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राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के कार्यकाल के तीन साल पूरे, कहा- विकास के रास्ते पर बढ़ा उत्तराखंड - Governor Baby Rani Maurya completes three years

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के कार्यकाल को आज तीन साल पूरे हो गये हैं.

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राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के कार्यकाल के तीन साल पूरे
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Published : Aug 26, 2021, 5:48 PM IST

देहरादून: राज्यपाल के तौर पर बेबी रानी मौर्य के कार्यकाल के आज तीन साल पूरे हो गये हैं. इस मौके पर राज्यपाल ने मीडिया से बातचीत कर तीन साल के कार्यकाल के बारे में जानकारियां साझा की. राज्यपाल ने कहा मेरा उद्देश्य उत्तराखंड की महिलाओं को सशक्त बना है. जिसके लिए समय-समय पर प्रयास भी किये जा रहे हैं. तीन सालों में महिलाओं को विभिन्न माध्यमों से सशक्त करने का प्रयास किया गया और कल्याणकारी योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने की कोशिशें की गईं.

महिलाओं के उत्थान को लेकर विशेष फोकस रहा है. जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं. राज्यपाल ने कहा मेरा पूरा प्रयास है कि राज्य उन्नति की तरफ अग्रसर हो. राज्यपाल ने कहा राजभवन द्वारा स्वयं सहायता समूहों के लिए विस्तृत कार्य योजना, प्रशिक्षण और सहायता समूहों को सस्ते ऋण के लिए समय-समय पर निर्देश दिए गए. जिससे महिलाओं का आर्थिक उत्थान हो सके. क्षय रोग के प्रति राजभवन में जन जागरूकता कार्यक्रम किया गया. साथ ही टीबी रोगियों को पोषक आहार वितरित कर रोगियों को पोषण के प्रति सजग किया गया. राजभवन द्वारा पांच बच्चे गोद लिए गए हैं. राजभवन के निर्देशों के क्रम में राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा दूरस्थ गांवों को गोद लिए गया है.

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के कार्यकाल के तीन साल पूरे.

पढ़ें- ये भी पढ़ें: ठगों ने बिगाड़े म्यूजिक टीचर के सुर, सरकारी नौकरी के नाम पर 3 लाख ठगे

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बताया अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों को मॉडल ग्राम बनाने की योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद से एक गंव को उनके द्वारा गोद लिया गया है. देहरादून के झाझरा और कुमांऊ के गहना गांव में विकास कार्य भी हुए. उत्तराखंड प्राकृतिक संपदाओं से सम्पन्न एक राज्य है. यहां औषधीय पौधे जड़ी-बूटियों की पर्याप्त उपलब्धता है. स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से इनके उत्पादन एवं वितरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

पढ़ें- VIDEO: दुनिया के सबसे 'अभागे' इंसान की रुलाने वाली कहानी

नशा मुक्ति के लिए राजभवन ने जन जागरूकता कार्यक्रम चलाये. 12वीं तक के स्कूलों के बच्चों को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया. साथ ही गरीब, निर्धन महिलाओं के लिए साड़ी बैंक की स्थापना की गई. इसमें गरीब बस्ती तक साड़ी पहुंचाने का कार्य किया गया. अम्बेडकर जयंती पर मलिन बस्तियों के बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने के लिए निर्धन बच्चों को स्कूल बैग व पुस्तक वितरण किया गया. कोरोना काल में देहरादून में इन बस्तियों में मास्क, सैनिटाइजर वितरण कराया गया.

देहरादून: राज्यपाल के तौर पर बेबी रानी मौर्य के कार्यकाल के आज तीन साल पूरे हो गये हैं. इस मौके पर राज्यपाल ने मीडिया से बातचीत कर तीन साल के कार्यकाल के बारे में जानकारियां साझा की. राज्यपाल ने कहा मेरा उद्देश्य उत्तराखंड की महिलाओं को सशक्त बना है. जिसके लिए समय-समय पर प्रयास भी किये जा रहे हैं. तीन सालों में महिलाओं को विभिन्न माध्यमों से सशक्त करने का प्रयास किया गया और कल्याणकारी योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने की कोशिशें की गईं.

महिलाओं के उत्थान को लेकर विशेष फोकस रहा है. जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं. राज्यपाल ने कहा मेरा पूरा प्रयास है कि राज्य उन्नति की तरफ अग्रसर हो. राज्यपाल ने कहा राजभवन द्वारा स्वयं सहायता समूहों के लिए विस्तृत कार्य योजना, प्रशिक्षण और सहायता समूहों को सस्ते ऋण के लिए समय-समय पर निर्देश दिए गए. जिससे महिलाओं का आर्थिक उत्थान हो सके. क्षय रोग के प्रति राजभवन में जन जागरूकता कार्यक्रम किया गया. साथ ही टीबी रोगियों को पोषक आहार वितरित कर रोगियों को पोषण के प्रति सजग किया गया. राजभवन द्वारा पांच बच्चे गोद लिए गए हैं. राजभवन के निर्देशों के क्रम में राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा दूरस्थ गांवों को गोद लिए गया है.

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के कार्यकाल के तीन साल पूरे.

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राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बताया अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों को मॉडल ग्राम बनाने की योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद से एक गंव को उनके द्वारा गोद लिया गया है. देहरादून के झाझरा और कुमांऊ के गहना गांव में विकास कार्य भी हुए. उत्तराखंड प्राकृतिक संपदाओं से सम्पन्न एक राज्य है. यहां औषधीय पौधे जड़ी-बूटियों की पर्याप्त उपलब्धता है. स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से इनके उत्पादन एवं वितरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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नशा मुक्ति के लिए राजभवन ने जन जागरूकता कार्यक्रम चलाये. 12वीं तक के स्कूलों के बच्चों को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया. साथ ही गरीब, निर्धन महिलाओं के लिए साड़ी बैंक की स्थापना की गई. इसमें गरीब बस्ती तक साड़ी पहुंचाने का कार्य किया गया. अम्बेडकर जयंती पर मलिन बस्तियों के बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने के लिए निर्धन बच्चों को स्कूल बैग व पुस्तक वितरण किया गया. कोरोना काल में देहरादून में इन बस्तियों में मास्क, सैनिटाइजर वितरण कराया गया.

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