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विकासनगर: टौंस नदी में बही झूला ट्राली, दर्जनों गांव का संपर्क कटा

कालसी तहसील के खेरवा गांव की झूला ट्राली टौंस नदी के रौद्र रूप के सामने नहीं टिक पाई. जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क एक दूसरे से कट गया. झूला ट्राली के टौंस नदी में बह जाने से किसानों की भी परेशानियां बढ़ गई हैं.

टौंस नदी में बही झूला ट्राली.
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Published : Aug 30, 2019, 11:19 PM IST

विकासनगर: पिछले दिनों उत्तरकाशी के आराकोट में बादल फटने से टौंस नदी अपने विकराल रूप में बह रही है. जिसके कारण ये नदी चारों ओर तबाही मचा रही है. उत्तराखंड और हिमाचल को जोड़ने वाली झूला ट्राली भी टौंस नदी के सामने नहीं टिक पाई. ये झूला ट्राली हिमाचल और उत्तराखंड से दर्जनों गांवो को जोड़ती है इसके बह जाने से इन इलाकों में आवाजाही ठप हो गई है. जिसके कारण इस इलाके में रहने वाले किसानों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. झूला ट्राली के बह जाने से किसानों की नकदी फसलें मंडियों में नहीं पहुंच पा रहे हैं.

टौंस नदी में बही झूला ट्राली.

कालसी तहसील के खेरवा गांव की झूला ट्राली टौंस नदी के रौद्र रूप के सामने नहीं टिक पाई. जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क एक दूसरे से कट गया. झूला ट्राली के टौंस नदी में बह जाने से किसानों की भी परेशानियां बढ़ गई हैं. झूला ट्राली न होने से हिमाचल के दर्जनों गांवों के किसानों का उत्तराखंड की मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसके कारण उनकी मिर्च ,टमाटर आदि की नगदी फसलें खेतों में ही सड़ गई हैं.

पढ़ें-मसूरी में भाजपा के सदस्यता अभियान का शुभारंभ, ढोल नगाड़ों की धुन पर नाचे कार्यकर्ता

आवाजाही के लिए दूसरे कोई विकल्प न होने के कारण ग्रामीण घरों में कैद हैं. नदी में बही झूला ट्राली के बहने के कारण हिमाचल के कुमला ,आंध्रा ,भनोट ,शिरडी ,खटवाड़ ,पंम्था, बाग ,चितला, संभाग ,सुनोहू आदि गांव के लोगों को परेशानी से जूझना पड रहा है.वहीं शुक्रवार को स्थानीय ग्रामीणों ने टौस नदी में जान जोखिम में डालकर झूला ट्राली को जोड़ने का प्रयास किया.

पढ़ें-राजधानी में लगातार बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, स्वास्थ्य महानिदेशक ने किया शहर का निरीक्षण

इस इलाके के लोग लंबे समय से सरकारों से एक झूला पुल का मांग कर रहे हैं. जिसे आजतक पूरा नहीं किया गया. ऐसे में आने वाले समय में देखना होगा कि दर्जनों गांवों की लाइफलाइन के तौर पर जाने वाली झूला ट्राली को लेकर दोनों राज्यों की सरकारें क्या कुछ करती हैं?

विकासनगर: पिछले दिनों उत्तरकाशी के आराकोट में बादल फटने से टौंस नदी अपने विकराल रूप में बह रही है. जिसके कारण ये नदी चारों ओर तबाही मचा रही है. उत्तराखंड और हिमाचल को जोड़ने वाली झूला ट्राली भी टौंस नदी के सामने नहीं टिक पाई. ये झूला ट्राली हिमाचल और उत्तराखंड से दर्जनों गांवो को जोड़ती है इसके बह जाने से इन इलाकों में आवाजाही ठप हो गई है. जिसके कारण इस इलाके में रहने वाले किसानों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. झूला ट्राली के बह जाने से किसानों की नकदी फसलें मंडियों में नहीं पहुंच पा रहे हैं.

टौंस नदी में बही झूला ट्राली.

कालसी तहसील के खेरवा गांव की झूला ट्राली टौंस नदी के रौद्र रूप के सामने नहीं टिक पाई. जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क एक दूसरे से कट गया. झूला ट्राली के टौंस नदी में बह जाने से किसानों की भी परेशानियां बढ़ गई हैं. झूला ट्राली न होने से हिमाचल के दर्जनों गांवों के किसानों का उत्तराखंड की मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसके कारण उनकी मिर्च ,टमाटर आदि की नगदी फसलें खेतों में ही सड़ गई हैं.

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आवाजाही के लिए दूसरे कोई विकल्प न होने के कारण ग्रामीण घरों में कैद हैं. नदी में बही झूला ट्राली के बहने के कारण हिमाचल के कुमला ,आंध्रा ,भनोट ,शिरडी ,खटवाड़ ,पंम्था, बाग ,चितला, संभाग ,सुनोहू आदि गांव के लोगों को परेशानी से जूझना पड रहा है.वहीं शुक्रवार को स्थानीय ग्रामीणों ने टौस नदी में जान जोखिम में डालकर झूला ट्राली को जोड़ने का प्रयास किया.

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इस इलाके के लोग लंबे समय से सरकारों से एक झूला पुल का मांग कर रहे हैं. जिसे आजतक पूरा नहीं किया गया. ऐसे में आने वाले समय में देखना होगा कि दर्जनों गांवों की लाइफलाइन के तौर पर जाने वाली झूला ट्राली को लेकर दोनों राज्यों की सरकारें क्या कुछ करती हैं?

Intro:पिछले दिनों उत्तरकाशी के आराकोट में बादल फटने से टोंस नदी अपने विकराल रूप में उफनती हुई नजर आई जिसके तबाही के मंजर से हर कोई हक्का-बक्का रह गया वही उत्तराखंड और हिमाचल को जोड़ने वाला रस्सी के सहारे झूला ट्राली टोंस नदी अपने बहाव के साथ ले गई. झूला ट्राली के बह जाने हिमाचल से उत्तराखंड को जोड़ने वाले एक दर्जन गांव के आवाजाही ठप हो गई. लोगों की नकदी फसलें उत्तराखंड की मंडियों में नहीं पहुंच सकी जिस कारण से लोगों ने आज स्वयं टोंस नदी में उतरकर जान जोखिम में डालकर फिर से जीवन जीने के लिए उफनती हुई टोंस नदी में रस्सी के सहारे झूला ट्रॉली जोड़ने का प्रयास किया.


Body:उत्तराखंड के देहरादून जिले की तहसील कालसी का खेरवा गांव से झूला ट्राली से हिमाचल के एक दर्जन गांव के किसान अपनी नगदी फसलें उत्तराखंड की मंडियों में पहुंचाते रहे हैं लेकिन पिछले दिनों उत्तरकाशी के आराकोट में बादल फटने के कारण टोंस नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया था जिसके चलते उफनती हुई टोंस नदी उत्तराखंड व हिमाचल को जोड़ने वाला झूला ट्राली को अपने साथ बहा ले गई जिससे हिमाचल के एक दर्जन गांवों के किसानों का आवागमन उत्तराखंड से कट गया जिस कारण से उनकी मिर्च ,टमाटर आदि नगदी फसलें खेतों में ही सड़ गई वह आवागमन का कोई दूसरा रास्ता नहीं होने के चलते ग्रामीण आज भी घरों में कैद हैं अन्य मार्ग से जाने के लिए 8 से 10 किलोमीटर अतिरिक्त पैदल दूरी नापनी पड़ रही है हिमाचल के कुमला ,आंध्रा ,भनोट ,शिरडी ,खटवाड़ ,पंम्था, बाग ,चितला, संभाग ,सुनोहू आदि गांव के लोगों को परेशानी से जूझना पड रहा है.


Conclusion:वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने आज टोंस नदी में जान जोखिम में डालकर झूला ट्राली को जोड़ने के लिए उफनती नदी में कूद पड़े और फिर से एक दर्जन गांव की लाइफलाइन को जोड़ने का प्रयास किया गया देखना यह होगा कि क्या उत्तराखंड सरकार व हिमाचल सरकार टोंस नदी पर उत्तराखंड व हिमाचल के ग्रामीणों को एक अदद झूला पुल बनाए जाने के लिए कितना प्रयास करती है देखना यह होगा कि उत्तराखंड में हिमाचल की सीमा के बीचो बीच बहने वाली टोंस नदी के ऊपर झूला पुल बन पाएगा या नहीं यह तो भविष्य की गर्त में है तब तक उत्तराखंड व हिमाचल के किसान यूहीं अपनी जान जोखिम में डालकर टॉस नदी को पार करते रहेंगे वह अपनी नगदी फसलों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए जूझते रहेंगे.
बाइट_ स्थानीय ग्रामीण
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