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उत्तराखंड: नक्शा पास कराने में अब कम लगेगा शुल्क, भू-उपयोग में बदलाव भी हुआ आसान

एमडीडीए समेत प्रदेश के किसी भी विकास प्राधिकरण से घर का नक्शा पास कराने के लिए कम सब डिविजनल शुल्क देना होगा.

MDDA land building map pass process
देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण
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Published : Jul 30, 2021, 10:17 AM IST

Updated : Jul 30, 2021, 2:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड शासन की ओर से आम जनता को बड़ी राहत दी जा रही है. इसके तहत नई बनने वाली आवासीय कॉलोनियों में भवन का नक्शा पास कराने में लगने वाले सब डिविजनल शुल्क को सभी विकास प्राधिकरणों के लिए घटा दिया गया है.

बता दें कि अब एमडीडीए समेत प्रदेश के किसी भी विकास प्राधिकरण से घर का नक्शा पास कराने के लिए कम सब डिविजनल शुल्क देना होगा. शासन ने प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों में सब डिविजनल शुल्क एक समान 1% कर दिया है जबकि, पहले विकसित क्षेत्रों में यह शुल्क सर्कल रेट के 1% लिया जाता था. जबकि, अविकसित क्षेत्रों में 5% सब डिविजनल शुल्क लिया जाता था.

वहीं, इसके अलावा विस्थापित क्षेत्रों में भवन बनाने वालों को भी बड़ी राहत दी जा रही है. इसके तहत विस्थापित क्षेत्र में भवन बनाने पर मूल आवंटी से विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा जबकि, मूल आवंटी से जमीन खरीद कर भवन बनाने वाले लोगों को विकास शुल्क चूकाना होगा.

पढ़ें- MDDA की ओटीएस स्कीम का विरोध, यह है पूरा मामला

भू-उपयोग बदलना भी हुआ आसान: प्रदेश में अब भू उपयोग बदलना भी आसान कर दिया गया है. इसके तहत महायोजना वाले क्षेत्रों में चार हजार से दस हज़ार वर्ग मीटर तक के भूखंड के उपयोग बदलाव का अधिकार जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को दे दिया गया है. वहीं, 1001 से 5000 वर्ग मीटर तक का भू उपयोग, उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (UHUDA) और इससे बड़े भूखंड का भू उपयोग शासन स्तर से बदला जा सकेगा.

देहरादून: उत्तराखंड शासन की ओर से आम जनता को बड़ी राहत दी जा रही है. इसके तहत नई बनने वाली आवासीय कॉलोनियों में भवन का नक्शा पास कराने में लगने वाले सब डिविजनल शुल्क को सभी विकास प्राधिकरणों के लिए घटा दिया गया है.

बता दें कि अब एमडीडीए समेत प्रदेश के किसी भी विकास प्राधिकरण से घर का नक्शा पास कराने के लिए कम सब डिविजनल शुल्क देना होगा. शासन ने प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों में सब डिविजनल शुल्क एक समान 1% कर दिया है जबकि, पहले विकसित क्षेत्रों में यह शुल्क सर्कल रेट के 1% लिया जाता था. जबकि, अविकसित क्षेत्रों में 5% सब डिविजनल शुल्क लिया जाता था.

वहीं, इसके अलावा विस्थापित क्षेत्रों में भवन बनाने वालों को भी बड़ी राहत दी जा रही है. इसके तहत विस्थापित क्षेत्र में भवन बनाने पर मूल आवंटी से विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा जबकि, मूल आवंटी से जमीन खरीद कर भवन बनाने वाले लोगों को विकास शुल्क चूकाना होगा.

पढ़ें- MDDA की ओटीएस स्कीम का विरोध, यह है पूरा मामला

भू-उपयोग बदलना भी हुआ आसान: प्रदेश में अब भू उपयोग बदलना भी आसान कर दिया गया है. इसके तहत महायोजना वाले क्षेत्रों में चार हजार से दस हज़ार वर्ग मीटर तक के भूखंड के उपयोग बदलाव का अधिकार जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को दे दिया गया है. वहीं, 1001 से 5000 वर्ग मीटर तक का भू उपयोग, उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (UHUDA) और इससे बड़े भूखंड का भू उपयोग शासन स्तर से बदला जा सकेगा.

Last Updated : Jul 30, 2021, 2:01 PM IST
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