डोइवाला: सीएम के विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों लोग बंदरों के आतंक से परेशान हैं. भानियावाला में बंदर अब तक बच्चों सहित एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों को काट चुके हैं. जिसके कारण यहां के रहवासियों का जीना मुहाल हो गया है. बंदरों से निपटने के लाख इंतजामों के बावजूद भी इन पर कोई असर नहीं हो रहा है. बंदर आये दिन घरों में घुसकर बच्चों, बुजुर्गों पर हमला कर रहे हैं. जिसके कारण इलाके के लोगों को महंगे इलाज के लिए भी भटकना पड़ रहा है.
डोइवाला के भानियावाला में बंदरों ने 2 महीने के अंदर एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों को काट लिया है. इसके अलावा कई छोटे बच्चों पर भी बंदरों ने हमला किया है. जिसके कारण अब बच्चे बाहर खेलने और स्कूल जाने से भी डरने लगे हैं. बंदरों के आतंक के कारण इलाके के लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पहले बंदर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे लेकिन अब बंदर झुंड में घरों में घुसकर बच्चों पर हमला कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बंदर खाने पीने की चीजों को छीन कर खा रहे हैं. एक दर्जन लोगों को बंदर काट चुके हैं और अब ग्रामीण सरकारी हॉस्पिटल में इंजेक्शन न मिलने के कारण प्राइवेट अस्पताल में एंटी रैबिज के इंजेक्शन लगवाने को मजबूर हैं.
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ग्रामीणों का कहना है कि वे इस मामले में कई बार वन विभाग से बात कर चुके हैं लेकिन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. जिसके कारण वे डर के साये में जीने को मजबूर हैं. लच्छीवाला रेंज के रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि बंदरों की शिकायत पर भानियावाला में पिजरा लगाने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि बंदरों को पकड़ने के लिए एक टीम को बुलाया गया है, जो जल्द ही पहुंचकर अपना काम करेगी.
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वहीं, सरकारी अस्पताल में इंजेक्शन न मिलने के सवाल पर बोलते हुए डोइवाला स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी के एस भंडारी ने बताया कि लंबे समय से अस्पताल में रैबीज के इंजेक्शन की कमी चल रही है. जिसके कारण आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि एक-दो इंजेक्शन इमरजेंसी के लिए रखे गए हैं.