थी. पुलिस महानिदेशक के मुताबिक, अब शिकायत का रिस्पांस टाइम सीमित कर दिया गया है ताकि समय से महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों को न्याय मिल सके.

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इन बिंदुओं पर दिए गए पुलिस मुख्यालय के 10 सख्त दिशा निर्देश

  • जनपदों में महिलाओं, बच्चों व वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए एक ही राजपत्रित नोडल अधिकारी को नियुक्त किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.
  • महिला सहायता से 90 को महिला सुरक्षा हेल्पलाइन का नाम दिया गया है.
  • महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 की कॉल केवल महिला कर्मियों द्वारा ही रिसीव की जाएगी.
  • सभी जनपद प्रभारियों द्वारा मासिक अपराध गोष्ठी में महिला हेल्पलाइन और महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 के कार्यों की समीक्षा जिले और पुलिस मुख्यालय स्तर पर प्रति माह की जाएगी.
  • राज्य की प्रत्येक थाना-चौकी, पुलिस कार्यालयों में पोस्टर व पंपलेट के माध्यम से महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 और इमरजेंसी सेवा 112 का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा. साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी इसका प्रचार किया जाएगा.
  • महिला व छात्राओं के प्रति हो रहे अपराधों के बारे में उन्हें जागरूक करने के लिए प्रदेश के सभी जनपद प्रभारियों द्वारा प्रत्येक माह स्कूल कॉलेजों में महिला सुरक्षा के संबंध में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे.
  • महिला हेल्पलाइन में काउंसलिंग प्रक्रिया को अनावश्यक रूप में न बढ़ाया जाए. किसी भी प्रकरण में अधिकतम 3 काउंसलिंग या दो माह तक काउंसलिंग कर निस्तारण किया जाए.
  • महिला हेल्पलाइन से काउंसलिंग के पश्चात तत्काल मुकदमा दर्ज करने के लिए संबंधित थाने को रिपोर्ट भेजी जाएगी. साथ ही त्वरित शिकायत पर थाना मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगा.
  • वरिष्ठ नागरिकों की समस्या के निस्तारण व उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने के लिए प्रदेश के सभी जनपद के अलग-अलग वरिष्ठ नागरिकों के लिए संगठित किया जाएगा. इमरजेंसी सेवा 112 और 1090 हेल्पलाइन को प्रभावी ढंग से सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने पर जोर दिया जाएगा.
  • पुलिस मुख्यालय स्तर पर महिला हेल्पलाइन, महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 और वरिष्ठ नागरिक सैल की मासिक समीक्षा रिपोर्ट ली जाएगी. साथ ही लापरवाही और कोताही बरतने वाले संबंधित पुलिस अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने और शिकायतों के तुरंत निपटारे को लेकर जानकारी देते हुए महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि महिलाओं से संबंधित 1090 व 112 सैल के अलावा महिला पुलिस हेल्पलाइन और महिला सुरक्षा सैल जैसी व्यवस्थाओं में एकरूपता लाकर रिस्पांस टाइम बढ़ाने की जरूरत है. डीजी के अनुसार पुलिस मुख्यालय स्तर पर मॉनिटरिंग करने के साथ ही हर महीने समीक्षा बैठक में यह तय किया जाएगा कि प्रदेश भर में थाना-चौकी संबंधित सेल में कितनी महिला अपराध को लेकर शिकायतें आयी और उन पर किस तरह की कार्रवाई की गई.

Intro:summary-उत्तराखंड में महिला अपराध की मॉनिटरिंग अब खुद पुलिस मुख्यालय करेगा,कोताही बरतने वाले पुलिस पर होगी सख्त कार्रवाई.


उत्तराखंड में महिला अपराध उत्पीड़न जैसी घटनाओं की रोकथाम को लेकर पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार संबंधित आला अधिकारियों और प्रदेश भर के सभी जिला पुलिस प्रभारियों को महिला हेल्पलाइन डेस्क व महिला सहायता 1090 व 112 सैल को पहले से बेहतर और तत्काल रिस्पांस करने की दिशा में सख्त दिशा निर्देश पारित किए गए. महिला अपराधों से जुड़े मामले में राज्य के सभी थाना चौकी और महिला हेल्पलाइन नंबर की सक्रियता को बढ़ाना और एकजुट होकर कार्यों में एकरूपता लाने के चलते सभी पुलिस तंत्र को संवेदनशीलता व प्रभावी ढंग से कार्य करने की जरूरी दिशा निर्देश पारित किये हैं। इतना ही नहीं राज्य में अपराध को कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे महानिदेशक द्वारा आदेशित किया गया कि प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों और महिला संबंधी अपराधों के प्रकरण की संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता को महसूस करते हुए इस मामलें पर पुलिस स्तर पर कोताही ना बरतने के सख्त दिशा निर्देश दिए गए हैं। आदेशों की अवेलहना करने वालों पर विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। पुलिस मुख्यालय अब महिलाओं के शिकायत और उनके निस्तारण के मामलों को लेकर प्रदेश भर के थाना चौकी व संबंधित सेल की विशेष स्तर पर मॉनिटरिंग कर प्रत्येक माह समीक्षा करेगा।


Body:महिला अपराध पर पुलिस की लापरवाही बर्दाश्त नहीं :पुलिस मुख्यालय

महिला अपराध पर अंकुश लगाने के साथ ही छेड़छाड़ दुष्कर्म घरेलू हिंसा दहेज उत्पीड़न जैसे अन्य मामलों को लेकर सभी पुलिस थाना व सेल को प्रभावी ढंग से धरातल पर कार्य करने के चलते एकरूपता लाकर कार्य करने की पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदेश पुलिस को सख्त हिदायत दी गई है। डीजी एलो के मुताबिक राज्य में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध में तत्काल सुनवाई के बाद अग्रिम कार्रवाई करने और न्याय की दिशा किसी भी तरह का मामला निस्तारण में आगे बढ़े इसके लिए बेहतरी की दिशा में आगे बढ़ना जरूरी है।

घरेलू हिंसा दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में पुलिस काउंसलिंग महीने के बजाय 2 महीने तय की गई

इतना ही नहीं प्रदेशभर के पुलिस को दहेज उत्पीड़न घरेलू हिंसा जैसे अन्य मामलों में शिकायत शिकायत के आधार पर पुलिस हेल्पलाइन काउंसलिंग का समय भी मात्र तीन तारीख और दो माह तक नियंत्रण के लिए तय किया गया है। हालांकि इससे पहले पुलिस हेल्पलाइन काउंसलिंग में लंबे समय तक दोनों पक्षों की काउंसलिंग प्रक्रिया चलती थी जिसके चलते निस्तारण और न्याय का मामला भी लंबित चलता हैं। पुलिस महानिदेशक के मुताबिक शिकायत का रिस्पांस टाइम सीमित कर दिया गया है ताकि समय से महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों को न्याय मिल सके।


महिला अपराध को लेकर पुलिस स्तर पर त्वरित कार्रवाई के लिए इन बिंदुओं पर दिए गए पुलिस मुख्यालय के 10 सख्त दिशानिर्देश

1-जनपदों में महिलाओं बच्चों व वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए एक ही राजपत्रित नोडल अधिकारी को नियुक्त किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

2-महिला सहायता से 90 को महिला सुरक्षा हेल्पलाइन का नाम दिया गया है।

3-महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 की कॉल केवल महिला कर्मियों द्वारा ही रिसीव की जाएगी।

4-सभी जनपद प्रभारियों द्वारा मासिक अपराध गोष्ठी में महिला हेल्पलाइन और महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 के कार्यों की समीक्षा जिले और पुलिस मुख्यालय स्तर पर प्रति माह की जाएगी।
5-राज्य प्रत्येक थाना चौकी पुलिस कार्यालयों में पोस्टर व पंपलेट के माध्यम से महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 और इमरजेंसी सेवा 112 का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी इसका प्रचार किया जाएगा।

6-महिला व छात्राओं के प्रति हो रहे अपराधों के बारे में उन्हें जागरूक करने के लिए प्रदेश के सभी जनपद प्रभारियों द्वारा प्रत्येक माह स्कूल कॉलेजों में महिला सुरक्षा के संबंध में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।

7- महिला हेल्पलाइन में काउंसलिंग प्रक्रिया को अनावश्यक रूप में ना बढ़ाया जाए किसी भी प्रकरण में अधिकतम 3 काउंसलिंग या दो माह तक काउंसलिंग कर निस्तारण किया जाए।

8-महिला हेल्पलाइन से काउंसलिंग के पश्चात तत्काल मुकदमा दर्ज करने के लिए संबंधित थाना को रिपोर्ट भेजी जाएगी साथ ही त्वरित शिकायत पर थाना मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगा।

9- वरिष्ठ नागरिकों की समस्या के निस्तारण वह उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने के लिए प्रदेश के सभी जनपद के अलग-अलग वरिष्ठ नागरिकों के लिए संगठित किया जाएगा और इमरजेंसी सेवा 112 और 1090 हेल्पलाइन को प्रभावी ढंग से सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने पर जोर दिया जाएगा।

10-पुलिस मुख्यालय स्तर पर महिला हेल्पलाइन महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 और वरिष्ठ नागरिक सेल की मासिक समीक्षा रिपोर्ट ली जाएगी साथी लापरवाही और कोताही बरतने वाले संबंधित पुलिस पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।


Conclusion:महिला अपराधों के निस्तारण व पुलिस न्याय प्रक्रिया की हर माह रिपोर्ट तलब कर समीक्षा की जाएगी:DG, LO

महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने और शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई कर निस्तारण की दिशा में जानकारी देते हुए महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि महिलाओं से संबंधित 1090 व 112 सैल के अलावा महिला पुलिस हेल्पलाइन और महिला सुरक्षा सेल जैसी व्यवस्थाओं में एकरूपता लाकर रिस्पांस टाइम बढ़ाने की ज़रूरत हैं। डीजी के अनुसार पुलिस मुख्यालय स्तर पर मॉनिटरी करने के साथ ही हर महा समीक्षा बैठक में यह तय किया जाएगा कि प्रदेश भर में थाना चौकी संबंधित सेल में कितनी महिला अपराध को लेकर शिकायतें आयी और उन पर किस तरह की कार्रवाई कर मामले को निस्तारण तक ले जाया गया,इस विषय की रिपोर्ट को भी तलब किया जाएगा। ताकि महिलाओं के अपराध में शिकायतों के आधार पर पुलिस की ओर से न्याय प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जा सके।


बाइट- अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था उत्तराखंड
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