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मॉब लिंचिंग पर PM को चिट्ठी लिखने वाली 51 हस्तियों के खिलाफ FIR, देहरादून में हुआ विरोध

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा भारत के लिए  इससे बुरा दिन नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि अब तो चिट्ठी लिखना भी देशद्रोह में आ गया है. किशोर उपाध्याय ने कहा अब तो उत्तराखंड से भी आवाज उठनी शुरू हो गई.

मॉब लिंचिंग के विरोध में प्रदर्शन.
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Published : Oct 6, 2019, 5:55 PM IST

Updated : Oct 6, 2019, 6:50 PM IST

देहरादून: मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाली 51 हस्तियों के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद देशभर में इसका विरोध होना शुरू हो गया है. रविवार को राजधानी देहरादून में विभिन्न समुदाय के बुद्धिजीवियों ने एकत्र होकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. गांधी पार्क के बाहर पत्रकार, राजनीतिक विशेषज्ञ, कांग्रेस और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर इस मामले में की गई कार्रवाई पर चिंता जाहिर की. इस दौरान इन लोगों ने प्रधानमंत्री और केन्द्र की सरकार पर तानाशाही का आरेाप लगाया.

बता दें कि देश में बढ़ रही मॉब लिंचिंग के मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखने वाले रामचंद्र गुहा, मणि रत्नम और अपर्णा सेन समेत करीब 51 लोगों के खिलाफ गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिसके बाद से ही देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये हैं. इसी कड़ी में राजधानी में भी लोगों ने सड़क पर उतर कर केंद्र सरकार की आलोचना की.

पढ़ें-हरीश रावत ने ककड़ी पार्टी का किया आयोजन, शामिल हुए कई दिग्गज नेता

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि भारत के लिए इससे बुरा दिन नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि अब तो चिट्ठी लिखना भी देशद्रोह में आ गया है. किशोर उपाध्याय ने कहा अब तो उत्तराखंड से भी आवाज उठनी शुरू हो गई. उन्होनें कहा एक ओर हम गांधी सप्ताह मना रहे हैं और दूसरी ओर गलत को गलत कहने पर मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है.

पढ़ें-परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह की शौर्यगाथा, मरते दम तक दुश्मनों से लेते रहे लोहा

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि इस सरकार में अगर कोई लड़की भाजपा नेता के खिलाफ शिकायत करती है तो लड़की के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज हो जाता है. उन्होंने कहा मुंबई में 2 हजार पेड़ काटे जा रहे हैं जिसका कि वहां के बच्चे विरोध कर रहे हैं. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है. उन्होंने कहा सरकार को असहमति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है और केंद्र सरकार निरंकुश होकर तानाशाही पर उतर आई है.

देहरादून: मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाली 51 हस्तियों के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद देशभर में इसका विरोध होना शुरू हो गया है. रविवार को राजधानी देहरादून में विभिन्न समुदाय के बुद्धिजीवियों ने एकत्र होकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. गांधी पार्क के बाहर पत्रकार, राजनीतिक विशेषज्ञ, कांग्रेस और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर इस मामले में की गई कार्रवाई पर चिंता जाहिर की. इस दौरान इन लोगों ने प्रधानमंत्री और केन्द्र की सरकार पर तानाशाही का आरेाप लगाया.

बता दें कि देश में बढ़ रही मॉब लिंचिंग के मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखने वाले रामचंद्र गुहा, मणि रत्नम और अपर्णा सेन समेत करीब 51 लोगों के खिलाफ गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिसके बाद से ही देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये हैं. इसी कड़ी में राजधानी में भी लोगों ने सड़क पर उतर कर केंद्र सरकार की आलोचना की.

पढ़ें-हरीश रावत ने ककड़ी पार्टी का किया आयोजन, शामिल हुए कई दिग्गज नेता

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि भारत के लिए इससे बुरा दिन नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि अब तो चिट्ठी लिखना भी देशद्रोह में आ गया है. किशोर उपाध्याय ने कहा अब तो उत्तराखंड से भी आवाज उठनी शुरू हो गई. उन्होनें कहा एक ओर हम गांधी सप्ताह मना रहे हैं और दूसरी ओर गलत को गलत कहने पर मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है.

पढ़ें-परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह की शौर्यगाथा, मरते दम तक दुश्मनों से लेते रहे लोहा

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि इस सरकार में अगर कोई लड़की भाजपा नेता के खिलाफ शिकायत करती है तो लड़की के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज हो जाता है. उन्होंने कहा मुंबई में 2 हजार पेड़ काटे जा रहे हैं जिसका कि वहां के बच्चे विरोध कर रहे हैं. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है. उन्होंने कहा सरकार को असहमति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है और केंद्र सरकार निरंकुश होकर तानाशाही पर उतर आई है.

Intro:प्रधानमंत्री को खुला खत लिखने वालों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमें पर विरोध होना शुरू हो गया है। जिसकी आंच देहरादून तक आ पहुंची है। यहां आज समाज के विभिन्न समुदाय के बुद्धिजीवों ने एकत्र होकर इसका विरोध जताया। गांधी पार्क के बाहर पत्रकार, राजनीतिक विशेषयज्ञ, कांग्रेस, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर 51 लोगों पर मॉब लिंचिंग के मामलों पीएम को भेजे गए पत्र के बाद की गई कार्रवाही पर चिंता जाहिर की। बुद्धिजीवों वर्ग ने प्रधानमंत्री और केन्द्र की सरकार पर तानाशाही रूख अपनाने का आरेाप लगाया। Body:आपको बता दें कि देश में बढ़ रहे मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) के मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखने वाले रामचंद्र गुहा, मणि रत्नम और अपर्णा सेन समेत करीब 51 लोगों के खिलाफ गुरूवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है।
Conclusion:कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का कहना है की भारत के लिए सबसे दुख का दिन कोई ऒर नही हो सकता ओर अब तो चिट्टी लिखना भी देशद्रोह में आ गया है।ओर अब उत्तराखंड से भी आवाज़ उठनी शुरू हो गई,ओर अगर कोई भी चिट्टी लिखता है और उसपर देशद्रोह का मुकदमा लग जाता है तो गांधी जी के देश मे बड़ा ही दुखद है जबकि हम गांधी जी सप्ताह बना रहे है।साथ ही गलत को गलत कहने पर मुकदमे दर्ज होंगे तो हम ऐसे अपराध को करते रहेंगे।
वही वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट इस सरकार में अगर कोई लड़की भाजपा के नेता के खिलाफ शिकायत करती है तो लड़की के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज हो जाता है।ओर मुंबई में 2 हज़ार पेड़ काटे जा रहे है बच्चे विरोध कर रहे है और उन 30 स्कूल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है।और 51 बुद्धिजीवी पर मुकदमा दर्ज किया जाता है सरकार असहमति बिल्कुल भी सहन नही करना चाहते है यह सिर्फ तानाशाही हो रही है।

  
 बाईट— किशोर उपाध्याय— कांग्रेस नेता

बाईट— त्रिलोचन भट्ट— वरिष्ठ पत्रकार   
Last Updated : Oct 6, 2019, 6:50 PM IST
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