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देवभूमि की उम्मीदों को लगा झटका, बजट में नहीं मिली कुछ राहत

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Published : Feb 1, 2020, 7:48 PM IST

Updated : Feb 1, 2020, 8:24 PM IST

उत्तराखंड को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन इस स्पेशल बजट में उत्तराखंड को कोई खास राहत नहीं दी गई है. पर्यावरण के लिहाज से उत्तराखंड के ग्रीन बोनस की उम्मीद को भी इस बजट से झटका लगा है.

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देवभूमि की उम्मीदों को लगा झटका

देहरादून: केंद्र सरकार के बजट से की जा रही उम्मीदें नाकाफी दिखाई दे रही है. खासतौर पर उत्तराखंड को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कोई बड़ा बजट उत्तराखंड को नहीं दिया गया है. उत्तराखंड के लिहाज से कैसा रहा ये बजट आइये आपको बताते हैं.

उत्तराखंड को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन इस स्पेशल बजट में उत्तराखंड को कोई खास राहत नहीं दी गई है. इस बजट में पर्यावरण के लिहाज से उत्तराखंड के ग्रीन बोनस की मांग को भी पूरा नहीं किया गया है. बजट में उत्तराखंड को कोई खास सौगात भी नहीं दी गई है. बात अगर पर्यटन के क्षेत्र की करें तो इसमें भी प्रदेश के हाथ मायूसी लगी है.

पढ़ें-रोडवेज की बसों में सवारी खतरा-ए-जान, कहीं भी हो जाती हैं खड़ी

दरअसल, उत्तराखंड में पर्यटन की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं, ऐसे में राज्य को इस क्षेत्र में विकास के लिए खास बजट की दरकार थी, जो कि इस बार भी प्रदेश को नसीब नहीं हुआ. इसी तरह आपदा में हर साल होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भी बजट से उम्मीद की जा रही थी, इस मामले में भी राज्य के हाथ कुछ नहीं आया है. हालांकि, बजट में 16 एक्शन प्लान की बात की गई है. जिससे प्रदेश के किसानों को फायदा हो सकता है. माना जा रहा है कि इससे करीब 10,00000 किसानों को सीधा फायदा होगा. केंद्र के बजट में किसानों की आय दोगुनी करने के प्लान समेत मत्स्य पालन और पशुपालन को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है. जिसका लाभ भी उत्तराखंड के किसानों को मिल सकता है.

पढ़ें-बजट 2020-21 : गांव, गरीब, किसान और रोजगार पर रहा फोकस

शिक्षा के क्षेत्र में 99 हजार करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. जिसमें हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की बात की गई है. बजट से जिलों में शिक्षा सेवा में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने और डॉक्टर्स की कमी दूर करने जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी एक बड़े बजट की व्यवस्था की गई है, लेकिन प्रदेश में किसी विशेष संस्थान को खोले जाने या अलग से किसी बजट की व्यवस्था का इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है.

पढ़ें-बजट 2020 : स्वास्थ्य क्षेत्र को 69 हजार करोड़ आवंटित, टीयर-टू और टीयर थ्री शहरों में नए अस्पताल

केंद्र सरकार के बजट पेश करने के बाद विपक्ष इसे लेकर हमलावर हो गया है. कांग्रेस ने मोदी सरकार के इस बजट को मायूसी वाला बजट बताया है. बजट में उत्तराखंड के लिए कुछ भी व्यवस्था न होने पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है. कांग्रेस की मानें तो यह बजट आम आदमी का बजट नहीं है. कांग्रेस ने कहा सरकार के इस बजट से लोगों की परेशानियां कम होने की बजाय और बढ़ेंगी.

वहीं, भाजपा नेता मोदी सरकार के इस बजट को ऐतिहासिक बताने से नहीं चूक रहे हैं. भाजपा मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन की मानें तो इस बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा इस बजट से किसानों और दूसरे वर्गों के लोगों को खासी राहत मिलती दिखाई दे रही है.

देहरादून: केंद्र सरकार के बजट से की जा रही उम्मीदें नाकाफी दिखाई दे रही है. खासतौर पर उत्तराखंड को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कोई बड़ा बजट उत्तराखंड को नहीं दिया गया है. उत्तराखंड के लिहाज से कैसा रहा ये बजट आइये आपको बताते हैं.

उत्तराखंड को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन इस स्पेशल बजट में उत्तराखंड को कोई खास राहत नहीं दी गई है. इस बजट में पर्यावरण के लिहाज से उत्तराखंड के ग्रीन बोनस की मांग को भी पूरा नहीं किया गया है. बजट में उत्तराखंड को कोई खास सौगात भी नहीं दी गई है. बात अगर पर्यटन के क्षेत्र की करें तो इसमें भी प्रदेश के हाथ मायूसी लगी है.

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दरअसल, उत्तराखंड में पर्यटन की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं, ऐसे में राज्य को इस क्षेत्र में विकास के लिए खास बजट की दरकार थी, जो कि इस बार भी प्रदेश को नसीब नहीं हुआ. इसी तरह आपदा में हर साल होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भी बजट से उम्मीद की जा रही थी, इस मामले में भी राज्य के हाथ कुछ नहीं आया है. हालांकि, बजट में 16 एक्शन प्लान की बात की गई है. जिससे प्रदेश के किसानों को फायदा हो सकता है. माना जा रहा है कि इससे करीब 10,00000 किसानों को सीधा फायदा होगा. केंद्र के बजट में किसानों की आय दोगुनी करने के प्लान समेत मत्स्य पालन और पशुपालन को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है. जिसका लाभ भी उत्तराखंड के किसानों को मिल सकता है.

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शिक्षा के क्षेत्र में 99 हजार करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. जिसमें हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की बात की गई है. बजट से जिलों में शिक्षा सेवा में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने और डॉक्टर्स की कमी दूर करने जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी एक बड़े बजट की व्यवस्था की गई है, लेकिन प्रदेश में किसी विशेष संस्थान को खोले जाने या अलग से किसी बजट की व्यवस्था का इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है.

पढ़ें-बजट 2020 : स्वास्थ्य क्षेत्र को 69 हजार करोड़ आवंटित, टीयर-टू और टीयर थ्री शहरों में नए अस्पताल

केंद्र सरकार के बजट पेश करने के बाद विपक्ष इसे लेकर हमलावर हो गया है. कांग्रेस ने मोदी सरकार के इस बजट को मायूसी वाला बजट बताया है. बजट में उत्तराखंड के लिए कुछ भी व्यवस्था न होने पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है. कांग्रेस की मानें तो यह बजट आम आदमी का बजट नहीं है. कांग्रेस ने कहा सरकार के इस बजट से लोगों की परेशानियां कम होने की बजाय और बढ़ेंगी.

वहीं, भाजपा नेता मोदी सरकार के इस बजट को ऐतिहासिक बताने से नहीं चूक रहे हैं. भाजपा मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन की मानें तो इस बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा इस बजट से किसानों और दूसरे वर्गों के लोगों को खासी राहत मिलती दिखाई दे रही है.

Intro:feed ftp से भेजी है....

folder name- uk_deh_01_budget_uttarakhand_pkg_7206766

summary- मोदी सरकार के बजट से की जा रही उम्मीदें नाकाफी दिखाई दे रही है... खासतौर पर उत्तराखंड को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कोई बड़ा बजट उत्तराखंड को नहीं दिया गया है... उत्तराखंड के लिहाज से बजट पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट


Body:सूबे में मोदी सरकार 2 के दूसरे बजट से भले ही बेहद ज्यादा उम्मीदें रही हो लेकिन फिलहाल स्पेशल बजट के रूप में उत्तराखंड को कोई राहत नहीं दिखाई दी है... केंद्र सरकार के इस बजट में पर्यावरण के लिहाज से उत्तराखंड की ग्रीन बोनस की मांग को भी पूरा नहीं किया गया है... यही नही बजट में उत्तराखंड के लिए किसी भी लिहाज से कोई खास सौगात नहीं दी गई है... दरअसल उत्तराखंड पर्यटन पर बेहद ज्यादा आधारित है ऐसे में राज्य को किसी खास पर्यटन विकास के बजट की दरकार थी..जो बजट में नही था...इसी तरह आपदा में हर साल होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भी बजट से उम्मीद थी.. हालांकि बजट में 16 एक्शन प्लान रखने की बात कही गई है जिसमें उत्तराखंड के किसानों को फायदा हो सकता है... माना जा रहा है कि करीब 1000000 किसानों को इससे सीधा फायदा होगा।।।। केंद्र के बजट में किसानों की आय दोगुनी करने के प्लान समेत मत्स्य पालन और पशुपालन को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है... जिसका लाभ उत्तराखंड के किसानों को भी मिलेगा... शिक्षा के क्षेत्र में 99 हजार करोड़ के बजट से भी शिक्षा के हालातों को सुधारे जाने की उम्मीद है... हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की व्यवस्था से डॉक्टर्स की चली आ रही कभी को भी दूर किया जा सकेगा... स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी एक बड़े बजट की व्यवस्था की गई है... लेकिन प्रदेश में किसी विशेष संस्थान को खोले जाने या अलग से किसी बजट की व्यवस्था पर कोई भी बजट में प्रावधान नहीं किया गया है।

बाइट भागीरथ शर्मा आर्थिक जानकार

उधर केंद्र के इस बजट को पूरी तरह से कांग्रेस ने मायूसी वाला बजट बताया है.. जबकि उत्तराखंड को इस बजट में कुछ भी ना मिलने से भी कांग्रेस भी नाराजगी जाहिर की है.. कांग्रेस की माने तो यह बजट आम आदमी का बजट नहीं है। और इस बजट से लोगों की दिक्कतें कम नहीं होगी।

वाइट गरिमा दसोनी, कांग्रेस नेत्री

उधर भाजपा नेता अपनी सरकार के इस बजट को ऐतिहासिक बताने से नहीं चूक रहे हैं... भाजपा मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन की मानें तो इस बजट में सभी वर्ग का ध्यान रखा गया था और इससे किसानों और दूसरे वर्ग के लोगों को खासी राहत मिलेगी

बाइट देवेंद्र भसीन मीडिया प्रभारी उत्तराखंड


Conclusion:
Last Updated : Feb 1, 2020, 8:24 PM IST
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