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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का बड़ा फैसला, अब उत्तराखंड के सभी होटलों को लेनी होगी NOC - Uttarakhand News

पीसीबी ने प्रदेश के सभी होटल, धर्मशालाओं को नोटिस जारी किया है. जिसके तहत अब प्रदेश के सभी होटल और धर्मशालाओं के संचालन के लिए पीसीबी से NOC लेना अनिवार्य होगा.

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सभी होटल, धर्मशालाओं को पीसीबी ने जारी किया नोटिस
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Published : Feb 7, 2020, 6:54 PM IST

देहरादून: प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण को लेकर अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है. उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी पीसीबी की ओर से प्रदेश के सभी आश्रम ,धर्मशालाओं और होटल संचालकों को नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस के तहत प्रदेश में संचालित होने वाले सभी आश्रम, होटल और धर्मशालाओं को प्रदूषण नियंत्रण के मद्देनजर पीसीबी से अनिवार्य रूप से एनओसी लेनी होगी.

मामले में मुख्य पर्यावरण अधिकारी सुदर्शन एस. पाल ने बताया कि प्रदेश में कुल 2600 होटल, धर्मशाला और आश्रम संचालित हो रहे हैं. इन सभी को अब एनओसी लेनी होगी. वहीं जिन्होंने अब तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी नहीं ली है वे 31 मार्च तक एनओसी ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा न करने वालों को खिलाफ जल अधिनियम की धारा 33 (ए) के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का बड़ा फैसला.

पढ़ें-कोटद्वार में नहीं थम रहा खनन माफिया का आतंक, पूर्व सैनिक पर किया जानलेवा हमला

आपको बता दें कि प्रदेश में संचालित होने वाले सभी होटल, धर्मशाला संचालक पीसीबी की वेबसाइट पर जाकर एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. पीसीबी से 31 मार्च 2020 तक एनओसी न लेने की स्थिति में जुर्माने के तौर पर 5000 रुपए वसूले जाएंगे.

देहरादून: प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण को लेकर अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है. उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी पीसीबी की ओर से प्रदेश के सभी आश्रम ,धर्मशालाओं और होटल संचालकों को नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस के तहत प्रदेश में संचालित होने वाले सभी आश्रम, होटल और धर्मशालाओं को प्रदूषण नियंत्रण के मद्देनजर पीसीबी से अनिवार्य रूप से एनओसी लेनी होगी.

मामले में मुख्य पर्यावरण अधिकारी सुदर्शन एस. पाल ने बताया कि प्रदेश में कुल 2600 होटल, धर्मशाला और आश्रम संचालित हो रहे हैं. इन सभी को अब एनओसी लेनी होगी. वहीं जिन्होंने अब तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी नहीं ली है वे 31 मार्च तक एनओसी ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा न करने वालों को खिलाफ जल अधिनियम की धारा 33 (ए) के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का बड़ा फैसला.

पढ़ें-कोटद्वार में नहीं थम रहा खनन माफिया का आतंक, पूर्व सैनिक पर किया जानलेवा हमला

आपको बता दें कि प्रदेश में संचालित होने वाले सभी होटल, धर्मशाला संचालक पीसीबी की वेबसाइट पर जाकर एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. पीसीबी से 31 मार्च 2020 तक एनओसी न लेने की स्थिति में जुर्माने के तौर पर 5000 रुपए वसूले जाएंगे.

Intro:देहरादून- उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी पीसीबी की ओर से प्रदेश के सभी आश्रम ,धर्मशालाओं और होटल संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस के तहत प्रदेश में संचालित होने वाले सभी आश्रम, होटल और धर्मशालाओं को प्रदूषण नियंत्रण के मद्दे नजर पीसीबी ( pollution control Board) से अनिवार्य रूप से एनओसी लेनी होगी ।




Body:गौरतलब है कि होटल, धर्मशाला और आश्रमों को दिए गई इस नोटिस के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य पर्यावरण अधिकारी सुदर्शन एस पाल ने बताया कि प्रदेश में कुल 2600 होटल, धर्मशालाओं , और आश्रम संचालित हो रहे हैं । जिसमें से सोना चौक से होटल धर्मशाला और आश्रम है जिन्होंने अब तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी नहीं ली है ऐसे में यदि आगामी 31 मार्च तक भी यह सभी व्यापारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी नहीं लेते तो उनके खिलाफ जल अधिनियम की धारा 33 (ए) के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी ।

यहां की जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश में संचालित होने वाले सभी होटल आशीर्वाद धर्मशाला संचालक पीसीबी की वेबसाइट में जाकर एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं । पीसीबी से 31 मार्च 2020 तक नौसेना लेने की स्थिति पर जुर्माने के तौर पर 5000 रुपए वसूले जाएंगे





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