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स्ट्रीट वेंडरों के लिए संजीवनी साबित हो रही 'स्वनिधि योजना', अबतक 11 हजार से ज्यादा लाभान्वित

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत पूरे देश में रेहड़ी-पटरी दिया फिर ठेला लगाने वाले छोटे व्यापारियों को 10 हजार का लोन दिया जा रहा है, जिसको लेकर उत्तराखंड के छोटे व्यापारियों में काफी खुश नजर आ रहे हैं और इस लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं. आइये जानते हैं.... क्या है ये योजना और कैसे करें लोन के लिए आवेदन.

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Published : Dec 2, 2020, 7:04 PM IST

Updated : Dec 2, 2020, 8:23 PM IST

Dehradun Street Vendor
देहरादून स्ट्रीट वेंडर

देहरादून: उत्तराखंड शहरी विकास विभाग के अनुसार राज्य में 20 हजार से ज्यादा रेहड़ी पटरी का काम करने वाले छोटे व्यापारी हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत टारगेट किया गया है. तो वहीं, इस योजना के माध्यम से सरकार का लॉकडाउन में प्रभावित हुए छोटे व्यापारियों को राहत देना पहली प्राथमिकता है. ऐसे में सरकार छोटे व्यापारियों को उनका व्यापार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 10 हजार रुपए का लोन दे रही है. खास बात ये है कि इस योजना में लोन लेने वाले छोटे व्यापारी को ब्याज में 7 फीसदी की छूट केंद्र सरकार दे रही है और 2 फीसदी की छूट राज्य सरकार दे रही है. इस योजना के तहत लोन वाले व्यापारियों को तकरीबन 9 फीसदी की छूट मिलेगी.

स्ट्रीट वेंडरों के लिए संजीवनी साबित हो रही 'स्वनिधि योजना'.

कैसे करें आवेदन ?

नगर पालिका या फिर नगर निगम क्षेत्र में आने वाले सभी चिन्हित स्ट्रीट वेंडर्स को इस योजना के तहत लोन पाने के लिए ऑनलाइन पीएम स्वनिधि योजना के पोर्टल पर अप्लाई करना होगा, जिसके लिए नगर निगम स्तर पर कई कैंप लगाए जा रहे हैं. कम्युनिटी सर्विस सेंटर में भी इस योजना के तहत ऑनलाइन अप्लाई किया जा रहा है. आधार कार्ड के माध्यम से इस योजना में आवेदन करने वाले स्ट्रीट वेंडर का वेरिफिकेशन किया जाएगा, जिसके बाद उसे बेहद आसान प्रक्रिया के तहत 10 हजार का लोन दिया जाएगा, जिसके भुगतान की अवधि सिर्फ एक साल रखी गई है. अगर कोई व्यापारी एक साल पहले इस लोन को चुका देता है, तो वह इससे बड़े लोन के लिए भी आवेदन कर सकता है.

नए वेंडर ऐसे कर सकते हैं आवेदन

हाल ही में अपने किसी दूसरे व्यवसाय से स्ट्रीट वेंडर के रूप में काम शुरू करने वाले वो लोग जो कि नगर निगम द्वारा चिन्हित नहीं किए गए हैं, वह भी इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं. उन्हें पहले नगर निगम में एलओआर यानी लेटर आफ रिकमेंडेशन के लिए अप्लाई करना होगा. उसके बाद पीएम स्वनिधि योजना में लोन के लिए अप्लाई करना होगा. यह प्रक्रिया नगर निगम के माध्यम से बेहद सरल बनाई जा रही है, जिसमें सभी को लोन के लिए आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं.

शहरी विकास विभाग के सर्वेक्षण के आंकड़ों पर एक नजर-

Dehradun Street Vendor
शहरी विकास विभाग के आंकड़े.

ताजा आंकड़ों के अनुसार सभी 13 जिलों में 13004 स्ट्रीट वेंडर ऐसे हैं, जो कि प्रधानमंत्री स्वनिधि स्कीम के तहत लोन लेना चाहते हैं, इसके अलावा बाकी स्ट्रीट वेंडर ऐसे हैं जो अन्य योजनाओं के अधीन हैं या फिर वह लोन नहीं लेना चाहते हैं. इस तरह से प्रदेश में 13004 पात्र स्ट्रीट वेंडर में से 11666 स्ट्रीट वेंडर ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, जिसमें से 5473 लोगों के लोन सेंक्शन हो चुके हैं और 4,057 वेंडर्स को बैंकों द्वारा लोन दिया भी जा चुका है.

प्रदेश में उधम सिंह नगर जिला सबसे आगे

पूरे प्रदेश में प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स योजना के तहत लोन लेने में उधम सिंह नगर जिला सबसे आगे है, जहां पर 3,158 लोगों ने आवेदन किया है. इनमें से 1,374 लोगों का लोन स्वीकृत हो चुका है, जिसमें से 812 लोगों को बैंक द्वारा लोन दिया भी जा चुका है.

पढ़ें- पूर्व सैनिकों की मांग होगी पूरी, खटीमा में खुलेगी आर्मी कैंटीन

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स स्कीम का मकसद

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना का मकसद है कि कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की वजह जिन लोगों का रोजगार छिन गया, उनकी मदद की जाए. ऐसे में पहले से चिन्हित पटरी व्यापारियों की जानकारी सभी नगर निगमों के पास उपलब्ध थी, लेकिन जो लोग हाल ही में प्रभावित हुए हैं और उन्होंने रेहड़ी पटरी लगानी शुरू की है. उनको भी इस योजना में लाभ मिल सके, इसके लिए सुविधा की गई है. एलओआर यानी लेटर ऑफ रिकमेंडेशन की सुविधा आसानी से ऐसे छोटे व्यापारियों को उपलब्ध कराई जा रही है.

उत्तराखंड में इस तरह से प्रभावित होने के बाद इस व्यापार में आने वाले छोटे व्यापारियों की बात की जाए तो 6179 आवेदन ऐसे आये हैं, जो कि लेटर आफ रिकमेंडेशन से हैं. यानी पटरी व्यापारियों में यह वह लोग हैं, जिन्होंने लॉकडाउन और कोविड-19 के बाद इस व्यवसाय को चुना है.

पढ़ें- Pfizer-BioNTech की कोविड वैक्सीन को मिली यूके की मंजूरी

स्ट्रीट वेंडर्स के खिले चेहरे

राजधानी देहरादून की बात करें तो देहरादून में पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन लेने के लिए स्ट्रीट वेंडरों में बेहद उत्साह देखने को मिल रहा है. शहर के अलग-अलग इलाकों से लोग लोन लेने के लिए नगर निगम पहुंच रहे हैं. लोगों का यह कहना है कि लॉकडाउन में उनके काम पर बेहद बुरा असर पड़ा है और इस लोन से उनके काम को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

देहरादून मेहर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि जिस तरह से लॉकडाउन के चलते छोटे व्यापारियों पर बुरा असर पड़ा है. सबसे ज्यादा असर रेहड़ी-पटरी वालों पर पड़ा है. ऐसे में सरकार उनकी मदद कर रही है. केंद्र सरकार ने स्ट्रीट वेंडर लोन स्कीम निकाली है, जिसके तहत उनको 10 हजार रुपये का लोन दिया जा रहा है. इसके प्रति छोटे व्यापारियों में काफी रुझान देखने को मिल रहा है.

उन्होंने बताया कि देहरादून में छोटे व्यापारियों का इस योजना के प्रति बेहद ज्यादा अच्छा रुझान देखने को मिला है. उनके द्वारा वृहद स्तर पर इस योजना के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं और इस योजना में रोजाना सैकड़ों की संख्या में आवेदन आ रहे हैं. तो वहीं इसके अलावा इस योजना पर राजनीति का कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है.

विपक्षी भी कर रहे योजना की तारीफ

देहरादून नगर निगम में कांग्रेस के सभासद प्रतिनिधि दीप बोरा का कहना है कि यह योजना सभी के लिए बेहतर काम कर रही है और इससे गरीब तबके के लोगों को लाभ मिल रहा है.

कुल मिलाकर कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में जिन लोगों की नौकरी चली गयी या उनका व्यवसाय ठप हो गया, उन लोगों की सरकार मदद कर रही है. प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत लोगों को लोन दिया जा रहा है, जिसका ब्याज न के बराबर है. इस योजना के स्ट्रीट वेंडरों के चेहरे खिल गए हैं.

देहरादून: उत्तराखंड शहरी विकास विभाग के अनुसार राज्य में 20 हजार से ज्यादा रेहड़ी पटरी का काम करने वाले छोटे व्यापारी हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत टारगेट किया गया है. तो वहीं, इस योजना के माध्यम से सरकार का लॉकडाउन में प्रभावित हुए छोटे व्यापारियों को राहत देना पहली प्राथमिकता है. ऐसे में सरकार छोटे व्यापारियों को उनका व्यापार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 10 हजार रुपए का लोन दे रही है. खास बात ये है कि इस योजना में लोन लेने वाले छोटे व्यापारी को ब्याज में 7 फीसदी की छूट केंद्र सरकार दे रही है और 2 फीसदी की छूट राज्य सरकार दे रही है. इस योजना के तहत लोन वाले व्यापारियों को तकरीबन 9 फीसदी की छूट मिलेगी.

स्ट्रीट वेंडरों के लिए संजीवनी साबित हो रही 'स्वनिधि योजना'.

कैसे करें आवेदन ?

नगर पालिका या फिर नगर निगम क्षेत्र में आने वाले सभी चिन्हित स्ट्रीट वेंडर्स को इस योजना के तहत लोन पाने के लिए ऑनलाइन पीएम स्वनिधि योजना के पोर्टल पर अप्लाई करना होगा, जिसके लिए नगर निगम स्तर पर कई कैंप लगाए जा रहे हैं. कम्युनिटी सर्विस सेंटर में भी इस योजना के तहत ऑनलाइन अप्लाई किया जा रहा है. आधार कार्ड के माध्यम से इस योजना में आवेदन करने वाले स्ट्रीट वेंडर का वेरिफिकेशन किया जाएगा, जिसके बाद उसे बेहद आसान प्रक्रिया के तहत 10 हजार का लोन दिया जाएगा, जिसके भुगतान की अवधि सिर्फ एक साल रखी गई है. अगर कोई व्यापारी एक साल पहले इस लोन को चुका देता है, तो वह इससे बड़े लोन के लिए भी आवेदन कर सकता है.

नए वेंडर ऐसे कर सकते हैं आवेदन

हाल ही में अपने किसी दूसरे व्यवसाय से स्ट्रीट वेंडर के रूप में काम शुरू करने वाले वो लोग जो कि नगर निगम द्वारा चिन्हित नहीं किए गए हैं, वह भी इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं. उन्हें पहले नगर निगम में एलओआर यानी लेटर आफ रिकमेंडेशन के लिए अप्लाई करना होगा. उसके बाद पीएम स्वनिधि योजना में लोन के लिए अप्लाई करना होगा. यह प्रक्रिया नगर निगम के माध्यम से बेहद सरल बनाई जा रही है, जिसमें सभी को लोन के लिए आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं.

शहरी विकास विभाग के सर्वेक्षण के आंकड़ों पर एक नजर-

Dehradun Street Vendor
शहरी विकास विभाग के आंकड़े.

ताजा आंकड़ों के अनुसार सभी 13 जिलों में 13004 स्ट्रीट वेंडर ऐसे हैं, जो कि प्रधानमंत्री स्वनिधि स्कीम के तहत लोन लेना चाहते हैं, इसके अलावा बाकी स्ट्रीट वेंडर ऐसे हैं जो अन्य योजनाओं के अधीन हैं या फिर वह लोन नहीं लेना चाहते हैं. इस तरह से प्रदेश में 13004 पात्र स्ट्रीट वेंडर में से 11666 स्ट्रीट वेंडर ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, जिसमें से 5473 लोगों के लोन सेंक्शन हो चुके हैं और 4,057 वेंडर्स को बैंकों द्वारा लोन दिया भी जा चुका है.

प्रदेश में उधम सिंह नगर जिला सबसे आगे

पूरे प्रदेश में प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स योजना के तहत लोन लेने में उधम सिंह नगर जिला सबसे आगे है, जहां पर 3,158 लोगों ने आवेदन किया है. इनमें से 1,374 लोगों का लोन स्वीकृत हो चुका है, जिसमें से 812 लोगों को बैंक द्वारा लोन दिया भी जा चुका है.

पढ़ें- पूर्व सैनिकों की मांग होगी पूरी, खटीमा में खुलेगी आर्मी कैंटीन

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स स्कीम का मकसद

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना का मकसद है कि कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की वजह जिन लोगों का रोजगार छिन गया, उनकी मदद की जाए. ऐसे में पहले से चिन्हित पटरी व्यापारियों की जानकारी सभी नगर निगमों के पास उपलब्ध थी, लेकिन जो लोग हाल ही में प्रभावित हुए हैं और उन्होंने रेहड़ी पटरी लगानी शुरू की है. उनको भी इस योजना में लाभ मिल सके, इसके लिए सुविधा की गई है. एलओआर यानी लेटर ऑफ रिकमेंडेशन की सुविधा आसानी से ऐसे छोटे व्यापारियों को उपलब्ध कराई जा रही है.

उत्तराखंड में इस तरह से प्रभावित होने के बाद इस व्यापार में आने वाले छोटे व्यापारियों की बात की जाए तो 6179 आवेदन ऐसे आये हैं, जो कि लेटर आफ रिकमेंडेशन से हैं. यानी पटरी व्यापारियों में यह वह लोग हैं, जिन्होंने लॉकडाउन और कोविड-19 के बाद इस व्यवसाय को चुना है.

पढ़ें- Pfizer-BioNTech की कोविड वैक्सीन को मिली यूके की मंजूरी

स्ट्रीट वेंडर्स के खिले चेहरे

राजधानी देहरादून की बात करें तो देहरादून में पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन लेने के लिए स्ट्रीट वेंडरों में बेहद उत्साह देखने को मिल रहा है. शहर के अलग-अलग इलाकों से लोग लोन लेने के लिए नगर निगम पहुंच रहे हैं. लोगों का यह कहना है कि लॉकडाउन में उनके काम पर बेहद बुरा असर पड़ा है और इस लोन से उनके काम को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

देहरादून मेहर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि जिस तरह से लॉकडाउन के चलते छोटे व्यापारियों पर बुरा असर पड़ा है. सबसे ज्यादा असर रेहड़ी-पटरी वालों पर पड़ा है. ऐसे में सरकार उनकी मदद कर रही है. केंद्र सरकार ने स्ट्रीट वेंडर लोन स्कीम निकाली है, जिसके तहत उनको 10 हजार रुपये का लोन दिया जा रहा है. इसके प्रति छोटे व्यापारियों में काफी रुझान देखने को मिल रहा है.

उन्होंने बताया कि देहरादून में छोटे व्यापारियों का इस योजना के प्रति बेहद ज्यादा अच्छा रुझान देखने को मिला है. उनके द्वारा वृहद स्तर पर इस योजना के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं और इस योजना में रोजाना सैकड़ों की संख्या में आवेदन आ रहे हैं. तो वहीं इसके अलावा इस योजना पर राजनीति का कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है.

विपक्षी भी कर रहे योजना की तारीफ

देहरादून नगर निगम में कांग्रेस के सभासद प्रतिनिधि दीप बोरा का कहना है कि यह योजना सभी के लिए बेहतर काम कर रही है और इससे गरीब तबके के लोगों को लाभ मिल रहा है.

कुल मिलाकर कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में जिन लोगों की नौकरी चली गयी या उनका व्यवसाय ठप हो गया, उन लोगों की सरकार मदद कर रही है. प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत लोगों को लोन दिया जा रहा है, जिसका ब्याज न के बराबर है. इस योजना के स्ट्रीट वेंडरों के चेहरे खिल गए हैं.

Last Updated : Dec 2, 2020, 8:23 PM IST
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