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सामूहिक अवकाश पर गए कर्मचारियों के वेतन में हो सकती है कटौती, सरकार कर रही मंथन

31 जनवरी को राज्य कर्मचारियों द्वारा किए गए सामूहिक अवकाश पर राज्य सरकार उनके वेतन में कटौती करने पर मंथन कर रही है.

सामूहिक अवकाश पर गए कर्मचारी.
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Published : Feb 6, 2019, 10:26 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य को हड़ताली प्रदेश से उभारने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने 'नो वर्क, नो पे' का नियम लागू किया था. 31 जनवरी को राज्य कर्मचारियों द्वारा किए गए सामूहिक अवकाश पर राज्य सरकार उनके वेतन में कटौती करने पर मंथन कर रही है. वहीं मुख्य सचिव उत्पल कुमार का कहना है कि हर पहलू को देखने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

सामूहिक अवकाश पर गए कर्मचारी.
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उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारी आए दिन किसी न किसी मांग को लेकर हड़ताल पर रहते हैं. लेकिन राज्य सरकार ने यह साफ कर दिया था कि हड़ताल से आम जनता को परेशान नहीं होने दिया जाएगा और जो कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसी को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार ने 'नो वर्क, नो पे' को कैबिनेट से पास किया. जिसमें हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को हड़ताल के दिन का वेतन न देने का फैसला लिया गया था.

पढ़ें: VHP महामंत्री ने अयोध्या मुद्दे पर किया मोदी सरकार का समर्थन

बता दें कि ने 'नो वर्क, नो पे' प्रदेश में पूर्ण रूप से लागू हो चुका है. 31 जनवरी को राज्य कर्मचारियों द्वारा कि गई सामूहिक हड़ताल के बाद अब उन सभी कर्मचारियों पर 'नो वर्क, नो पे' का खतरा मंडरा रहा है. सामूहिक हड़ताल पर गए सभी कर्मचारियों के वेतन कटौती को लेकर शासन स्तर पर मंथन चल रहा है. जिसके चलते कर्मचारियों का वेतन महीना पूरे होने के बाद भी लेट हुआ है.

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पढ़ें: खुशखबरी: चारधाम यात्रा को लेकर टीजीएमओयू ने लिया बड़ा फैसला

इस मामले पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार का कहना है कि हड़ताल से पहले कर्मचारियों को आगाह किया गया था और 'नो वर्क, नो पे' को लेकर निर्देश भी जारी किए गए थे. उन्होंने कहा कि हर पहलू को देखाने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य को हड़ताली प्रदेश से उभारने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने 'नो वर्क, नो पे' का नियम लागू किया था. 31 जनवरी को राज्य कर्मचारियों द्वारा किए गए सामूहिक अवकाश पर राज्य सरकार उनके वेतन में कटौती करने पर मंथन कर रही है. वहीं मुख्य सचिव उत्पल कुमार का कहना है कि हर पहलू को देखने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारी आए दिन किसी न किसी मांग को लेकर हड़ताल पर रहते हैं. लेकिन राज्य सरकार ने यह साफ कर दिया था कि हड़ताल से आम जनता को परेशान नहीं होने दिया जाएगा और जो कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसी को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार ने 'नो वर्क, नो पे' को कैबिनेट से पास किया. जिसमें हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को हड़ताल के दिन का वेतन न देने का फैसला लिया गया था.

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बता दें कि ने 'नो वर्क, नो पे' प्रदेश में पूर्ण रूप से लागू हो चुका है. 31 जनवरी को राज्य कर्मचारियों द्वारा कि गई सामूहिक हड़ताल के बाद अब उन सभी कर्मचारियों पर 'नो वर्क, नो पे' का खतरा मंडरा रहा है. सामूहिक हड़ताल पर गए सभी कर्मचारियों के वेतन कटौती को लेकर शासन स्तर पर मंथन चल रहा है. जिसके चलते कर्मचारियों का वेतन महीना पूरे होने के बाद भी लेट हुआ है.

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इस मामले पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार का कहना है कि हड़ताल से पहले कर्मचारियों को आगाह किया गया था और 'नो वर्क, नो पे' को लेकर निर्देश भी जारी किए गए थे. उन्होंने कहा कि हर पहलू को देखाने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एंकर- उत्तराखंड राज्य को हड़ताली प्रदेश से उभारने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने जो दृढ़ता दिखाई थी अब उसका असर देखने का दौर आ गया है। सत्ता में आते ही हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को सबक सिखाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने जो नो वर्क नो पे का नियम लागू किया था अब उसकी तलवार राज्य कर्मचारियों पर लटक रही है लेकिन फैसला सरकार को लेना है।


Body:वीओ- उत्तराखंड को हड़ताली प्रदेश से उभारने का जिम्मा त्रिवेंद्र सरकार ने अपने कंधों पर उठाया था। राज्य में जब से त्रिवेंद्र सरकार आई है तब से कर्मचारी संगठनों की बेबुनियाद हड़ताल कम देखने को मिली है। इससे पहले राज्य कर्मचारी आए दिन किसी न किसी मांग को लेकर हड़ताल पर रहते थे लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के साथ ही मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया था कि हड़ताल से आम जनता को परेशान नहीं होने दिया जाएगा और कर्मचारी हड़ताल करेंगे तो सरकार उन पर कड़ी कार्रवाई करेगी। इसी को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार ने नो वर्क नो पे को कैबिनेट से पास कर कराते हुए हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को हड़ताल के दिन का वेतन ना देने का ऐतिहासिक फैसला लिया था और अब यह प्रदेश में पूर्ण रूप से भी लागू हो चुका है। अब इस फैसले का खतरा हाल ही में राज्य कर्मचारियों द्वारा सामूहिक हड़ताल 31 जनवरी को की गई सामूहिक हड़ताल के बाद राज्य कर्मचारियों पर मंडरा रहा है। हालांकि 31 तारीख को हुए सामूहिक हड़ताल के दिन का वेतन कटौती को लेकर शासन स्तर पर मंथन चल रहा है और इसी के चलते उत्तराखंड में 18 सालों में पहली बार कर्मचारियों का वेतन महीना पूरे होने के बाद इतना लेट हुआ है। इस पूरे मामले पर मुख्य सचिव का कहना है की हड़ताल से पहले कर्मचारियों को आगाह किया गया था और नो वर्क नो पे को लेकर निर्देश भी जारी किए गए थे। लेकिन इसके बावजूद भी हर पहलू को देखा जाएगा जिसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी

बाइट- उत्पल कुमार सिंह मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार


Conclusion:एके
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