बागेश्वर/देहरादून: उत्तराखंड में बीते 24 घंटों से बारिश और बाढ़ का कहर जारी है. जगह-जगह से भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं. राजधानी देहरादून में रिस्पना नदी उफान पर है. बागेश्वर में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है.
बागेश्वर में लाखों रुपए का नुकसान
बागेश्वर में बीते दिनों बारिश ने काफी कहर बरपाया था. जिले में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जिलाधिकारी बागेश्वर रंजना राजगुरु ने बताया कि बीते दिनों अतिवृष्टि से गरुड़, कौसानी, पंद्रहपाली, पंतक्वेराली, जेठाई और कांडा समेत कई क्षेत्रों में अतिवृष्टि से करीब 60 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए थे. इस दौरान एक महिला की मलबे में दबकर मौत हो गई थी. प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था कर दी है. अतिवृष्टि से जिले की सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा है. जेसीबी मशीनों की सहायता से बंद सड़कों को खोलने का काम किया जा रहा है. वहीं ध्वस्त हुई सड़कों को ठीक किया जा रहा है. कई किसानों की फसल भी बर्बाद हुई है. नुकसान की रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जा रही है.
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देहरादून में बिंदाल और रिस्पना का जलस्तर बढ़ा
पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश का असर मैदानी जिलों में भी देखने को मिल रहा है. बारिश के कारण बिंदाल और रिस्पना नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है. ऐसे में नदियों से सटी बस्तियों पर खतरा मंडरा रहा है. लोग सहमे हुए हैं. बाढ़ के हालात को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम मुस्तैद कर दी गई है. जिला प्रशासन लगातार रिस्पना और बिंदाल के बढ़े हुए जलस्तर की मॉनिटरिंग कर रहा है. साथ ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है.
रिस्पना के तेज बहाव में पुस्ते टूटने और जाल बहने से खतरा बना बना हुआ है. इन हालात में रिस्पना नगर, ब्रह्मपुरी, बिंदाल कॉलोनी, सपेरा बस्ती, नई बस्ती, कारगी ग्रांट और सैय्यद मोहल्ला के लोग सहमे हुए हैं. देहरादून जिलाधिकारी सी रवि शंकर ने बताया कि जनपद में जितनी भी नदियां है उनका जलस्तर बढ़ गया है. रिस्पना और बिंदाल की मॉनिटरिंग की जा रही है. नदियों के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है.
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कालाढूंगी में तहसीलदार ने ली बैठक
कालाढूंगी तहसील में भी आपदा प्रबंधन को लेकर बैठक की गई. तहसीलदार गोपाल राम ने सभी पटवारियों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत पहुंचने के निर्देश दिए. तहसीलदार ने अधिकारियों को तुरंत आपदा संभावित इलाको की रिपोर्ट पेश करने को कहा. कालाढूंगी तहसील के अंतर्गत लगभग 25 प्रतिशत भाग पर्वतीय है, जहां आपदा की ज्यादा संभावना है. कालाढूंगी में अभी तक कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है.