देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की वोटिंग 14 फरवरी को संपन्न हो चुकी है. 10 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम आएगा. चुनाव परिणाम आने से पहले सभी दलों और हर प्रत्याशी की धड़कन बढ़ी हुई है. पार्टियां और प्रत्याशी हार-जीत और वोट मिलने का गुणा-भाग करने में लगे हैं. इस बीच रह-रहकर बीजेपी और कांग्रेस पार्टियों के नेता अपनी जीत का दावा भी कर देते हैं. हम आज आपको उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से जुड़ा एक ऐसा मिथक या यों कहें कि ट्रेंड बताते हैं जिसने पिछले चार चुनावों में बारी-बारी से सत्ता हासिल करने वाली बीजेपी और कांग्रेस की हार-जीत में कैसी भूमिका निभाई.
उत्तराखंड में वोट प्रतिशत है निर्णायक फॉर्मूला: उत्तराखंड में वोट प्रतिशत ने पिछले चार चुनावों में सरकार बनाने और गिराने में अहम भूमिका निभाई है. उत्तराखंड के 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव से लेकर 2017 तक हुए चौथे विधानसभा चुनाव तक वोट प्रतिशत ही निर्णायक साबित हुआ.
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2002 में कांग्रेस का मत प्रतिशत बढ़ा, सरकार बनाई: 2002 में अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहले विधानसभा चुनाव हुए थे. बीजेपी को उम्मीद थी कि उनके समय में उत्तराखंड (तब उत्तरांचल) अलग राज्य बना है तो उनकी सरकार ही बनेगी. लेकिन हुआ इसके उलट. कांग्रेस ने चुनावी बाजी जीत ली थी.
2002 में कांग्रेस को मिले थे 26.91 फीसदी वोट: 2002 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में अंतरिम सरकार चलाने वाली बीजेपी को 25.45 प्रतिशत वोट मिले थे. पहला चुनाव जीतने वाली कांग्रेस को 26.91 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे. इस तरह उत्तराखंड में पहली चुनी गई सरकार कांग्रेस की बनी थी.
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2007 में बीजेपी को मिले 31.90 प्रतिशत वोट: उत्तराखंड के दूसरे विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सरकार बनाई थी. बीजेपी को इस चुनाव में 31.90 प्रतिशत वोट मिले थे. सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस को करीब 2 फीसदी कम यानी 29.59 प्रतिशत वोट मिले थे. इस तरह उत्तराखंड के दूसरे चुनाव से ही ये ट्रेंड सेट हो गया कि हर चुनाव में सत्ता बदलेगी.
2012 के चुनाव में कांग्रेस को मिले 33.79 फीसदी वोट: 2012 का विधानसभा चुनाव उत्तराखंड का सबसे रोचक चुनाव था. इस चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. हालांकि कांग्रेस मामूली अंतर से मत प्रतिशत में आगे थी. कांग्रेस को 33.79 फीसदी वोट मिले थे. बीजेपी थोड़े अंतर से पीछे रही और उसे 33.13 फीसदी मत मिले थे. कांग्रेस की एक सीट ज्यादा थी. कांग्रेस ने बसपा और निर्दलियों के साथ मिलकर सरकार बना ली थी.
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2017 में मोदी की आंधी में उड़ गई थी कांग्रेस: 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस हर तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंधी में उड़ गई थी. इस चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ हो गया था. राज्य की 70 में से कांग्रेस को सिर्फ 11 सीटें मिली थीं. बीजेपी ने 57 सीटें जीत ली थीं. बीजेपी का मत प्रतिशत 46.51 था. कांग्रेस सिर्फ 33.49 फीसदी मत ही पा सकी थी. हालांकि 2012 के चुनाव से तुलना की जाए तो ये बुरा नहीं था. लेकिन बसपा, यूकेडी और निर्दलियों का इस चुनाव में बुरा हाल था.
इस बार किसका बढ़ेगा मत प्रतिशत ? : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मतदान 14 फरवरी को हो चुका है. प्रत्याशियों के राजनीतिक भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो चुका है. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव परिणाम 10 मार्च को घोषित होंगे. लेकिन तब तक सभी पार्टियां और प्रत्याशी मत प्रतिशत का ही गुणा-भाग करने में लगे हैं. अनुमान और आकलन पर ही 10 मार्च तक उत्तराखंड की राजनीतिक चर्चा चलती रहेगी.
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