विकासनगर: पिछले दिनों उत्तरकाशी के आराकोट में बादल फटने से टौंस नदी अपने विकराल रूप में बह रही है. जिसके कारण ये नदी चारों ओर तबाही मचा रही है. उत्तराखंड और हिमाचल को जोड़ने वाली झूला ट्राली भी टौंस नदी के सामने नहीं टिक पाई. ये झूला ट्राली हिमाचल और उत्तराखंड से दर्जनों गांवो को जोड़ती है इसके बह जाने से इन इलाकों में आवाजाही ठप हो गई है. जिसके कारण इस इलाके में रहने वाले किसानों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. झूला ट्राली के बह जाने से किसानों की नकदी फसलें मंडियों में नहीं पहुंच पा रहे हैं.
कालसी तहसील के खेरवा गांव की झूला ट्राली टौंस नदी के रौद्र रूप के सामने नहीं टिक पाई. जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क एक दूसरे से कट गया. झूला ट्राली के टौंस नदी में बह जाने से किसानों की भी परेशानियां बढ़ गई हैं. झूला ट्राली न होने से हिमाचल के दर्जनों गांवों के किसानों का उत्तराखंड की मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसके कारण उनकी मिर्च ,टमाटर आदि की नगदी फसलें खेतों में ही सड़ गई हैं.
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आवाजाही के लिए दूसरे कोई विकल्प न होने के कारण ग्रामीण घरों में कैद हैं. नदी में बही झूला ट्राली के बहने के कारण हिमाचल के कुमला ,आंध्रा ,भनोट ,शिरडी ,खटवाड़ ,पंम्था, बाग ,चितला, संभाग ,सुनोहू आदि गांव के लोगों को परेशानी से जूझना पड रहा है.वहीं शुक्रवार को स्थानीय ग्रामीणों ने टौस नदी में जान जोखिम में डालकर झूला ट्राली को जोड़ने का प्रयास किया.
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इस इलाके के लोग लंबे समय से सरकारों से एक झूला पुल का मांग कर रहे हैं. जिसे आजतक पूरा नहीं किया गया. ऐसे में आने वाले समय में देखना होगा कि दर्जनों गांवों की लाइफलाइन के तौर पर जाने वाली झूला ट्राली को लेकर दोनों राज्यों की सरकारें क्या कुछ करती हैं?