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नाबालिग के अपहरण और बलात्कार मामले में पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई सात साल की सजा

पॉक्सो कोर्ट की विशेष अदालत ने नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार मामले में दोषी को सात साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दस हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.

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अपहरण और बलात्कार मामले में पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा
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Published : Jan 9, 2020, 8:37 PM IST

Updated : Jan 9, 2020, 10:03 PM IST

देहरादून: नए साल के पहले फैसले में पॉक्सो कोर्ट की विशेष न्यायाधीश रमा पांडे की अदालत ने नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार मामले में आरोपी को सात साल के कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा दोषी पर दस हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. जुर्माने की राशि का भुगतान न करने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

अपहरण और बलात्कार मामले में पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा

पॉक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने बताया कि दोषी मुन्ना प्रसाद मूल रूप से नालंदा (बिहार) का रहने वाला है. उन्होंने बताया दोषी शादीशुदा और दो बच्चों का पिता भी है.

पढ़ें-बर्फ की सफेद चादर से ढकी सरोवर नगरी, रास्ते बंद

भरत सिंह नेगी के मुताबिक, इस मामले में दोषी के खिलाफ आठ गवाह एफएसएल व मेडिकल रिपोर्ट, पीड़िता के 164 के बयान और अन्य तरह के पर्याप्त सबूत कोर्ट में पेश किये गये. जिनसे साबित हुआ की दोषी ने ही इस घटना को अंजाम दिया है.

पढ़ें-भारी बर्फबारी ने लगाई उत्तराखंड की रफ्तार पर ब्रेक, कई इलाकों में टूटा रिकॉर्ड

ये मामला देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र का था. 28 अप्रैल 2017 को नाबालिग लड़की अपनी मौसी के घर गई थी. इसी दौरान नालंदा के रहने वाले मुन्ना प्रसाद ने उसे वहां से अगवा कर बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था. इस मामले में लड़की के लापता होने के बाद पुलिस ने एक जून 2017 को रुड़की के भगवानपुर इलाके से अभियुक्त मुन्ना प्रसाद के कब्जे से लड़की को बरामद किया गया था.

देहरादून: नए साल के पहले फैसले में पॉक्सो कोर्ट की विशेष न्यायाधीश रमा पांडे की अदालत ने नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार मामले में आरोपी को सात साल के कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा दोषी पर दस हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. जुर्माने की राशि का भुगतान न करने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

अपहरण और बलात्कार मामले में पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा

पॉक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने बताया कि दोषी मुन्ना प्रसाद मूल रूप से नालंदा (बिहार) का रहने वाला है. उन्होंने बताया दोषी शादीशुदा और दो बच्चों का पिता भी है.

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भरत सिंह नेगी के मुताबिक, इस मामले में दोषी के खिलाफ आठ गवाह एफएसएल व मेडिकल रिपोर्ट, पीड़िता के 164 के बयान और अन्य तरह के पर्याप्त सबूत कोर्ट में पेश किये गये. जिनसे साबित हुआ की दोषी ने ही इस घटना को अंजाम दिया है.

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ये मामला देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र का था. 28 अप्रैल 2017 को नाबालिग लड़की अपनी मौसी के घर गई थी. इसी दौरान नालंदा के रहने वाले मुन्ना प्रसाद ने उसे वहां से अगवा कर बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था. इस मामले में लड़की के लापता होने के बाद पुलिस ने एक जून 2017 को रुड़की के भगवानपुर इलाके से अभियुक्त मुन्ना प्रसाद के कब्जे से लड़की को बरामद किया गया था.

Intro:summary-16 साल की नाबालिक को अपहरण कर दुष्कर्म मामले में दोषी अभियुक्त को 7 साल की कठोर सजा, देहरादून पॉक्सो कोर्ट से नए साल की पहली सजा का फ़ैसला।


देहरादून की विशेष पॉक्सो कोर्ट से नए साल में पहले सजा का फैसला सामने आया है। पॉक्सो कोर्ट की विशेष न्यायाधीश रमा पांडे की अदालत ने 16 साल की नाबालिक लड़की को अपहरण करने के बाद बलात्कार के मामले में बिहार निवासी मुन्ना प्रसाद नाम के अभियुक्त को दोषी करार देते हुए 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं दोषी अभियुक्त पर 10 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि अदा न करने पर दोषी को 1 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। पॉक्सो कोर्ट शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी के मुताबिक मूल रूप से नालंदा बिहार का रहने वाला दोषी मुन्ना प्रसाद घटना कारित के समय शादीशुदा दो बच्चों का पिता था।




Body: दोषी के खिलाफ कोर्ट में सभी साक्ष्य साबित हुए: सरकारी अधिवक्ता

देहरादून पॉक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी के मुताबिक इस मामले में दोषी अभियुक्त के खिलाफ 8 गवाह एफएसएल व मेडिकल रिपोर्ट पीड़िता के 164 के बयान और अन्य तरह के पर्याप्त साक्ष्य सबूत को कोर्ट में साबित किया गया। कानूनी प्रक्रिया कोर्ट में पूरी होने के बाद गुरुवार पोक्सो कोर्ट रमा पांडे की अदालत ने अभियुक्त मुन्ना प्रसाद को दोषी करार देते हुए पोक्सो एक्ट के तहत 7 साल की सजा और 10 हजार का जुर्माना लगाया है।


मामला देहरादून के थाना रायपुर क्षेत्र में 28 अप्रैल 2017 का है,जब पीड़ित परिवार की 16 साल की नाबालिक लड़की अपनी मौसी के घर गई थी। वहां से बिहार नालंदा निवासी अभियुक्त मुन्ना प्रसाद ने उसे अगवा कर बलात्कार की घटना को अंजाम दिया. इस मामले में लड़की के लापता होने के बाद पुलिस ने 1 जून 2017 को रुड़की के भगवानपुर इलाके से अभियुक्त मुन्ना प्रसाद के कब्जे से लड़की को बरामद किया।



Conclusion:नाबालिग से दुष्कर्म की घटना 2017 की होने के चलते दोषी को मिला सजा कम का फायदा

वही इस फैसले के संबंध में देहरादून पॉक्सो कोर्ट में पीड़ित पक्ष की तरफ से पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने बताया कि यह मामला वर्ष 2017का होने के चलते दोषी को कम से कम 7 साल की सजा हुई है, जबकि अप्रैल 2018 में संशोधित हुए पोक्सो एक्ट के मुताबिक नाबालिक बच्चियों के साथ दुष्कर्म मामले में कम से कम सजा अब 20 साल पोस्को कोर्ट से मुकर्रर है। ऐसे में यह दुष्कर्म की घटना वर्ष 2017 की होने के चलते दोषी को कम सजा मिलने का फायदा मिला।

बाईट- भरत सिंह नेगी, शासकीय अधिवक्ता, पोक्सो कोर्ट देहरादून
Last Updated : Jan 9, 2020, 10:03 PM IST
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