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CM के विधानसभा क्षेत्र में बंदरों का आतंक, महंगे इलाज के मजबूर ग्रामीण

डोइवाला के भानियावाला में बंदरों ने  2 महीने के अंदर एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों को काट लिया है. इसके अलावा कई छोटे बच्चों पर भी बंदरों ने हमला किया है. जिसके कारण अब बच्चे बाहर खेलने और स्कूल जाने से भी डरने लगे हैं. बंदरों के आतंक के कारण इलाके के लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं.

CM के विधानसभा क्षेत्र में बंदरों का आतंक
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Published : Oct 12, 2019, 7:38 PM IST

डोइवाला: सीएम के विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों लोग बंदरों के आतंक से परेशान हैं. भानियावाला में बंदर अब तक बच्चों सहित एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों को काट चुके हैं. जिसके कारण यहां के रहवासियों का जीना मुहाल हो गया है. बंदरों से निपटने के लाख इंतजामों के बावजूद भी इन पर कोई असर नहीं हो रहा है. बंदर आये दिन घरों में घुसकर बच्चों, बुजुर्गों पर हमला कर रहे हैं. जिसके कारण इलाके के लोगों को महंगे इलाज के लिए भी भटकना पड़ रहा है.

CM के विधानसभा क्षेत्र में बंदरों का आतंक.

डोइवाला के भानियावाला में बंदरों ने 2 महीने के अंदर एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों को काट लिया है. इसके अलावा कई छोटे बच्चों पर भी बंदरों ने हमला किया है. जिसके कारण अब बच्चे बाहर खेलने और स्कूल जाने से भी डरने लगे हैं. बंदरों के आतंक के कारण इलाके के लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पहले बंदर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे लेकिन अब बंदर झुंड में घरों में घुसकर बच्चों पर हमला कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बंदर खाने पीने की चीजों को छीन कर खा रहे हैं. एक दर्जन लोगों को बंदर काट चुके हैं और अब ग्रामीण सरकारी हॉस्पिटल में इंजेक्शन न मिलने के कारण प्राइवेट अस्पताल में एंटी रैबिज के इंजेक्शन लगवाने को मजबूर हैं.

पढ़ें-ऑनलाइन चालान भुगतान के नाम पर 48 हजार की ठगी, जांच में जुटी पुलिस

ग्रामीणों का कहना है कि वे इस मामले में कई बार वन विभाग से बात कर चुके हैं लेकिन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. जिसके कारण वे डर के साये में जीने को मजबूर हैं. लच्छीवाला रेंज के रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि बंदरों की शिकायत पर भानियावाला में पिजरा लगाने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि बंदरों को पकड़ने के लिए एक टीम को बुलाया गया है, जो जल्द ही पहुंचकर अपना काम करेगी.

पढ़ें-स्वास्थ्य महकमे में चिकित्सकों का अटैचमेंट बना मजबूरी, दुर्गम में कमी और शहरों में जरूरत

वहीं, सरकारी अस्पताल में इंजेक्शन न मिलने के सवाल पर बोलते हुए डोइवाला स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी के एस भंडारी ने बताया कि लंबे समय से अस्पताल में रैबीज के इंजेक्शन की कमी चल रही है. जिसके कारण आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि एक-दो इंजेक्शन इमरजेंसी के लिए रखे गए हैं.

डोइवाला: सीएम के विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों लोग बंदरों के आतंक से परेशान हैं. भानियावाला में बंदर अब तक बच्चों सहित एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों को काट चुके हैं. जिसके कारण यहां के रहवासियों का जीना मुहाल हो गया है. बंदरों से निपटने के लाख इंतजामों के बावजूद भी इन पर कोई असर नहीं हो रहा है. बंदर आये दिन घरों में घुसकर बच्चों, बुजुर्गों पर हमला कर रहे हैं. जिसके कारण इलाके के लोगों को महंगे इलाज के लिए भी भटकना पड़ रहा है.

CM के विधानसभा क्षेत्र में बंदरों का आतंक.

डोइवाला के भानियावाला में बंदरों ने 2 महीने के अंदर एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों को काट लिया है. इसके अलावा कई छोटे बच्चों पर भी बंदरों ने हमला किया है. जिसके कारण अब बच्चे बाहर खेलने और स्कूल जाने से भी डरने लगे हैं. बंदरों के आतंक के कारण इलाके के लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पहले बंदर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे लेकिन अब बंदर झुंड में घरों में घुसकर बच्चों पर हमला कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बंदर खाने पीने की चीजों को छीन कर खा रहे हैं. एक दर्जन लोगों को बंदर काट चुके हैं और अब ग्रामीण सरकारी हॉस्पिटल में इंजेक्शन न मिलने के कारण प्राइवेट अस्पताल में एंटी रैबिज के इंजेक्शन लगवाने को मजबूर हैं.

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ग्रामीणों का कहना है कि वे इस मामले में कई बार वन विभाग से बात कर चुके हैं लेकिन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. जिसके कारण वे डर के साये में जीने को मजबूर हैं. लच्छीवाला रेंज के रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि बंदरों की शिकायत पर भानियावाला में पिजरा लगाने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि बंदरों को पकड़ने के लिए एक टीम को बुलाया गया है, जो जल्द ही पहुंचकर अपना काम करेगी.

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वहीं, सरकारी अस्पताल में इंजेक्शन न मिलने के सवाल पर बोलते हुए डोइवाला स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी के एस भंडारी ने बताया कि लंबे समय से अस्पताल में रैबीज के इंजेक्शन की कमी चल रही है. जिसके कारण आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि एक-दो इंजेक्शन इमरजेंसी के लिए रखे गए हैं.

Intro:डोईवाला
भानियावाला में बंदरों का आतंक बच्चों सहित एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों को काट चुके हैं बंदर ग्रामीण महंगा इलाज कराने को मजबूर ।

जंगली जानवरों के साथ साथ अब बंदरों ने भी ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है बंदर घरों में घुसकर नुकसान तो कर ही रहे हैं लेकिन अब बच्चों पर हमला भी कर रहे हैं जिससे बच्चे बाहर खेलने के बजाय घरों में कैद होने को मजबूर हैं और स्कूल जाने से भी डर रहे हैं ।

डोईवाला के भानियावाला में इस समय बंदरों के आतंक से ग्रामीण भयभीत हैं 2 महीने के अंदर बंदरों ने एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों को काट लिया है और कई छोटे बच्चों पर भी बंदरों ने हमला कर दिया है जिससे अब बच्चे बाहर खेलने और स्कूल जाने से भी डर रहे हैं और घरों में कैद होने को मजबूर हैं । ग्रामीणों का कहना है कि पहले बंदर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे लेकिन अब तो झुंड के रूप में घरों में घुसकर बच्चों पर हमला कर रहे हैं खाने पीने की चीजों पर झपट्टा मार रहे हैं और एक दर्जन लोगों को बंदर काट चुके हैं और अब ग्रामीण सरकारी हॉस्पिटल में इंजेक्शन ना मिलने से प्राइवेट में महंगे इंजेक्शन लगवाने को मजबूर हो रहे हैं ।


Body:ग्रामीणों का कहना है कि वे अनेकों बार वन विभाग से बंदरों की रोकथाम और पकड़ कर जंगल में छोड़ने के लिए कह चुके हैं लेकिन अभी कोई इस तरह का समाधान नहीं हो पाया है वहीं ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों के भय से बच्चे स्कूल जाने से भी मना कर रहे हैं और घरों में कैद होने को मजबूर हैं वहीं यह बंदर खाने-पीने और कपड़ों को भी तहस-नहस कर रहे हैं जिससे अब भानियावाला के यादव मोहल्ले के ग्रामीण भय के साए में जीवन यापन कर रहे हैं ।


Conclusion:डोईवाला स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी के एस भंडारी ने बताया कि लंबे समय से रेबीज के इंजेक्शन की कमी चल रही है और जिसके चलते आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है उनका कहना है कि एक दो इंजेक्शन इमरजेंसी समय के लिए रखे गए हैं और एक व्यक्ति के लगाने पर पूरा इंजेक्शन खराब हो जाता है जिसके चलते परेशानी आ रही है ।

लच्छीवाला रेंज के रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि बंदरों की शिकायत पर भानियावाला में पिजरा लगाने की व्यवस्था की जा रही है और बंदरों को पकड़ कर जंगल में छोड़े जाने की के लिए बंदर पकड़ने वाली टीम को बुलाया गया है ।

बाईट राज श्री ग्रामीण महिला
बाईट नरेंद्र ग्रामीण
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