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केरल बिटक्वाइन हत्याकांड: मुख्य आरोपी आशिक गिरफ्तार, 485 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी थी हत्या का कारण

केरल व्यापारी अब्दुल शकूर हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी मोहम्मद आशिक को गिरफ्तार किया गया है. उसने बताया कि वो अपनी बीबीए की पढ़ाई छोड़कर क्रिप्टोकरंसी के मास्टरमाइंड अब्दुल शकूर के संपर्क में आया था. ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में मोहम्मद आशिक बिटकॉइन के धंधे में शकूर की दो कंपनियों में हिस्सेदार बना.

क्रिप्टोकरंसी हत्याकांड मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार
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Published : Oct 29, 2019, 6:59 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 7:23 PM IST

देहरादून: 485 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन के चक्कर में केरल के व्यापारी अब्दुल शकूर हत्याकांड मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने इस हत्याकांड के मोस्टवांटेड मुख्य अभियुक्त मोहम्मद आशिक को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. केरल के रहने वाले अब्दुल शकूर की हत्या के बाद से ही मोहम्मद आशिक दो महीने से फरार चल रहा था. दून पुलिस ने मोहम्मद आशिक को सुद्दोवाला के महिला पॉलिटेक्निकल कॉलेज के पास से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

क्रिप्टोकरंसी हत्याकांड मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार

गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में जानकारी सामने आई कि वो अपनी बीबीए की पढ़ाई छोड़कर क्रिप्टो करेंसी के मास्टरमाइंड अब्दुल शकूर के संपर्क में आया था. ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में मोहम्मद आशिक बिटक्वाइन के धंधे में शकूर की दो कंपनियों में हिस्सेदार बना.

शुरुआती समय में आशिक ने एक नेटवर्क बनाकर बिटक्वाइन के धंधे में करोड़ों कमाये. इतना ही नहीं, आशिक ने इसके लिए केरल के रहने वाले आफताब फारिस, सुशील और यासीन को बिटक्वाइन के नेटवर्क में जोड़कर 13 करोड़ रुपए का निवेश भी किया. कुछ समय बाद निवेशकों की देनदारी अधिक होने पर मास्टरमाइंड शकूर सहित नेटवर्क के लोग केरल से देश के अलग-अलग हिस्सों में फरार हो गए.

पढ़ें- केरल व्यापारी हत्याकांड: 485 करोड़ रुपये की बिटक्वाइन करेंसी के चक्कर में हुई हत्या, 5 आरोपी गिरफ्तार

पासवर्ड के लिए की गई हत्या

गिरफ्तार मोहम्मद आशिक के मुताबिक, मास्टरमाइंड अब्दुल शकूर उन्हें यह कहकर गुमराह कर रहा था कि उसका बिटक्वाइन अकाउंट हैक हो गया है और वो अपनी ही क्रिप्टो करेंसी लांच कर रहा है, जिसमें फायदा होने पर वह केरल निवेशकों का पैसा वापस कर देगा. हालांकि, आशिक को शकूर की बातों पर भरोसा नहीं हुआ. उसे पता था कि भले ही शकूर को बिटक्वाइन के कारोबार में घाटा हुआ है पर उसके पास अभी भी कई सौ करोड़ के बिटक्वाइन्स हैं. ऐसे में आशिक ने अपने एजेंटों- आफताब, आसिफ, फरासी, सुहेल और अरविंद को साथ मिलाकर बिटक्वाइन पासवर्ड हासिल करने की योजना बनाई. इसी योजना को पूरा करने के लिये सभी ने फैसला किया कि शकूर को किसी ऐसे एकांत क्षेत्र में ले जाया जाए जहां उसे आसानी से प्रताड़ना देकर बिटक्वाइन का पासवर्ड हासिल किया जा सके.

सुनसान भवन में बिटक्वाइन मास्टरमांइड को दी गई यातनाएं
प्लान के मुताबिक, 12 अगस्त 2019 को योजना बनाई गई. 20 अगस्त को आशिक द्वारा अपने अन्य साथियों संग अब्दुल शकूर को प्रेम नगर क्षेत्र के अंतर्गत सुद्दोवाला स्थित पंकज उनियाल के भवन में लाया गया. योजना के मुताबिक, सभी ने शकूर पर बिटक्वाइन से संबंधित पासवर्ड देने के लिए उसे तरह-तरह की शारीरिक यातनाएं देना शुरू किया. अत्यधिक शारीरिक यातनाओं से शकूर की मौत हो गई लेकिन मामला कई सौ करोड़ रुपए का था लिहाजा शकूर की मौत होते ही सबके होश फाख्ता हो गए.आरोपियों ने किसी चमत्कार की अपेक्षा करते हुए शकूर को क्रेटा कार के जरिये पहले देहरादून के सिनर्जी अस्पताल पहुंचाया. वहां बात न बनने पर उसको राजपुर रोड स्थित मैक्स अस्पताल में उपचार के पहुंचाया गया. मैक्स अस्पताल में डॉक्टरों की जांच पड़ताल में शकूर को मृत घोषित कर दिया गया, ऐसे में सभी लोग शकूर का शव छोड़कर वहां से भाग निकले.

उत्तराखंड में क्रिप्टो करेंसी को लेकर अभी शिकायत नहीं
मामले की जानकारी देते हुए दून एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि 485 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी और अब्दुल शकूर की हत्या के मामले में पुलिस पहले ही केरल के 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. मुख्य आरोपी मोहम्मद आसिफ की गिरफ्तार के बाद भी अभी चार अन्य लोग फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. एसएसपी के मुताबिक अभी तक उत्तराखंड से क्रिप्टो करेंसी हड़पने को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है. हालांकि, केरल से इस तरह की कई शिकायतें वहां की पुलिस को मिल रही हैं. जिसके लिए देहरादून पुलिस सामंजस्य बिठा कर काम कर रही है.

पढ़ें- पिथौरागढ़ ट्रिपल मर्डर केस: अवैध संबंधों को हत्या की वजह मान रही पुलिस, नेपाल से जुड़े हैं तार

28 अगस्त की है घटना

बता दें कि देश-विदेश में वर्चुअल करेंसी बिटक्वाइन का कई सौ करोड़ का व्यापार करने वाले अब्दुल शकूर की हत्या वर्चुअल करेंसी का पासवर्ड हासिल करने के चलते हुई थी. देहरादून के मंडुवाला में उसके साथियों ने उसे कई दिन तक प्रताड़ित कर मौत के घाट उतारा था. 28 अगस्त को उसके साथी उसे देहरादून के राजपुर रोड स्थित एक हॉस्पिटल लाये थे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.

घटना के बाद से ही मृतक के साथी फरार चल रहे थे. पुलिस ने इस हत्याकांड मामले में फरार पांच अभियुक्त फारिस ममनून, अरविंद सी, आसिफ, सुफेल और आफताब मोहम्मद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. ये सभी आरोपी मूल रूप से केरल के रहने वाले थे.

अबतक गिरफ्तार आरोपी

  1. मोहम्मद आशिक, केरल
  2. फारिस ममनून पुत्र अब्दुला ,निवासी- सबना मंजिल करूवबरन, केरल
  3. अरविंद सी, पुत्र रविंद्र सिंह निवासी, मल्लापुरम, केरल
  4. आसिफ पुत्र शौकत अली पी, निवासी- पलाई, मंजिरी करुवबरम, केरल
  5. सुहेल मुख्तार, पुत्र मोहम्मद अली, निवासी- पुथईकलम,पलपत्ता, केरल
  6. आफताब मोहम्मद, पुत्र सादिक पी, निवासी- मंजिरी करूवनबरम, केरल

देहरादून: 485 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन के चक्कर में केरल के व्यापारी अब्दुल शकूर हत्याकांड मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने इस हत्याकांड के मोस्टवांटेड मुख्य अभियुक्त मोहम्मद आशिक को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. केरल के रहने वाले अब्दुल शकूर की हत्या के बाद से ही मोहम्मद आशिक दो महीने से फरार चल रहा था. दून पुलिस ने मोहम्मद आशिक को सुद्दोवाला के महिला पॉलिटेक्निकल कॉलेज के पास से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

क्रिप्टोकरंसी हत्याकांड मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार

गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में जानकारी सामने आई कि वो अपनी बीबीए की पढ़ाई छोड़कर क्रिप्टो करेंसी के मास्टरमाइंड अब्दुल शकूर के संपर्क में आया था. ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में मोहम्मद आशिक बिटक्वाइन के धंधे में शकूर की दो कंपनियों में हिस्सेदार बना.

शुरुआती समय में आशिक ने एक नेटवर्क बनाकर बिटक्वाइन के धंधे में करोड़ों कमाये. इतना ही नहीं, आशिक ने इसके लिए केरल के रहने वाले आफताब फारिस, सुशील और यासीन को बिटक्वाइन के नेटवर्क में जोड़कर 13 करोड़ रुपए का निवेश भी किया. कुछ समय बाद निवेशकों की देनदारी अधिक होने पर मास्टरमाइंड शकूर सहित नेटवर्क के लोग केरल से देश के अलग-अलग हिस्सों में फरार हो गए.

पढ़ें- केरल व्यापारी हत्याकांड: 485 करोड़ रुपये की बिटक्वाइन करेंसी के चक्कर में हुई हत्या, 5 आरोपी गिरफ्तार

पासवर्ड के लिए की गई हत्या

गिरफ्तार मोहम्मद आशिक के मुताबिक, मास्टरमाइंड अब्दुल शकूर उन्हें यह कहकर गुमराह कर रहा था कि उसका बिटक्वाइन अकाउंट हैक हो गया है और वो अपनी ही क्रिप्टो करेंसी लांच कर रहा है, जिसमें फायदा होने पर वह केरल निवेशकों का पैसा वापस कर देगा. हालांकि, आशिक को शकूर की बातों पर भरोसा नहीं हुआ. उसे पता था कि भले ही शकूर को बिटक्वाइन के कारोबार में घाटा हुआ है पर उसके पास अभी भी कई सौ करोड़ के बिटक्वाइन्स हैं. ऐसे में आशिक ने अपने एजेंटों- आफताब, आसिफ, फरासी, सुहेल और अरविंद को साथ मिलाकर बिटक्वाइन पासवर्ड हासिल करने की योजना बनाई. इसी योजना को पूरा करने के लिये सभी ने फैसला किया कि शकूर को किसी ऐसे एकांत क्षेत्र में ले जाया जाए जहां उसे आसानी से प्रताड़ना देकर बिटक्वाइन का पासवर्ड हासिल किया जा सके.

सुनसान भवन में बिटक्वाइन मास्टरमांइड को दी गई यातनाएं
प्लान के मुताबिक, 12 अगस्त 2019 को योजना बनाई गई. 20 अगस्त को आशिक द्वारा अपने अन्य साथियों संग अब्दुल शकूर को प्रेम नगर क्षेत्र के अंतर्गत सुद्दोवाला स्थित पंकज उनियाल के भवन में लाया गया. योजना के मुताबिक, सभी ने शकूर पर बिटक्वाइन से संबंधित पासवर्ड देने के लिए उसे तरह-तरह की शारीरिक यातनाएं देना शुरू किया. अत्यधिक शारीरिक यातनाओं से शकूर की मौत हो गई लेकिन मामला कई सौ करोड़ रुपए का था लिहाजा शकूर की मौत होते ही सबके होश फाख्ता हो गए.आरोपियों ने किसी चमत्कार की अपेक्षा करते हुए शकूर को क्रेटा कार के जरिये पहले देहरादून के सिनर्जी अस्पताल पहुंचाया. वहां बात न बनने पर उसको राजपुर रोड स्थित मैक्स अस्पताल में उपचार के पहुंचाया गया. मैक्स अस्पताल में डॉक्टरों की जांच पड़ताल में शकूर को मृत घोषित कर दिया गया, ऐसे में सभी लोग शकूर का शव छोड़कर वहां से भाग निकले.

उत्तराखंड में क्रिप्टो करेंसी को लेकर अभी शिकायत नहीं
मामले की जानकारी देते हुए दून एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि 485 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी और अब्दुल शकूर की हत्या के मामले में पुलिस पहले ही केरल के 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. मुख्य आरोपी मोहम्मद आसिफ की गिरफ्तार के बाद भी अभी चार अन्य लोग फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. एसएसपी के मुताबिक अभी तक उत्तराखंड से क्रिप्टो करेंसी हड़पने को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है. हालांकि, केरल से इस तरह की कई शिकायतें वहां की पुलिस को मिल रही हैं. जिसके लिए देहरादून पुलिस सामंजस्य बिठा कर काम कर रही है.

पढ़ें- पिथौरागढ़ ट्रिपल मर्डर केस: अवैध संबंधों को हत्या की वजह मान रही पुलिस, नेपाल से जुड़े हैं तार

28 अगस्त की है घटना

बता दें कि देश-विदेश में वर्चुअल करेंसी बिटक्वाइन का कई सौ करोड़ का व्यापार करने वाले अब्दुल शकूर की हत्या वर्चुअल करेंसी का पासवर्ड हासिल करने के चलते हुई थी. देहरादून के मंडुवाला में उसके साथियों ने उसे कई दिन तक प्रताड़ित कर मौत के घाट उतारा था. 28 अगस्त को उसके साथी उसे देहरादून के राजपुर रोड स्थित एक हॉस्पिटल लाये थे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.

घटना के बाद से ही मृतक के साथी फरार चल रहे थे. पुलिस ने इस हत्याकांड मामले में फरार पांच अभियुक्त फारिस ममनून, अरविंद सी, आसिफ, सुफेल और आफताब मोहम्मद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. ये सभी आरोपी मूल रूप से केरल के रहने वाले थे.

अबतक गिरफ्तार आरोपी

  1. मोहम्मद आशिक, केरल
  2. फारिस ममनून पुत्र अब्दुला ,निवासी- सबना मंजिल करूवबरन, केरल
  3. अरविंद सी, पुत्र रविंद्र सिंह निवासी, मल्लापुरम, केरल
  4. आसिफ पुत्र शौकत अली पी, निवासी- पलाई, मंजिरी करुवबरम, केरल
  5. सुहेल मुख्तार, पुत्र मोहम्मद अली, निवासी- पुथईकलम,पलपत्ता, केरल
  6. आफताब मोहम्मद, पुत्र सादिक पी, निवासी- मंजिरी करूवनबरम, केरल
Intro:pls नोट- महोदय इस खबर से संबंधित गिरफ्तार आरोपी फोटो व एसएसपी की बाइट ईमेल से भेजे हैं, कृपया उठाने का कष्ट करें।


summary-चर्चित क्रिप्टोकरंसी हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त मोहम्मद आशिक गिरफ्तार.

485 करोड़ के क्रिप्टोकरंसी मास्टरमाइंड अब्दुल शकूर हत्याकांड में मोस्टवांटेड मुख्य अभियुक्त मोहम्मद आशिक को आखिरकार देहरादून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। केरल निवासी अब्दुल शकूर हत्याकांड मामले में दो महीने से फरार चल रहे मोहम्मद आशिक को पुलिस ने थाना प्रेम नगर क्षेत्र के अंतर्गत महिला महिला पॉलिटेक्निकल सुद्दोवाला के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपी को मंगलवार कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इससे पहले इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने 28 अगस्त 2019 को रुड़की से 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
पुलिस के मुताबिक केरल निवासी गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद आशिक वकील की सलाह से देहरादून के कोर्ट में सरेंडर करने आया था इसकी भनक पुलिस टीम को लगते ही उसे प्रेम नगर के महिला पॉलिटेक्निकल से गिरफ्तार किया गया। हालांकि अभी इस हत्याकांड में चार अन्य अभियुक्त फरार बताए जा रहे हैं जिनकी तलाश जारी हैं।


Body:केरल निवासी अब्दुल शकूर के हत्याकांड मामलें में गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी मोहम्मद आशिक से पूछताछ में जानकारी सामने आई कि आरोपी अपनी बीबीए की पढ़ाई छोड़ कर क्रिप्टोकरंसी के मास्टरमाइंड अब्दुल शकूर के संपर्क में केरल से आया। ज्यादा रुपए कमाने की लालच में आरोपी बिटकॉइन के धंधे में शकूर की दो कंपनियों में हिस्सेदार बना। शुरुआती समय में आरोपी आशिक द्वारा एक नेटवर्क बनाकर बिटकॉइन्स के धंधे में करोड़ों का मुनाफा लिया गया। इतना ही नहीं आरोपी आशिक द्वारा केरल निवासी आफताब फारिस सुशील और यासीन को बिटकॉइन के नेटवर्क में जोड़कर 13 करोड रुपए का निवेश भी किया गया। कुछ समय बाद निवेशकों का देनदारी अधिक होने पर बिटकॉइन मास्टरमाइंड शकूर सहित नेटवर्क के लोग केरल से देश के अलग-अलग हिस्सों में फरार हो गए। गिरफ्तार मोहम्मद आशिक के मुताबिक बिटकॉइन के मास्टरमाइंड संचालक अब्दुल शकूर के पास कई सौ करोड़ के बिटकॉइन का पासवर्ड था जिसको हासिल करने के चलते नेटवर्क के अन्य साथी अरशद मुनीर हिसाब आफताब वारिस अनसेफ सुशील अरविंद जैसे लोगों ने बिटकॉइन का पासवर्ड हासिल करने के लिए देहरादून के मांडू वाला में अब्दुल शकूर को लाकर मौत के घाट उतारा।

उत्तराखंड में क्रिप्टोकरंसी को लेकर अभी शिकायत नहीं हैं, केरल पुलिस को जानकारियां साझा की जा रही है: एसएसपी देहरादून

इस मामले में देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी का कहना है कई सौ करोड़ की क्रिप्टो करेंसी मामले में केरल निवासी अब्दुल शकूर के हत्या आरोपी 5 केरल निवासी अभियुक्तों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अभी इस मामलें में फरार चल रहा मोहम्मद आसिफ मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, इसके अलावा चार लोग अन्य फरार चल रहे हैं जिनकी तलाश चल रही है। एसएसपी जोशी के मुताबिक अभी तक उत्तराखंड क्रिप्टो करेंसी हड़पने को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है, हालांकि केरल राज्य कई शिकायतें वहां की पुलिस को मिल रही है, जिसके लिए देहरादून पुलिस उनको जरूरत अनुसार मदद कर रही हैं।

बाइट- अरुण मोहन जोशी, एसएसपी देहरादून


Conclusion:बता दें कि, देश विदेश में वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन्स का कई सौ करोड़ का व्यापार करने वाले अब्दुल शकूर की हत्या वर्चुअल करेंसी का पासवर्ड हासिल करने के चलते उसके साथियों द्वारा देहरादून के मंडुवाला में कई दिन तक प्रताड़ित देकर मौत के घाट उतारा गया था। 28 अगस्त 2019 को मृतक अब्दुल शकूर को उसके कई साथियों द्वारा देहरादून के राजपुर रोड स्थित एक हॉस्पिटल में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। घटना के बाद से मृतक के साथी फरार थे, पुलिस ने इस हत्याकांड मामले में फरार पांच अभियुक्त- फारिस ममनून पुत्र अब्दुल्लाह अबुलन, अरविंद सी0 पुत्र रविंद्र सी0, आसिफ पुत्र शौकत अली,सुफ़ेल मुख्तार पुत्र मोहम्मद अली और आफताब मोहम्मद पुत्र सादिक पी0 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सभी आरोपी मूल रूप से केरल राज्य के रहने वाले हैं।
Last Updated : Oct 29, 2019, 7:23 PM IST
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