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प्रदेश के शिक्षकों को मंत्री अरविंद पांडेय ने दी चेतावनी, जानिए पूरा मामला

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Published : Jun 17, 2019, 8:57 PM IST

प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षकों को साफ लब्जों में कहा है कि पहाड़ से मैदान में ट्रांसफर के लिए सिफारिश करना बंद कर दें, नहीं तो सरकार एक्शन लेने से भी नहीं कतराएगी.

प्रदेश के शिक्षकों को मंत्री अरविंद पांडेय ने दी चेतावनी

देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षक अब पहाड़ छोड़कर मैदानी क्षेत्रों में आना चाहते हैं. ऐसे शिक्षकों को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एक बार फिर से चेतावनी दी है. कहा है कि सिफारिश करने वाले बाज आ जाएं, नहीं तो सरकार एक्शन लेने से पीछे नहीं हटेगी.
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि तबादला एक्ट आगामी 25 जून तक प्रभावित है और जब उत्तराखंड पहाड़ी प्रदेश है तो पहाड़ को क्यूं छोंड़े. लेकिन जो लोग अपनी सुविधा के नीचे प्रदेश के नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करने दिया जाएगा.

प्रदेश के शिक्षकों को मंत्री अरविंद पांडेय ने दी चेतावनी


शिक्षा मंत्री पांडेय ने आगे कहा कि जिन्हें ऐसा लगता है कि वो सारे नियम-कानून को ताक पर रखकर प्रदेश और पहाड़ की व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करेंगे और अपने निजी स्वार्थों के तहत सिफारिश के आधार पर पहाड़ में नौकरी करने के बजाय मैदानी जिलों में नौकरी करना चाहते हैं, उन्हें मेरी सख्त हिदायत है कि वे जल्द सुधर जाएं. प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बिल्कुल नहीं होने दिया जाएगा.

पढ़ेंः हरिद्वार नगर निगम में बवाल को 'ठंडा' करने पहुंचे मंत्री मदन कौशिक, कही ये बात


उन्होंने आगे कहा कि कुछ ऐसे नियम है, जिसके तहत गढ़वाल का शिक्षक अगर कुमाऊं में नौकरी कर रहा है तो वह कुमाऊं से गढ़वाल आकर अपनी सेवाएं दे सकता है. इसके लिए शिक्षकों को एक बार के लिए छूट दी गयी है और जिस श्रेणी में है वोउसी श्रेणी में उन्हें विद्यालय दिया जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षक अब पहाड़ छोड़कर मैदानी क्षेत्रों में आना चाहते हैं. ऐसे शिक्षकों को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एक बार फिर से चेतावनी दी है. कहा है कि सिफारिश करने वाले बाज आ जाएं, नहीं तो सरकार एक्शन लेने से पीछे नहीं हटेगी.
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि तबादला एक्ट आगामी 25 जून तक प्रभावित है और जब उत्तराखंड पहाड़ी प्रदेश है तो पहाड़ को क्यूं छोंड़े. लेकिन जो लोग अपनी सुविधा के नीचे प्रदेश के नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करने दिया जाएगा.

प्रदेश के शिक्षकों को मंत्री अरविंद पांडेय ने दी चेतावनी


शिक्षा मंत्री पांडेय ने आगे कहा कि जिन्हें ऐसा लगता है कि वो सारे नियम-कानून को ताक पर रखकर प्रदेश और पहाड़ की व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करेंगे और अपने निजी स्वार्थों के तहत सिफारिश के आधार पर पहाड़ में नौकरी करने के बजाय मैदानी जिलों में नौकरी करना चाहते हैं, उन्हें मेरी सख्त हिदायत है कि वे जल्द सुधर जाएं. प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बिल्कुल नहीं होने दिया जाएगा.

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उन्होंने आगे कहा कि कुछ ऐसे नियम है, जिसके तहत गढ़वाल का शिक्षक अगर कुमाऊं में नौकरी कर रहा है तो वह कुमाऊं से गढ़वाल आकर अपनी सेवाएं दे सकता है. इसके लिए शिक्षकों को एक बार के लिए छूट दी गयी है और जिस श्रेणी में है वोउसी श्रेणी में उन्हें विद्यालय दिया जाएगा.

Intro:summary - अपनी सुविधाओ के लिए नियमो को ताक पर रखने वाले शिक्षकों को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने दी चेतावनी

Intro - उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षक अब पहाड़ छोड़कर मैदानी क्षेत्रों में आना चाहते हैं। ऐसे में लगातार शिक्षक प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और नियमों को ताक पर रखकर मैदानी क्षेत्र में सेवा देने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे शिक्षकों को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एक बार फिर से सिफारिश कर पहाड़ पर नौकरी करने के बजाय मैदान में नौकरी करने वालों पर सख्त लहजे में चेतावनी दी है। 


Body:शिक्षा मंत्री ने बताया कि तबादला एक्ट आगामी 25 जून तक प्रभावित है और जब पहाड़ी प्रदेश बनाया है तो पहाड़ को क्यू छोड़े। लेकिन जो लोग अपनी सुविधा के नीचे उत्तराखंड प्रदेश को दबाना चाहते हैं, यहां के विद्यार्थियों के भविष्य को दबाना चाहते हैं, अपनी सुविधा के आगे पूरे प्रदेश को कुछ नहीं समझते है लोगो से शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिनको लगता है कि वो सारे नियम- कानून को ताक पर रखकर, प्रदेश और पहाड़ की व्यवस्था को ताक पर रखकर और अपने निजी स्वार्थों के तहत सिफारिश के आधार पर पहाड़ पर नौकरी करने के बजाय मैदानी जिलों में नौकरी करना चाहते हैं। उनके लिए मेरी सख्त हिदायत है कि वह जल्द सुधर जाएं। साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह यहां के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बिल्कुल नहीं होने देंगे। 

साथ ही कहा कि कुछ ऐसे नियम है जिसके तहत गढ़वाल का शिक्षक अगर कुमाऊं में नौकरी कर रहा है तो वह कुमाऊ से वापस गढ़वाल आकर अपनी सेवाएं दे सकता है। इससे सरकार को कोई नुकसान न ही है ना ही शिक्षा को, इसके लिए शिक्षकों को एक बार के लिए छूट दी गयी है। और जिस श्रेणी में है वो शिक्षक उसी श्रेणी में उसे विद्यालय दिया जाएगा। 

बाइट - अरविंद पांडे, शिक्षा मंत्री





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